
मशहूर बॉलीवुड सिंगर केके उर्फ कृष्ण कुमार कुन्नथ की मंगलवार रात को अचानक मौत (Bollywood Singer KK Death) ने सभी को चौंका दिया। केके उस दौरान कलकत्ता के एक कॉलेज के लाइव शो में परफॉर्म करने के बाद वापस जा रहे थे। सूत्रों के मुताबिक उनकी मौत का कारण कार्डियक अरेस्ट या हार्ट अटैक (Cardiac Arrest or Heart Attack) हो सकता है। हालांकि पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है, इसलिए मौत का सही कारण स्पष्ट नहीं हो सका है। लेकिन पिछले कुछ समय में जिस तरह से फिट और नौजवान लोगों में हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट और हार्ट फेलियर (Heart Failure) जैसे मामले बढ़े हैं, वो चौंकाने और डराने वाला है। अभी कुछ दिनों पहले ही ऑस्ट्रेलियन क्रिकेटर शेन वॉर्न की अचानक हार्ट अटैक से मौत हुई थी। इसी तरह पिछले साल टीवी एक्टर सिद्धार्थ शुक्ला की मौत भी अचानक हार्ट अटैक के कारण हो गई थी। 3 साल पहले बॉलीवुड अभिनेत्री श्री देवी भी दुबई में अपने होटल के बाथरूम में मृत पाई गई थीं और उनकी मौत का कारण भी कार्डियक अरेस्ट ही था। ये सभी वो लोग हैं, जो दिखने में पूरी तरह फिट और चुस्त थे।
बॉलीवुड सिंगर राहुल वैद्य ने केके को याद करते हुए लिखा, "केके ने कभी स्मोकिंग और ड्रिंकिंग (सिगरेट और शराब) नहीं की। उनका जीवन बहुत सादा था। वो पूरी तरह से फैमिली मैन थे।" अब ऐसे में ये सवाल उठना तो लाजमी है कि हेल्दी लाइफस्टाइल, स्मोकिंग और ड्रिंकिंग से दूर रहने वाले लोगों की ऐसे अचानक मौत होने के क्या कारण हो सकते हैं। इस बारे में ओनलीमायहेल्थ ने मुंबई के एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट के सीनियर इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. तिलक सुवर्ण से बात की। उन्होंने हमें युवाओं में अचानक हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट के कुछ संभावित कारण और बचाव के उपाय बताए हैं।
Singer KK never smoked or drank! Led the most simple non controversial non media hyped life. Complete family man. Jab bhi mujhe mile he met with so much of love & kindness. God! Too unfair! OM SHANTI.
— RAHUL VAIDYA RKV (@rahulvaidya23) May 31, 2022
हेल्दी लाइफस्टाइल के बाद भी लोग क्यों हो जाते हैं हार्ट अटैक का शिकार?
जिस तरह राहुल वैद्य ने लिखा और मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि केके ने कभी भी स्मोकिंग और ड्रिंकिंग नहीं की। इसके बाद भी उन्हें कथित तौर पर अचानक हार्ट अटैक आने और थोड़ी देर में ही मौत हो जाने के क्या कारण हो सकते हैं? इस सवाल पर डॉ. सुवर्ण कहते हैं, "हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट के कई कारण हो सकते हैं। हेल्दी लाइफस्टाइल के बाद भी कोई व्यक्ति इसका शिकार हो सकता है क्योंकि अच्छी लाइफस्टाइल से हार्ट संबंधी समस्याओं का खतरा कम किया जा सकता है लेकिन टाला नहीं जा सकता। किसी व्यक्ति को अचानक हार्ट अटैक आने के पीछे कई अन्य फैक्टर्स जिम्मेदार हो सकते हैं, जैसे- स्ट्रेस (तनाव), पारिवारिक इतिहास, आसपास का वातावरण आदि।"
"युवाओं में कई बार हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज या कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याएं नहीं होती हैं और वो पूरी तरह स्वस्थ नजर आते हैं, इसके बावजूद हार्ट अटैक या हार्ट फेलियर होने जाने का एक बड़ा कारण स्ट्रेस हो सकता है। बीपी, शुगर और कोलेस्ट्रॉल को तो चेकअप करके मापा जा सकता है, लेकिन स्ट्रेस को मापने का कोई तरीका हमारे पास नहीं है। कोई व्यक्ति अंदर से कितना परेशान है और कितने तनाव में है, इस बात का पता उसे देखकर नहीं लगाया जा सकता है। इसी तरह कार्डियक बीमारियों का पारिवारिक इतिहास (Family History of Cardiac Diseases) है तो इसे भी आप नहीं बदल सकते हैं।"
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क्या हेल्दी लाइफस्टाइल से हार्ट की बीमारियों को रोका नहीं जा सकता?
डॉ. सुवर्ण इस सवाल का बहुत स्पष्ट दिया। उन्होंने कहा, "हेल्दी लोगों के अचानक मृत्यु की खबरें आती हैं, तो ऐसे सवाल मन में उठना लाजमी है। लेकिन मेरा कहना यही है कि आपको अपनी लाइफस्टाइल हेल्दी रखनी चाहिए ताकि हार्ट की बीमारी का खतरा कम हो सके। सिंगर केके की बात करें तो उन्हें हार्ट अटैक 53 की उम्र में आया। संभव है कि अगर उनकी लाइफस्टाइल हेल्दी नहीं होती तो ये 10 साल पहले आ जाता। इसलिए कोई ये सोचे कि हेल्दी लाइफस्टाइल के बावजूद हार्ट अटैक आ ही सकता है, तो इसे नहीं जीना चाहिए; ये गलत है। लाइफस्टाइल अच्छी रखकर हार्ट अटैक और दूसरी कार्डियक बीमारियों का खतरा बहुत हद तक कम किया जा सकता है।"
क्या जिम या बहुत ज्यादा फिजिकल एक्टिविटी करना भी बनता है हार्ट अटैक का कारण?
