Watery Eyes in Newborns what to do and what to avoid : नवजात शिशुओं की देखभाल करना बहुत ही मुश्किल काम होता है। जन्म के तुरंत बाद जब बच्चा मां के पेट से बाहर आता है और दुनिया के वातावरण से संपर्क बनाता है, तो उसे कई प्रकार की समस्याएं होती हैं। इन्हीं समस्याओं में से एक है नवजात शिशुओं की आंखों से पानी आना। अधिकांश पेरेंट्स नवजात शिशु की आंखों से पानी आने पर पेरेंट्स परेशान हो जाते हैं और समझ नहीं पाते हैं कि उन्हें इस स्थिति में क्या करना चाहिए।
नवजात शिशु की आंख से पानी आने का कारण- Causes of watery eyes in a newborn baby
लखनऊ के गोमतीनगर स्थित आनंद केयर क्लीनिक के बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. तरुण आनंद के अनुसार, जन्म के बाद शुरुआती महीनों में शिशु की एक या दो आंखों से आंसू आना एक सामान्य स्थिति है। ये मुख्य रूप से अवरुद्ध नासोलैक्रिमल डक्ट (आंसू की नली) के कारण होता है, जो एक सामान्य स्थिति है जो आमतौर पर अपने आप ठीक हो जाती है।लेकिन आंख से पानी आने के साथ-साथ लालिमा, सूजन या पीले रंग का मवाद भी आ रहा हो, तो यह संक्रमण हो सकता है। इस स्थिति में शिशु को डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।
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क्या करें जब नवजात की आंख से पानी आए- What to do when your newborn has watery eyes
1. लैक्रिमल सैक मसाज (क्रिगलर मसाज)
अपनी साफ तर्जनी उंगली का उपयोग करके अपने बच्चे की आंख के अंदरूनी कोने के पास धीरे से दबाएं और नाक के किनारे नीचे की ओर स्ट्रोक करें। इस प्रक्रिया को दिन में 4 से 4 बार दोहराएं। लैक्रिमल सैक मसाज अवरुद्ध नली को खोलने में मदद करता है। इससे आंख से पानी आने की समस्या काफी हद तक कम हो सकती है।
2. आंखों की सफाई- Regular Eye Cleaning
डॉ. तरुण आनंद का कहना है कि शिशु की आंखों से आने वाला पानी चिपचिपा महसूस हो रहा है, तो गुनगुने उबले पानी में डूबा हुआ मुलायम सूती कपड़ा लेकर साफ करें। हमेशा अंदरूनी कोने से बाहर की ओर पोंछें और हर बार इस्तेमाल के बाद कपड़ा फेंक दें।
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3. स्तन दूध की एक बूंद - Breast Milk Therapy
नवजात शिशु की आंखों की देखभाल के लिए मां के स्तनों के दूध का इस्तेमाल सदियों से किया जा रहा है। मां के दूध में प्राकृतिक एंटीबॉडी और सूजन-रोधी गुण होते हैं। शिशु की आंख में एक बूंद मां के दूध की डालने से संक्रमण से बचाव होता है।
4. सफाई का करें ध्यान
कई बार शिशु की आंखों से पानी आने की समस्या गंदगी के कारण भी होती है। इस स्थिति में तौलिया, रुमाल या कॉटन बॉल से बच्चों की आंख, चेहरे और मुंह को अच्छे से नियमित तौर पर साफ करें। एक बार इस्तेमाल करने के बाद उसे फेंक दें।
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क्या न करें जब नवजात की आंख से पानी आए- What not to do when a newborn's eyes are watery
- शिशु की आंखों को बार-बार छूने से बचें। ज्यादा छूने से संक्रमण का खतरा बढ़ता है और लालिमा व सूजन की समस्या हो सकती है।
- आंख की समस्याएं बहुत नाजुक होती हैं, किसी भी धार्मिक या पारंपरिक झाड़-फूंक से बचना चाहिए। शिशु को आंखों की समस्या होने पर सीधे डॉक्टर से मिलें।
- बिना डॉक्टरी सलाह के नवजात की आंखों में ड्रॉप और दवा बिल्कुल न डालें। कई ड्रॉप्स नवजात के लिए सुरक्षित नहीं होते हैं। इनका इस्तेमाल करने से इंफेक्शन का खतरा बढ़ता है।
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- नवजात की त्वचा और आंख बहुत संवेदनशील होती हैं, इसलिए गर्म पट्टी या भाप का इस्तेमाल बिल्कुल न करें।
डॉ. तरुण आनंद का कहना है कि ज्यादातर मामलों में 6-12 महीने में बिना किसी मेडिकल प्रक्रिया की जरूरत के ठीक हो जाता है। लेकिन अगर आंख लाल, सूजी हुई रहती है या स्राव खराब हो जाता है, तो अपने बाल रोग विशेषज्ञ से सलाह लेना जरूरी है।
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निष्कर्ष
नवजात की आंख से पानी आना एक सामान्य स्थिति है, लेकिन इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। नवजात शिशु की आंखों से पानी आने की स्थिति में माता-पिता को चाहिए कि वे सफाई का विशेष तौर पर ध्यान रखें और जरूरत आने पर डॉक्टर से मिलें।
FAQ
क्या नवजात बच्चों की आंखों से पानी आना नॉर्मल है?
हां, नवजात बच्चों की आंखों से पानी आना बहुत ही सामान्य बात है। अगर नवजात बच्चों की आंखों से कभी-कभार पानी आने की समस्या हो रही है, तो स्थिति सामान्य है। हालांकि अगर आंखों से पानी आने की परेशानी लगातार बनी रहती है, तो ये लालिमा, सूजन या मवाद हो का संकेत हो सकता है। इसलिए अगर आपके नवजात बच्चे की आंख से पानी आ रहा है, तो इस विषय पर डॉक्टर से बात करें।नवजात शिशुओं की आंखों में आंसू क्यों आते हैं?
नवजात शिशुओं की आंखों से आंसू आना बहुत ही सामान्य प्रक्रिया है। जब बच्चा अपनी परेशानी बताने के लिए रोता है या बोलने की कोशिश करता है, तो उसकी आंखों से आंसू आ जाते हैं।क्या 1 महीने के बच्चों के आंसू आते हैं?
बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञों के अनुसार, 1 महीने की उम्र में बच्चों की आंखों में आंसू बनते हो हैं, लेकिन वो बहते नहीं है। नवजात शिशु की 0 से 4 हफ्ते तक अश्रुग्रंथियां सक्रिय हो जाती हैं, लेकिन आंखों से आंसू नहीं आते हैं। अगर 1 महीने में शिशु को आंसू आते भी हैं, तो बहुत कम मात्रा में।