Child Growth Tips in Hindi: बच्चा जब जन्म लेता है तो माता-पिता बच्चे के सही विकास के लिए काफी कुछ करना चाहते हैं। वे किताबें पढ़ते हैं, कई सारे सवाल करते हैं, क्योंकि बच्चों का 0 से 5 साल की उम्र के बीच ही सबसे बेहतर विकास होता है। इस दौरान बच्चा शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से तेजी से ग्रो करता है। ऐसे में बच्चों के सही विकास के लिए किन बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए, यह सब जानने के लिए हमने सर गंगा राम अस्पताल के बाल स्वास्थ्य संस्थान के वरिष्ठ सलाहकार, नियोनेटोलॉजिस्ट, डॉ. अनूप ठाकुर (Dr. Anup Thakur, Senior Consultant, Neonatology, Institute of Child Health, Sir Ganga Ram Hospital) से विस्तार में बात की। उन्होंने बताया कि बच्चों के सही ग्रोथ के लिए पहले पांच साल क्यों जरूरी हैं, किस तरह से उनकी देखभाल करें और कैसे शारीरिक और मानसिक रूप से बच्चों का सही विकास होगा।
बच्चों के लिए क्यों जरूरी हैं पहले 5 साल-Why are the first 5 years important for children?
दरअसल, बच्चा जब जन्म लेता है तो उसका दिमाग पूरी तरह से विकसित नहीं होता, वह समय के साथ धीरे-धीरे विकसित होता है। इसमें पहले 5 साल महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जन्म से 5 साल के बीच बच्चों का शारीरिक और मानसिक दोनों का विकास बेहतर होगा तो यह बच्चे के लिए अच्छा होगा। डॉक्टर बताते हैं कि इस दौरान बच्चों को पोषण, फिजिकल एक्टिविटी और उनकी सही देखभाल बेहतर भविष्य की नींव रखते हैं। इसलिए जरूरी है इस दौरान बच्चों का ध्यान अच्छे से रखा जाए, तो बच्चे शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत होंगे।
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बच्चों के विकास के अहम पड़ाव-What are the important stages of child development?
बच्चों के विकास के अलग-अलग पड़ाव होते हैं। शारीरिक और मानसिक विकास की स्थिति भी अलग होती है। हालांकि, शारीरिक विकास की महत्वपूर्ण प्रक्रिया है मील का पत्थर। आइए एक-एक कर जानते हैं विकास के विभिन्न पड़ाव।बच्चों का शारीरिक विकास
0 से 3 महीने
इस दौरान नवजात शिशु धीरे-धीरे नेचुरल चीजें करना शुरू करता है, जैसे चूसना, पकड़ना और चीजों को महसूस करना। कई बार बच्चे अपने हाथ हिलाने-डुलाने लग जाते हैं और मुट्ठी बंद करते हैं। माता-पिता को बच्चों के सही विकास के लिए उसे लिटाकर खेलने देना चाहिए। हिलने-डुलने से बच्चों के हाथ-पैर मजबूत होते हैं।
3 से 6 महीने
इस उम्र में शिशुओं का विकास और बेहतर होता है। दरअसल, अधिकतर इस अवस्था में बच्चे पलटना, सहारे से खिसकना, किसी ठोस वस्तु को पकड़कर ऊपर की ओर खिंचना और चीजों को मुंह में देना शुरू कर देते हैं। ऐसे में माता-पिता को बच्चों की हर चीज पर ध्यान रखना चाहिए। बच्चे किसी भी खराब चीज को मुंह में डाल लेते हैं।
6 से 9 महीने
इस उम्र में बच्चे थोड़े एक्टिव हो जाते हैं। बच्चे रेंगना शुरू कर देते हैं और बिना सहारे के बैठने लग जाते हैं। इस उम्र में माता-पिता को बच्चों के सही विकास के लिए उन्हें हाथ पकड़कर चलाना सिखाना चाहिए।
9 से 12 महीने
विकास की इस स्थिति में बच्चे खुद से बैठने लग जाते हैं। उन्हें सहारे की जरूरत नहीं पड़ती। बच्चे बिना किसी सहारे के चलने लगते हैं और चीजों को उठा सकते हैं। बॉल को किक कर सकते हैं। यह फेज बच्चों के खड़े होने और चलने की स्थिति को मील का पत्थर कहा जाता है।
1 से 5 साल- एक साल के बाद बच्चों का सही विकास हो जाता है, लेकिन पूरा विकास नहीं होता। धीरे-धीरे बच्चों को मजबूती मिलती है। जानते हैं 1 से 5 साल तक बच्चों का विकास कैसे होता है?
