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प्रेग्नेंसी के शुरुआती दौर में गर्भाशय ग्रीवा (cervix) में क्या बदलाव होते हैं? डॉक्टर से जानें

प्रेग्नेंसी महिलाओं को कई तरह के बदलावों से गुजरना पड़ता है। इस लेख में जानते हैं कि गर्भावस्था के पहले दौर में महिलाओं के गर्भाशय ग्रीवा में क्या बदलाव देखने को मिलते हैं?
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प्रेग्नेंसी के शुरुआती दौर में गर्भाशय ग्रीवा (cervix) में क्या बदलाव होते हैं? डॉक्टर से जानें


प्रेग्नेंसी में महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं और यह बदलाव प्रेग्नेंसी की शुरुआत से ही शुरु हो जाते हैं। गर्भावस्था में महिलाओं की गर्भाशय ग्रीवा यानी सर्विकस में भी बदलाव होते हैं। गर्भाशय ग्रीवा यानी सर्विकस वह हिस्सा है जो गर्भाशय को वजाइना से जोड़ता है। जब गर्भधारण होता है, तो शरीर के कई हिस्सों में परिवर्तन होते हैं, और सर्विक्स उन सबसे पहले और अहम हिस्सों में से एक है जहां बदलाव दिखाई देने लगते हैं। हालांकि, इन बदलावों का दौर प्रेग्नेंसी के अंतिम दौर तक चलता है। फिलहाल इस लेख में साईं पॉलिक्लीनिक की सीनियर गाइनाक्लॉजिस्ट डॉ विभा बंसल से जानते हैं कि गर्भावस्था की शुरुआत में सर्विक्स में क्या-क्या बदलाव होते हैं, ये बदलाव क्यों होते हैं और इनका क्या महत्व है।

सर्विक्स का सामान्य कार्य क्या होते हैं?

सर्विक्स एक मजबूत, मांसपेशियों से बना छोटा सा भाग होता है जो योनि के ऊपर स्थित होता है। इसके मुख्य कार्यों को आगे बताया गया है। 

  • योनि और गर्भाशय के बीच संपर्क बनाए रखना
  • पीरियड्स के दौरान रक्त का प्रवाह बाहर निकालना
  • गर्भावस्था के समय भ्रूण की सुरक्षा करना
  • प्रसव के समय फैलकर शिशु को बाहर निकालने में मदद करना
  • गर्भावस्था में हार्मोनल बदलाव और सर्विक्स पर प्रभाव

गर्भधारण के तुरंत बाद, शरीर में प्रोजेस्टेरोन (Progesterone) और एस्ट्रोजन (Estrogen) जैसे हार्मोन का स्तर बहुत तेज़ी से बढ़ता है। ये हार्मोन गर्भाशय को गर्भधारण के लिए तैयार करते हैं और भ्रूण को सुरक्षित माहौल प्रदान करते हैं। प्रोजेस्टेरोन मुख्तः सर्विक्स को मुलायम, मोटा और बंद रखता है, ताकि गर्भाशय में पल रहे भ्रूण को बाहरी संक्रमण से बचाया जा सके।

गर्भावस्था के शुरुआती हफ्तों में सर्विक्स में होने वाले प्रमुख बदलाव - Major Changes In The Cervix During Early Pregnancy In Hindi

सर्विक्स की स्थिति (Position) में बदलाव

गर्भधारण के शुरुआती दिनों में, सर्विक्स की स्थिति बदल जाती है। आमतौर पर ओवुलेशन के समय सर्विक्स ऊंचा, नरम और खुला होता है। अगर गर्भधारण नहीं हुआ तो यह नीचे आ जाता है और सख्त हो जाता है। लेकिन अगर गर्भावस्था हो गई हो, तो यह ऊंचा, मुलायम और बंद हो जाता है। यह बदलाव सभी महिलाओं में एक जैसा नहीं होता, लेकिन यह एक सामान्य संकेत है।

