Medically Reviewed by Dr Shobha Gupta

क्या विटामिन डी की कमी के कारण स्पॉटिंग हो सकती है? जानें डॉक्ट से

Vitamin D Deficiency And Spotting: विटामिन-डी की कमी के कारण स्पॉटिंग हो सकती है। सवाल है, इनका आपस में क्या कनेक्शन है? जानने के लिए इस लेख को पूरा पढ़ें।
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क्या विटामिन डी की कमी के कारण स्पॉटिंग हो सकती है? जानें डॉक्ट से

Vitamin D Levels And Menstrual Cycle In Hindi: आपने सुना होगा कि विटामिन-डी की कमी के कारण कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं, जैसे हड्डियों में दर्द, जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों का कमजोर होना आदि। जबकि, विटामिन-डी की कमी सिर्फ हड्डियों और मांसपेशियों से जुड़ी बीमारियों का ही कारण नहीं है। इसके साथ-साथ विटामिन-डी हार्मोनल इंबैलेंस और ऑटोइम्यून डिजीज का कारण भी बन सकता है। ऐसे में यह सवाल जरूर उठता है कि क्या विटामिन-डी की कमी के कारण महिलाओं में स्पॉटिंग की समस्या हो सकती है? आइए, जानते हैं इस बारे में Mumma's Blessing IVF और वृंदावन स्थित Birthing Paradise की Medical Director and IVF Specialist डॉ. शोभा गुप्ता का क्या कहना है।


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क्या विटामिन-डी की कमी के कारण स्पॉटिंग हो सकती है?- Can Vitamin D Deficiency Cause Spotting In Hindi

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इससे पहले कि हम जानें कि विटामिन-डी की कमी की वजह से स्पॉटिंग हो सकती है या नहीं, इससे पहले यह जान लेते हैं कि आखिर स्पॉटिंग है क्या? विशेषज्ञों के अनुसार स्पॉटिंग एक तरह की लाइट ब्लीडिंग है, जो रेगुलर पीरियड से अलग होती है। स्पॉटिंग दो पीरियड्स के बीच हो सकती है, पीरियड्स खत्म होने के बाद यह पहले भी हो सकती है। स्पॉटिंग होना पूरी तरह से नॉर्मल होता है। बरहाहल, जहां तक सवाल इस बता का है कि क्या विटामिन-डी की कमी के कारण स्पॉटिंग हो सकती है? इस बारे में डॉ. शोभा गुप्ता बताती हैं, "विटामिन-डी की कमी की वजह से महिलाओं में पीरियड्स संबंधी समस्या हो सकती है। इसकी वजह से पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं, क्योंकि ऐसे में हार्मोन रेगुलेशन में दिक्कतें आती हैं।" एनसीबीआई में प्रकाशित एक लेख से भी इस बात की पुष्टि होती है कि विटामिन-डी की कमी का संबंध इर्रेगुलर पीरियड्स और स्पॉटिंग के साथ पाया गया है। रिपोर्ट से पता चलता है कि विटामिन-डी सेक्स हार्मोन्स (एस्ट्रोजन/प्रोजेस्टेरोन) को नियंत्रित करने में मदद करता है, जो मासिक चक्र को नियंत्रित करते हैं और ओवुलेशन तथा गर्भाशय की परत को प्रभावित करते हैं।

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विटामिन-डी किस तरह स्पॉटिंग को प्रभावित करता है?

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  • हार्मोनल इंबैलेंसः विटामिन-डी सेक्स हार्मोन्स को रेगुलेट करता है। इसमें एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन शामिल हैं। अगर ये हार्मोन संतुलित नहीं होते हैं, तो ऐसे में पीरियड्स के बीच स्पॉटिंग का रिस्क बढ़ जाता है।
  • यूटेराइन हेल्थ पर असरः आपको यह जानकर हैरानी होगी कि विटामिन-डी यूटेराइन हेल्थ और इसके फंक्शन के लिए भी बहुत उपयोगी तत्व है। विटामिन-डी की कमी की वजह से गर्भाशय सही तरह से काम नहीं करता है, इससे महिलाओं के रिप्रोडक्टिव हेल्थ पर असर पड़ता है। यह स्थिति स्पॉटिंग की समस्या भी पैदा करती है।
  • ओवुलेशन पर असरः विटामिन-डी की कमी नॉर्मल ओवुलेशन को प्रभावित करती है। ऐसे में महिलाओं के पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं, जो कि स्पॉटिंग का कारण बन सकता है।
  • पीसीओएस से कनेक्शनः जिन महिलाओं को पीसीओएस की दिक्कत है, उन्हें अक्सर अनियमित पीरियड्स की समस्या बनी रहती है। विशेषज्ञों का दावा है कि पीसीओएस और विटामिन-डी की कमी की आपस में गहरा कनेक्शन है। पीसीओएस के कारण अक्सर महिलाओं को विटामिन-डी की कमी का सामना करना पड़ता है।

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निष्कर्ष

कुल मिलाकर, कहने की बात ये है कि विटामिन-डी और स्पॉटिंग का आपस में गहरा कनेक्शन है। इसलिए, अगर किसी महिला को पीरियड्स के बीच स्पॉटिंग हो रही है, तो उन्हें इसकी अनदेखी नहीं करनी चाहिए। हालांकि, उन्हें अपने शरीर में नजर आ रहे अन्य लक्षणों पर भी गौर करना चाहिए। हां, इस बात का भी ध्यान रखें कि हर महिला को पीरियड्स रेगुलर होने चाहिए। ऐसा नहीं होता है, तो यह सही नहीं है। इस कंडीशन में प्रोफेशनल की मदद लेना जरूरी होता है।

All Image Credit: Freepik

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FAQ

  • विटामिन-डी कम होने से क्या दिक्कत होती है?

    विटामिन-डी की कमी होने पर कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं,जैसे थकान, हड्डियों और मांसपेशियों में दर्द, कमजोर इम्यूनिटी, मूड स्विंग, हेयर फॉल आदि।
  • मुझे कैसे पता चलेगा कि मेरा विटामिन-डी कम है?

    वैसे तो 25-हाइड्रॉक्सी विटामिन-डी टेस्ट के जरिए इस पोषक ततव की कमी का पुख्ता रूप से पता लगाया जा सकता है। हालांकि, शरीर में नजर आ रहे लक्षणों से भी यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि विटामिन-डी की कमी है या नहीं। इसमें थकान, हड्डियों का कमजोर होना, मांसपेशियों में दर्द आदि शामिल हैं।
  • विटामिन-डी की कमी के 14 लक्षण क्या हैं?

    विटामिन-डी की कमी पूरे शरीर को प्रभावित करती है। इसके 14 लक्षणों की बात करें, लगातार थकान, कमजोरी, हड्डियों में दर्द, मांसपेशियों में दर्द, बार-बार संक्रमण, घावों की रिकवरी में समय लगना, हेयर फॉल, मूड स्विंग,फ्रैक्चर का खतरा बढ़ना, बच्चों में हड्डियों का विकृत होना (रिकेट्स), दांतों से जुड़ी परेशानी, हाथों या पैरों में झुनझुनी, सुन्नपन और सांस संबंधी समस्याएं शामिल हैं।

 

 

 

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  • Dec 06, 2025 09:21 IST

    Published By : Meera Tagore

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