Can Early Pregnancy Affect Digestion in Hindi: प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं की शरीर में कई प्रकार के उतार-चढ़ाव होते हैं। कुछ महिलाओं में अर्ली प्रेग्नेंसी होती है तो वहीं, कुछ को प्रेग्नेंसी देर से होती है। प्रेग्नेंसी होने पर महिलाओं में वजन बढ़ने के साथ-साथ कुछ मामलों में बार-बार यूरीन आने की भी समस्या बनी रहती है। इसके साथ-साथ कुछ महिलाओं को मूड स्विंग, थकान और जी मचलाने जैसी समस्या रहती है। हालांकि, ऐसा होना आम बात है। वहीं, प्रेग्नेंसी के शुरुआती दिनों में कई बार महिलाओं को मिसकैरेज, एनीमिया और इंफेक्शन जैसा भी खतरा रहता है।
वहीं, कुछ महिलाओं को प्रेग्नेंसी के शुरुआती दिनों में पाचन से जुड़ी समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। क्या आप के साथ भी ऐसा होता है? अगर हां, तो इस लेख को जरूर पढ़ें। आइये नई दिल्ली स्थित शांता फर्टिलिटी सेंटर की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. अनुभा सिंह से जानते हैं क्या वाकई प्रेग्नेंसी के शुरुआती दिनों में पाचन तंत्र से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है? How Early Pregnancy Causes Diarrhea in Hindi) -
क्या प्रेग्नेंसी के शुरुआती दिनों में पाचन से जुड़ी समस्याएं होती हैं?
डॉक्टर के मुताबिक प्रेग्नेंसी के शुरुआती दिनों में शरीर में अन्य तरह के बदलाव आने के साथ-साथ कई स्वास्थ्य समस्याओं का भी खतरा रहता है। इसके अलावां प्रेग्नेंसी के शुरुआती दिनों में असर आपके पाचन तंत्र पर भी पड़ता है। इस स्थिति में शरीर में हार्मोन्स में बदलाव होने लगते हैं, जिसके चलते न केवल कब्ज बल्कि, पाचन तंत्र से जुड़ी अन्य समस्याएं भी होने लगती हैं। इस स्थिति में कई बार मलत्याग करने में भी कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। इसके साथ-साथ आपको हार्टबर्न और एसिड रिफ्लक्स की भी समस्या हो सकती है।
प्रेग्नेंसी के शुरुआती दिनों में पाचन तंत्र पर क्या असर पड़ता है?
1. हार्टबर्न
प्रेग्नेंसी के शुरुआती दिनों में महिलाओं को हार्टबर्न की समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है। दरअसल, प्रेग्नेंसी के शुरुआती दिनों में प्रोजेस्टेरॉन हार्मोन प्रभावित हो जाता है। इसके चलते पेट में मौजूद एसिड आहार नली के रास्ते वापस जाने लगता है। इससे सीने में जलन या हार्टबर्न की समस्या होने लगती है। इसके अलावा बच्चेदानी बढ़ने पर पाचन तंत्र पर दबाव पड़ता है, जिससे पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
2. कब्ज
प्रेग्नेंसी के शुरुआती दिनों में आपको कब्ज का भी सामना करना पड़ सकता है। दरअसल, इस स्थिति में हार्मोन्स कई बार अनियंत्रित होने लगते हैं, जिसके चलते कब्ज की समस्या होने लगती है। ऐसे में मलत्याग करने में भी कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। आमतौर पर ऐसा प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही के दूसरे और तीसरे महीने में हो सकता है।
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3. डायरिया
कुछ मामलों में महिलाओं को प्रेग्नेंसी के शुरुआती दिनों में डायरिया का भी सामना करना पड़ सकता है। प्रोजेस्टेरॉन हार्मोन में उतार-चढ़ाव आने के चलते आपको डायरिया और कब्ज जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। इस हार्मोन के चलते गट हेल्थ की कार्यक्षमता कम हो जाती है, जिससे आंतें और पाचन तंत्र सुचारू रूप से काम करने में असमर्थ महसूस करने लगता है। इसलिए इससे बचने के लिए आपको अपने खान-पान को नियंत्रित रखने की जरूरत है।