प्रेगनेंसी में गुड़ चना खाने के फायदे: प्रेग्नेंसी, एक महिला की जिंदगी का सबसे अलग फेज होता है। इस फेज में शरीर में तमाम प्रकार के बदलाव होते हैं जो कि आपको परेशान कर सकता है। सबसे ज्यादा इस दौरान महिलाएं क्रेविंग से गुजरती हैं और क्रेविंग को शांत करते हुए सही डाइट लेना अक्सर मुश्किल रहता है। ऐसे में कई बार महिलाएं सुबह या शाम के नाश्ते में गुड़ और चने का खाती हैं। लेकिन, क्या यह देसी नाश्ता होने वाली मां और शिशु, दोनों के लिए फायदेमंद है। इसका फाइबर कहीं नुकसानदेह तो नहीं। आइए, जानते हैं इन तमाम चीजों के बारे में विस्तार से Dr. N Sapna Lulla, Lead Consultant - Obstetrics & Gynaecology, Aster CMI Hospital, Bangalore से।
क्या प्रेगनेंसी में गुड़ चना खा सकते हैं-Can we eat jaggery and chana during pregnancy?
गर्भावस्था के दौरान गुड़ और चने का सेवन (pregnancy mein chana aur gud khane ke fayde) फायदेमंद हो सकता है, लेकिन इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए। गुड़, गन्ने या ताड़ के रस से बना एक प्राकृतिक स्वीटनर है, जो आयरन से भरपूर होता है और एनीमिया से लड़ने में मदद , जो गर्भावस्था के दौरान एक आम चिंता है। इस दौरान ज्यादतर महिलाओं में आयरन की कमी से खून की कमी होती है और ऐसे में प्रेग्नेंसी में गुड़ का सेवन फायदेमंद हो सकता है। इसके अलावा इसमें जरूरी खनिज होता है एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं जो समग्र स्वास्थ्य का समर्थन कर सकते हैं।
इसे भी पढ़ें: इन कारणों से हो सकती है शरीर में आयरन की कमी
चना, या छोले, प्रोटीन, फाइबर और विभिन्न विटामिन और खनिजों का एक उत्कृष्ट स्रोत है, जो इसे गर्भवती महिला के आहार में एक पौष्टिक अतिरिक्त बनाता है। हालांकि, इन खाद्य पदार्थों के उचित समय और मात्रा के बारे में डॉक्टरों से परामर्श करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि गर्भावस्था के दौरान व्यक्तिगत आहार की जरूरतें काफी भिन्न हो सकती हैं। आम तौर पर, संतुलित आहार में थोड़ी मात्रा में गुड़ और चने को शामिल करने से स्वास्थ्य लाभ मिल सकता है, लेकिन किसी भी संभावित पाचन संबंधी समस्या या ब्लड शुगर के स्तर में उछाल को रोकने के लिए अत्यधिक सेवन से बचना चाहिए।
प्रेग्नेंसी में गुड़ चना के फायदे-Pregnancy me gud chana khane ke fayde
प्रेग्नेंसी में गुड़ और चना, दोनों ही डाइजेशन को तेज करने के साथ शुगर और वेट बैलेंस करने में मदद कर सकते हैं। एत तरह जहां ये शरीर में फाइबर की मात्रा बनाए रखते हैं वहीं यह प्रेग्नेंसी में होने वाली कब्ज की समस्या को कम करते हैं। यह आंतों की गति को बैलेंस रखने के साथ मेटाबॉलिज्म को सही रखने में मददगार है। इसके अलावा प्रेग्नेंसी में इसके कई फायदे हैं। जैसे कि गुड़ और चना प्रोटीन, आयरन, फोलेट और फाइबर से भरपूर होता है, जो स्वस्थ गर्भावस्था के लिए जरूरी है। यह तमाम पोषक तत्व प्रेग्नेंसी में शरीर के इन तमाम न्यूट्रिएंट्स की कमी को पूरा करते हैं।
- -गुड़ और चना मॉर्निंग सिकनेस से राहत दिलाने में मददगार है। गुड़ चने के सुखदायक गुण मतली और मॉर्निंग सिकनेस को कम करने में मदद कर सकते हैं। गुड़ चना ऊर्जा का एक बेहतरीन स्रोत है जो गर्भावस्था के दौरान थकान से लड़ने में मदद करता हैजो कि शुरुआती महीनों में बहुत परेशान करता है।
- -गुड़ चने में मौजूद आयरन एनीमिया को रोकने में मदद करता है और लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में सहायता करता है। इससे मां और बच्चा, दोनों स्वस्थ रहता है।
- -चने में कोलीन होता है, जो भ्रूण में उचित तंत्रिका विकास और मस्तिष्क के विकास में सहायता करता है।
- - गुड़ चने का कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है और प्रेग्नेंसी के दौरान डायबिटीज से बचाव में मददगार है।
- -गुड़ चने में कैलोरी कम और फाइबर अधिक होता है, जो इसे वजन प्रबंधन आहार के लिए एक पौष्टिक अतिरिक्त बनाता है।
- - गुड़ में मौजूद पोटेशियम रक्तचाप के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है और प्रेग्नेंसी के दौरान हाई बीपी से बचाता है।
- -चने में मौजूद फोलेट भ्रूण में न्यूरल ट्यूब दोषों को रोकने में मदद करता है और इसलिए प्रेग्नेंसी में इन दोनों का सेवन फायदेमंद है।
गुड़ चना कब खाएं-When to have Gud Chana in pregnancy
प्रेग्नेंसी में ऊर्जा बढ़ाने और मीठे की क्रेविंग को शांत करने के लिए स्नैक्स के रूप में गुड़ चना खाएं। पाचन में सहायता करने और कब्ज को रोकने के लिए भोजन के बाद इसे आप खा सकते हैं। इसके अलावा आप गर्भावस्था के दौरान, जब आपको सुबह-सुबह मॉर्निंग सिकनेस के लक्षण महसूस होते हैं तब आप इसका सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा आप पौष्टिक नाश्ते के लिए इसे ओटमील या दही में मिलाकर खा सकते हैं। स्मूदी के लिए गुड़ चना को अन्य फलों और सब्जियों के साथ मिलाकर ले सकते हैं।
इन बातों का रखें ध्यान
अगर आपको हाई फाइबर के कारण दस्त या सूजन जैसी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं तो आपको इसे खाने से बचना चाहिए। इसके अलावा गुड़ या चने से एलर्जी है तब भी आपको इसके सेवन से बचना चाहिए। अगर आपको जेस्टेशनल डायबिटीज है तो डॉक्टर से बात करके ही इसका सेवन करें।
FAQ
जेस्टेशनल डायबिटीज में गुड़ खाना चाहिए?
जेस्टेशनल डायबिटीज में गुड़ खाने से बचें क्योंकि गुड़ का ज्यादा सेवन शुगर बढ़ा सकता है और जेस्टेशनल डायबिटीज की स्थिति को और खराब कर सकता है।नारियल पानी से क्या शुगर बढ़ती है?
अगर आपको डायबिटीज की समस्या है तो नारियल पानी से आपका शुगर लेवल बढ़ सकता है। हालांकि, यह नेचुरल शुगर है लेकिन एक्सपर्ट से एक बार बात जरूर करें।गर्भवती महिला को सबसे ज्यादा कौन सा फल खाना चाहिए?
गर्भवती महिला को सबसे ज्यादा सेब, संतरा, केला और मौसमी खाना चाहिए। यह शरीर को पोटैशियम, विटामिन सी और तमाम प्रकार के पोषक तत्व प्रदान कर सकते हैं।