1 से 2 साल
इस उम्र में बच्चे खड़े होकर चीजें उठा सकते हैं, पेंटिंग कर सकते हैं, क्रेयॉन से कुछ लिख सकते हैं, सीढ़ियां चढ़ना-उतरना और किसी भी गाने पर झूमना आदि। यह सब शारीरिक विकास का एक हिस्सा है।
2 से 3 साल
इस पड़ाव में बच्चे दौड़ते हैं, कूदते हैं, गेंद को किक मारते हैं, एक पैर पर खड़े होते हैं, किताबें पलटते हैं, और पेंसिल पकड़ते हैं। यह सब करने लग जाते हैं।
3 से 4 साल
इस पड़ाव में बच्चे बच्चों वाले स्कूटर चलाना, बिना किसी मदद के नीचे उतरना, गेंद को फेंकना और सीधे चलना आदि करते हैं। यह शारीरिक विकास का हिस्सा है।
4 से 5 साल
इस उम्र में काफी शैतानी करने लग जाते हैं। पीछे की ओर चलना, कलाबाजी करना, अक्षर लिखना, कैंची से पेपर काटना, लाइन खींचना आदि करने लग जाते हैं।
बच्चों के सही शारीरिक विकास के लिए माता-पिता क्या करें-What should parents do for the proper physical development of their children?
0 से 5 साल के बच्चों के सही शारीरिक विकास के लिए माता-पिता को बहुत सी बातों का ध्यान रखना चाहिए। इस उम्र में बच्चे चलना, बोलना और दौड़ना सीखते हैं, जिससे बच्चों का सही विकास होता है। ऐसे में माता-पिता को बच्चों को ऐसा वातावरण देना चाहिए जिससे बच्चे सही तरीके से ग्रो कर पाएं। बच्चों के लिए स्कूटर लाएं, उन्हें क्रेयॉन दिलवाएं और बच्चों को अपनी निगरानी में खेलने दें। बॉल से किक करने को कहें, पेंटिंग करवाएं, कटिंग करवाएं, ड्रॉइंग करवाएं आदि। जब पैरेंट्स की निगरानी में बच्चे यह सब करते हैं, तो उन्हें किसी तरह का नुकसान भी नहीं पहुंच सकता।
बच्चों का मानसिक विकास
बता दें कि जब बच्चे का जन्म होता है, उस दौरान बच्चे का दिमाग विकसित नहीं होता, लेकिन धीरे-धीरे यह विकसित होता है। माना जाता है कि बच्चों का 90 प्रतिशत 5 साल तक की उम्र में विकसित हो जाता है।
0 से 3 महीने
इस दौरान बच्चे देखना शुरू कर देते हैं, चीजों और चेहरों को घूरते हैं और ध्यान से देखने लग जाते हैं। बोतल चूसना शुरू कर देते हैं और स्वर, मात्रा में अंतर समझना शुरू कर देते हैं।
3 से 6 महीने
इस पड़ाव में बच्चे जानी-पहचानी आवाज और चेहरे को महसूस करने लग जाते हैं, यानी रोज दिखने वाले चेहरे और आवाजों को पहचानने लगते हैं। अलग चेहरों पर उनकी प्रतिक्रिया भी आने लग जाती है।
6 से 9 महीने
इस पड़ाव में बच्चे सजीव और निर्जीव चीजों में अंतर समझने लगते हैं। हवा में लटकी हुई चीजें, पतंग या गुब्बारे को घूरते हैं और अधिक समय तक देखते रहते हैं। चित्रों में अंतर समझने लग जाते हैं।
9 से 12 महीने
इस पड़ाव में बच्चे चीजों या खिलौनों को फैलाना शुरू कर देते हैं, दूसरों की नकल करना शुरू कर देते हैं, और किसी के बोलने पर प्रतिक्रिया देने लग जाते हैं।
1 से 2 साल
इस उम्र में बच्चे अपने से बड़े लोगों की भाषा या एक्टिविटी की नकल करने लगते हैं। इसके अलावा, वे 'मैं' या 'तुम' की भावना को समझने लग जाते हैं।