एक्टर सिद्धार्थ शुक्ला और कई अन्य फिट सेलिब्रिटीज की मौत के बाद कुछ लोगों ने इस तरह से मौत का कारण जिम में बहुत ज्यादा मेहनत करना या भारी फिजिकल एक्टिविटीज करना बताया। इस बारे में जब हमने डॉ. सुवर्ण से पूछा तो उन्होंने कहा, "जिम जाना या एक्सरसाइज करना सीधे तौर पर कार्डियक अरेस्ट से मौत का कारण नहीं बन सकता है। बल्कि जिम जाने और फिजिकल एक्टिविटीज करने से तो इसका खतरा कम होता है। अगर कोई जिम नहीं भी जाता है तो उसे खुद को स्वस्थ रखने के लिए पैदल चलना, स्विमिंग करना, साइकिल चलाना आदि एक्टिविटीज को जरूर अपनाना चाहिए। लेकिन कुछ परिस्थितियों में अचानक भारी मेहनत या इंटेंस एक्सरसाइज के कारण कार्डियोवस्कुलर समस्याएं हो सकती हैं। हालांकि उस दौरान भी इसके पीछे कई अन्य फैक्टर्स भी शामिल होते हैं। अगर आप बॉडी बिल्डिंग के लिए जिम में इंटेंस वर्कआउट करना भी चाहते हैं तो अपने डॉक्टर से बात कर लें और कुछ नॉर्मल टेस्ट्स करवा लें, जिससे किसी तरह का कोई रिस्क फैक्टर हो, तो वो पता चल जाए।
हार्ट की सेहत का पता लगाने के लिए कौन से टेस्ट किए जा सकते हैं?
डॉ. सुवर्ण बताते हैं, "हम ऐसा कभी-कभी देखते हैं कि जिन लोगों को बीपी, शुगर नहीं है, उन्हें हार्ट अटैक आता है। लेकिन कार्डियोवस्कुलर बीमारियों के जो मुख्य कारण हैं, वो यही सब हैं, जैसे- हाई ब्लड प्रेशर, हाई ब्लड शुगर, कोलेस्ट्रॉल, मोटापा आदि। इसलिए युवाओं को सबसे पहले तो सिंपल ब्लड टेस्ट से शुगर, कोलेस्ट्रॉल आदि चेक कराने चाहिए। इसके अलावा बीपी पर नजर रखना जरूरी है। इसके बाद ईसीजी (ECG) और स्ट्रेस टेस्ट भी करवा सकते हैं। वहीं अगर किसी के रिस्क फैक्टर्स बहुत ज्यादा हैं और फैमिली हिस्ट्री में हार्ट की बीमारियां प्रमुख हैं, तो कुछ एडवांस टेस्ट भी किए जाते हैं। ऐसे केस में हम लोग सीटी स्कैन के जरिए हार्ट में कैल्शियम स्कोर देखते हैं। अगर किसी व्यक्ति का कैल्शियम स्कोर हाई है, तो उनमें ब्लॉक्स या प्लाक होने का चांस ज्यादा होता है। तो हम वैसी दवाएं देते हैं, जो इन्हें कम कर सकें।
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हार्ट की बीमारी के क्या कुछ शुरुआती लक्षण हैं, जिनका युवाओं को ध्यान रखना चाहिए?
डॉ. सुवर्ण बताते हैं, "कार्डियोवस्कुलर बीमारियों के लक्षण कई बार शुरुआती अवस्था में नहीं दिखते हैं और अचानक ही व्यक्ति की तबीयत बिगड़ती है। इसे साइलेंट अटैक कहा जाता है। वहीं ज्यादातर लोगों में शुरुआती संकेत बहुत सामान्य होते हैं, जिसके कारण लोग इन्हें नजरअंदाज कर देते हैं। ये संकेत हैं-
- दिनभर थके-थके रहना और काम करते हुए हांफने लगना
- सोते समय खर्राटे भरना
- बहुत ज्यादा पसीना आना
- सीने में हल्का या तेज दर्द या किसी तरह का खिंचाव महसूस होना
- सीने में एसिडिटी की तरह जलन महसूस होना
- लगातार खांसी आना
- पैरों, तलवों और एड़ियों में सूजन आना
- हृदय गति का धीरे या तेज होना
- कंधे और बाजुओं में दर्द होना
- गले और जबड़ों में दर्द होना या जबड़े टेढ़े होना
अंत में डॉ. तिलक सुवर्ण ने ओनलीमायहेल्थ के पाठकों को एक खास संदेश दिया। उन्होंने कहा, "मेरी लोगों से एक ही रिक्वेस्ट है कि इस तरह की खबरें आती रहती हैं और आती रहेंगी कि हेल्दी लाइफस्टाइल के बावजूद किसी को हार्ट अटैक आ गया या कार्डियोवस्कुलर बीमारी से किसी की मौत हो गई। लेकिन इन खबरों से आपको प्रभावित नहीं होना है। स्वस्थ जीवनशैली से हार्ट की बीमारियों का खतरा बहुत हद तक कम किया जा सकता है। इसलिए अपनी जीवनशैली स्वस्थ रखें। सिगरेट, तंबाकू, शराब जैसी चीजों से दूर रहें।