Ayurvedic Self Care During Pregnancy In Hindi: प्रेग्नेंसी में महिलाओं के शरीर में हार्मोनल बदलाव तेजी से होते हैं। ऐसा नहीं है कि हर महिला को प्रेग्नेंसी में एक जैसे ही लक्षण महसूस होते हैं। दरअसल, प्रेग्नेंसी की स्थिति और महिला का स्वास्थ्य हार्मोन को प्रभावित कर सकता है। इस दौरान महिला को अतिरिक्त देखभाल की आवश्यकता होती है। इस समय महिला के शरीर में पल रहे भ्रूण का विकास तेजी से होता है। ऐसे में महिला को शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से खुद को फिट रखने के लिए विशेष देखभाल करनी होती है। आयुर्वेद में गर्भावस्था के दौरान महिलाओं की समस्याओं को कम करने के लिए कई आयुर्वेदिक उपायों को बताया गया है। खुद की केयर करने से महिलाओं को प्रेग्नेंसी में होने वाली समस्याओं को मैनेज करने में मदद मिलती है।
ओनलीमायहेल्थ के द्वारा अपने पाठकों को आयुर्वेद के प्रति जागरुक बनाने के लिए एक विशेष सीरीज ‘आरोग्य विद आयुर्वेद’ को शुरु किया गया है। इस सीरीज में आयुर्वेद के अनुभवी डॉक्टरों से बात कर हम कई गंभीर और आम बीमारियों के कारण, लक्षण और इलाज के बारे में विस्तार से चर्चा करते हैं। फिलहाल आज की आरोग्य विद आयुर्वेद सीरीज में प्रेग्नेंसी के दौरान खुद की केयर के बारे में बताया जा रहा है। आयुर्वेद के अनुसार प्रेग्नेंसी में खुद की देखभाल करने के लिए तरीकों को जानने के लिए हमने मध्य प्रदेश के सरकारी अस्पताल में कार्यरत मेडिकल ऑफिसर डॉ. सोनल गर्ग से बात की।
गर्भावस्था के लिए आयुर्वेदिक सुझाव - Ayurvedic Self Care During Pregnancy in Hindi
गर्भावस्था में डाइट
प्रेग्नेंसी के समय महिलाओं को पोषण देने वाले आहार को डाइट का हिस्सा बनाना चाहिए। पौष्टिक चीजों के सेवन से महिला खुद के साथ ही भ्रूण के विकास में भी मदद कर सकती हैं। ऐसे में आप ताजे फल, सब्जियों और साबुत अनाज को डाइट में शामिल करें। इसके अलावा, प्रेग्नेंसी में पर्याप्त पानी पीने से हार्मोन को संतुलित करने में मदद मिलती है। इस दौरान शतावरी और अश्वगंधा प्रेग्नेंसी को सपोर्ट कर सकती है। लेकिन, प्रेग्नेंसी में किसी भी आयुर्वेदिक सप्लीमेंट या दवा का उपयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। इस समय महिलाओं को कम पका हुआ मीट नहीं खाना चाहिए।
संतुलित गर्भावस्था के लिए जीवनशैली में बदलाव
आयुर्वेद के अनुसार हेल्दी गर्भावस्था के लिए जीवनशैली में कई बदलाव कर सकते हैं। पैदल चलाना, तैराकी, प्रसवपूर्व योग जैसे व्यायाम प्रेग्नेंसी में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करते हैं। आपकी मांसपेशियों को मजबूत बना सकते हैं। इससे प्रेग्नेंसी की समस्याओं को दूर करने में मदद मिलती है। प्रेग्नेंसी के हर पड़ाव में महिलाओं को योग व सांस संबंधी व्यायाम करने से प्रेग्नेंसी के लक्षणों में आराम मिलता है।
प्रत्येक तिमाही में मालिश के फायदे
अभ्यंग (गर्म तेल मालिश) सबसे सरल और सबसे प्रभावी पारंपरिक आयुर्वेदिक उपाय है। इसके लिए आप आयुर्वेदाचार्य से औषधिय युक्त तेल ले सकते हैं। इस दौरान तेल की मालिश करने से मांसपेशियों को आराम मिलता है और सूजन कम होती है। साथ ही, गर्भावस्था में पेट में पड़ने वाला दबाव कम होता है।
मानसिक शांति के लिए सोच को करें कंट्रोल
प्रेग्नेंसी में महिलाओं को कई तरह के विचार आते हैं। ज्यादातर महिलाओं के मन में प्रेग्नेंसी से जुड़ी कई शंकाएं होती हैं। इन शंकाओं को दूर करके महिलाएं मन को शांत कर सकती हैं। इस दौरान महिलाओं को खुद की सोच को नियंत्रित करना चाहिए। इससे प्रेग्नेंसी के समय होने वाले मूड स्विंग्स की समस्या कम होती है। साथ ही, महिला मन को शांत रखकर हार्मोन को भी संतुलित कर सकती हैं।
गर्भावस्था में मॉर्निंग सिकनेस के लिए आयुर्वेदिक उपाय
प्रेग्नेंसी के दौरान मॉर्निंग सिकनेस होना एक आम समस्या हो सकती है। इस समस्या में अदरक के काढ़े का सेवन किया जा सकता है। इससे जी मिचलाने और उल्टी की समस्या में आराम मिलता है।
पर्याप्त नींद लेना है जरूरी
नींद का सीधा संबंध हमारे तनाव से होता है। प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को होने वाले स्ट्रेस और तनाव को दूर करने के लिए पर्याप्त नींद लेने बेहद आवश्यकत होता है। इससे ब्रेन के मांसपेशियां को आराम मिलता है। पर्याप्त नींद लेने से महिलाओं का नर्वस सिस्टम पर पड़ने वाला दबाव कम होता है।
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प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को खुद की देखभाल पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। आरोग्य विद आयुर्वेद की नई सीरीज में हम किसी अन्य बीमारी के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। साथ ही, इस सीरीज में आपको आयुर्वेद से जुड़ी अन्य उपयोगी जानकारी प्रदान करते रहेंगे। आयुर्वेद के माध्यम से अन्य रोगों के इलाज को जानने के लिए आप हमारी वेबसाइट https://www.onlymyhealth.com के साथ जरूर जुड़ें। साथ ही, हमारे लेखों को अपने दोस्तों और परिचितों के साथ शेयर करें, ताकि वह भी आयुर्वेदिक उपचारों के विषय में जागरूक हों और उनको भी इसका लाभ मिलें।
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