Medically Reviewed by Dr Shrey Sharma

क्या गर्भावस्था में ब्राह्मी के पत्ते खाए जा सकते हैं? जानें आयुर्वेदिक एक्सपर्ट से

Is Brahmi Safe During Pregnancy In Hindi: गर्भावस्था में ब्राह्मी के पत्तों का सेवन करना सही नहीं माना जाता है। ऐसा क्यों कहा जा रहा है? इसका सेवन करने से प्रेग्नेंट महिलाओं को क्या नुकसान हो सकता है? जानने के लिए पूरा लेख पढ़ें।
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क्या गर्भावस्था में ब्राह्मी के पत्ते खाए जा सकते हैं? जानें आयुर्वेदिक एक्सपर्ट से

Can We Eat Brahmi Leaves During Pregnancy In Hindi: आपको यह जानकर हैरानी होगी कि आयुर्वेदिक मेडिकल प्रोफेशनल्स करीब 3000 सालों से ब्राह्मी के पत्तों का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह मुख्य रूप से ब्रेन हेल्थ को सुधार करने के लिए जाने जाते हैं। हालांकि, इसमें कई तरह के पोषक तत्व होते हैं, जैसे इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व, एंटी-माइक्रोबियल प्रॉपर्टीज और एंटी-डिप्रेसेंट प्रॉपर्टी पाई जाती हैं। यह अल्सर, आईबीएस जैसी बीमारियों में कारगर तरीके से काम करता है। ऐसे में यह सवाल जरूर उठता है कि क्या गर्भावस्था में ब्राह्मी के पत्तों का सेवन किया जा सकता है? कहीं इसका कोई नुकसान तो नहीं है। आइए, जानते हैं इस संबंध में आयुर्वेदिक सिरसा के रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉ. श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) क्या सलाह देते हैं।


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क्या प्रेग्नेंसी में ब्राह्मी के पत्तों का सेवन कर सकते हैं?- Is Brahmi Safe During Pregnancy In Hindi

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आमतौर पर विशेषज्ञ यह सलाह देते हैं कि प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को ब्राह्मी के पत्तों का सेवन नहीं करना चाहिए। अगर उन्हें ब्राह्मी के पत्तों का सेवन करना है, तो बिना एक्सपर्ट की सलाह के ऐसा किया जाना पूरी तरह असुरक्षित हो सकता है। वैसे इस संबंध में अधिक साक्ष्य मौजूद नहीं है, इसलिए इस बात की पुष्टि करना संभव नहीं है कि प्रेग्नेंसी में यह सही है या नहीं। हां, अगर किसी प्रेग्नेंट महिला को इसका सेवन करना है, तो कुछ सावधानियां भी बरतनी पड़ती हैं। इसलिए, बेहतर यही होगा कि आप इसका सेवन न करें।

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प्रेग्नेंसी में ब्राह्मी के पत्तों का सेवन क्यों न करें?

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1. गर्भाशय पर असर

कुछ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि प्रेग्नेंसी के दौरान अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से गर्भाशय पर नेगेटिव असर पड़ सकता है। जाहिर सी बात है कि गर्भाशय में कोई समस्या हो, तो गर्भस्थ शिशु का विकास बाधित हो सकता है। साथ ही प्रेग्नेंसी में हार्मोनल बदलाव भी हो सकते हैं, पेट में दर्द, उल्टी और मतली जैसी दिक्कतें भी हो सकती हैं।

2. शिशु के विकास पर असर

ब्राह्मी के पत्तों का सेवन करने से गर्भ में पल रहे शिशु का विकास भी बाधित हो सकता है। हालांकि, इस संबंध में पर्याप्त सबूत मौजूद नहीं है, लेकिन जैसा कि यह स्पष्ट है कि ब्राह्मी के पत्तों का सेवन करने से यूटेराइन कॉन्ट्रैक्शन (Uterine contraction) बढ़ सकता है। इसका शिशु की ग्रोथ तुलनात्मक रूप से कम हो सकता है और प्रेग्नेंसी में अन्य रिस्क भी बढ़ सकते हैं।

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3. संक्रमण का खतरा

प्रेग्नेंसी के दौरान हमेशा ताजी चीजों का ही सेवन करना चाहिए। हालांकि, ब्राह्मी के पत्ते संक्रमित नहीं है, इसकी जानकारी मिलना आसान नहीं है। इसलिए, जरूरी है कि प्रेग्नेंट महिलाएं ब्राह्मी के पत्तों का सेवन न ही करें, तो सही है। आपको बता दें कि ब्राह्मी के पत्तों में पैरासाइट हो सकते हैं। अनजाने में इसका सेवन करना गर्भ में पल रहे शिशु के लिए सही नहीं है।

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निष्कर्ष

कुल मिलाकर, कहने की बात यही है कि प्रेग्नेंसी में ब्राह्मी के पत्तों का सेवन नहीं करना चाहिए। इससे संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है, गर्भवती महिला के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है और गर्भ में पल रहे शिशु का विकास बाधित हो सकता है। एक्सपर्ट्स यही सलाह देते हैं कि अगर किसी प्रेग्नेंट महिला को इसका सेवन करना है, तो बेहतर होगा कि रजिस्टर्ड आयुर्वेदिक एक्सपर्ट की सलाह पर ही इसका सेवन करें।

All Image Credit: Freepik

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FAQ

  • ब्राह्मी के पत्तों का सेवन किसे नहीं करना चाहिए?

    गर्भवती महिलाओं, पेट के अल्सर, थाइरायड, आंतों की समस्या, यूरिनरी ऑब्सट्रक्शन, और फेफड़ों से संबंधित बीमारी में भी इसका सेवन करने से बचना चाहिए। 
  • प्रेग्नेंसी में क्या खाने से मिसकैरेज होता है?

    प्रेग्नेंसी में अधपका या कच्चा मांस-मछली, हरा पपीता जैसी कई चीजें हैं, जो मिसकैरेज का कारण बन सकती हैं। इसलिए, प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाएं क्या खा-पी रही हैं, इसका विशेष ध्यान रखना चाहिए। इसके अलावा, प्रेग्नेंसी में मेथी, करेला, कैफीन आदि चीजों का सेवन भी कम करना चाहिए।
  • क्या हम सीधे ब्राह्मी के पत्ते खा सकते हैं?

    ब्राह्मी के पत्तों का सेवन सीधे तौर पर किया जा सकता है, बस वह संक्रमित नहीं होना चाहिए। विशेषज्ञों की मानें, तो एक दिन में 5 से 10 पत्तियों चबाने से उनमें मौजूद एक्टिव कंपाउंड सीधे तौर पर शरीर को लाभ पहुंचाते हैं।

 

 

 

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  • Current Version

  • Dec 26, 2025 18:04 IST

    Published By : Meera Tagore

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