2 से 3 साल
इस उम्र में बच्चे चीजों और लोगों में फर्क करना सीख जाते हैं, जैसे जानवर, आकृतियां, संख्याएं और फूल आदि। नाम बोलना सीख जाते हैं, खेलकूद में व्यस्त रहने लगते हैं, और छोटी-छोटी चीजें बोलना शुरू कर देते हैं। घर-घर खेलना, फोन पर बातें करना और नकल करना, यह सब करते हैं।
3 से 4 साल
इस उम्र के बच्चे मुश्किल विचारों को समझने की कोशिश करते हैं। दुनिया को देखते हैं और उस बारे में सवाल करना शुरू करते हैं। बच्चे यह भी सोचते हैं कि यह चीज कैसे काम करती है, यह क्या है, या वह क्या है। उनका दिमाग इसी तरह विकसित होता है।
4 से 5 साल
4 साल की उम्र पार करने के बाद बच्चे काफी कुछ सीख जाते हैं। शारीरिक और मानसिक रूप से बेहतर भी हो जाते हैं। चित्र बना सकते हैं, वे कहां रहते हैं यह पता चल जाता है। साथ ही रंगों में पहचान करने लग जाते हैं और चित्रों को बनाना भी शुरू कर देते हैं।
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बच्चों के सही मानसिक विकास के लिए माता-पिता क्या करें-What should parents do for the proper mental development of their children?
माता-पिता का बहुत जरूरी काम होता है बच्चों का ध्यान रखना, उन्हें न कि सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी मजबूत बनाना। खासतौर पर शुरुआती 5 साल बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। यह वक्त होता है जब बच्चे भावनाएं और दूसरे से जुड़ने के तरीके सीखते हैं। अगर बच्चों को छोटे पर यानी 5 साल तक प्यार, भावनाएं और जुड़ाव न सिखाया जाए, तो वह मानसिक रूप से मजबूत नहीं बन पाते। इसलिए जरूरी है कि बच्चों के लिए अच्छा माहौल बनाएं। उनके दिमागी कसरत के लिए उनके साथ खेल खेलें। उनसे प्यार करें और सही पोषण दें। हालांकि कुछ और बातों का ध्यान रखा जाना जरूरी है।
निष्कर्ष
शिशु की देखभाल 0 से 5 साल के बीच बहुत जरूरी होती है। इस दौरान ही बच्चे का सही शारीरिक और मानसिक विकास होता है। बच्चों के शारीरिक विकास के लिए माता-पिता को अपनी निगरानी में खेलने-कूदने देना चाहिए और मानसिक विकास के लिए उनसे प्यार करें और अच्छा माहौल रखें। साथ ही बच्चे जो भी सवाल पूछ रहे हैं, उन्हें जवाब दें क्योंकि बच्चे सवाल पूछेंगे, तो उनकी तार्किक क्षमता बेहतर होगी।
FAQ
बच्चों का ध्यान कैसे रखना चाहिए?
बच्चों के सही विकास के बारे में सोचना चाहिए। बच्चे शारीरिक और मानसिक रूप से कैसे मजबूत हो रहे हैं, उन बातों का ध्यान रखना चाहिए।बच्चों के विकास के लिए सबसे जरूरी क्या है?
बच्चों के सही विकास के लिए सही आहार, साफ-सफाई और उनकी देखभाल करना है।5 साल के बच्चे को हेल्दी कैसे बनाएं?
सही डाइट की आदत डालें। बच्चों को फल, सब्जियां, दूध और अनाज खिलाएं। बच्चों को खेलने के लिए प्रेरित करें।