How does the cervix change in early pregnancy in

सर्विक्स की बनावट (Texture) में परिवर्तन

गर्भवती महिला का सर्विक्स सामान्य से अधिक मुलायम हो जाता है। इसे चिकित्सकीय भाषा में "गूडल साइन (Goodell’s Sign)" कहा जाता है। यह प्रेग्नेंसी के 4 से 6 हफ्तों के बीच महसूस किया जा सकता है।

सर्विक्स का रंग (Color) बदलना

हार्मोनल प्रभाव से सर्विक्स में खून का प्रवाह बढ़ जाता है, जिससे यह थोड़ा नीला या बैंगनी रंग का हो जाता है। इसे "Chadwick's Sign" कहा जाता है और यह गर्भावस्था के 6 से 8 सप्ताह के बीच देखा जा सकता है।

सर्विकल म्यूकस में बदलाव

गर्भावस्था की शुरुआत में सर्विक्स गाढ़ा और चिपचिपा बलगम (cervical mucus) बनाता है, जो धीरे-धीरे "म्यूकस प्लग" बनाता है। यह प्लग गर्भाशय के मुंह को बंद करके बैक्टीरिया और संक्रमण से भ्रूण की रक्षा करता है। यह प्लग पूरी प्रेग्नेंसी में बना रहता है और डिलीवरी से ठीक पहले बाहर निकलता है।

प्रारंभिक गर्भावस्था में सर्विक्स में होने वाले बदलाव कैसे महसूस होते हैं? - How Do Changes In The Cervix Feel In Early Pregnancy?

प्रारंभिक गर्भावस्था में सर्विक्स में हो रहे इन बदलावों को सामान्य रूप से महिला स्वयं महसूस नहीं कर सकती। हालांकि कुछ महिलाएं आगे बताए लक्षणों के माध्यम से अलग रूप से इन्हें महसूस कर सकती हैं।

  • हल्की मरोड़ या भारीपन महसूस होना
  • गाढ़े सफेद रंग का डिस्चार्ज
  • वजाइना के क्षेत्र में सूजन या संवेदनशीलता
  • गर्भावस्था परीक्षण पॉजिटिव आना (इन बदलावों की पुष्टि का सबसे विश्वसनीय तरीका)

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गर्भावस्था की स्थिति और विकास को समझने के लिए डॉक्टर समय-समय पर सर्विक्स की स्थिति की जांच करते हैं। लंबाई (Cervical length) से यह पता लगाया जाता है कि समय से पहले प्रसव का खतरा है या नहीं। ओपनिंग (Dilation) से मालूम चलता है कि लेबर की शुरुआत में सर्विक्स कितना खुला है, इसकी जांच की जाती है। वहीं, म्यूकस प्लग का निकलना यह दर्शाता है कि प्रसव निकट है। गर्भावस्था की शुरुआत में सर्विक्स में जो परिवर्तन होते हैं, वे महिला के शरीर में चल रही एक प्रक्रिया का संकेत हैं। ये परिवर्तन भ्रूण की सुरक्षा और ग्रोथ के लिए आवश्यक हैं। हालांकि ये बदलाव आम तौर पर महिला को प्रत्यक्ष रूप से महसूस नहीं होते, लेकिन मेडिकल एग्जामिन में इन बदलावों को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।

FAQ

  • प्रेग्नेंट होने पर शरीर में क्या-क्या बदलाव आते हैं?

    प्रेग्नेंट होने पर पीरियड का मिस होना, स्तनों में दर्द या कोमलता, और थकान महसूस होना। जैसे-जैसे प्रेगनेंसी आगे बढ़ती है, और भी बदलाव आते हैं, जैसे कि मतली, उल्टी, और खाने की इच्छा में बदलाव होता है।
  • प्रेगनेंसी के दौरान क्या-क्या परेशानियां होती हैं?

    मतली और उल्टी आना, खासकर अगर यह गर्भावस्था की शुरुआत है। इसके अलावा, प्रेग्नेंसी के शुरुआती दौर में स्तनों में सूजन आना, थकान, पीठ के निचले भाग में दर्द और पैर और टखने में सूजन आने की समस्या हो सकती है। 

 

 

 

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