टीबी, जिसे हिंदी में तपेदिक कहा जाता है, माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस बैक्टीरिया के कारण होने वाली संक्रामक बीमारी है, जो आमतौर पर व्यक्ति के फेफड़ों को प्रभावित करती है। लेकिन, अगर समय पर इस बीमारी की पहचान करके इसका इलाज न किया जाए तो ये शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैल सकती है। टीबी से पीड़ित मरीजों को ठीक होने में समय लगता है और यह बीमारी व्यक्ति को काफी कमजोर कर देती है। ऐसे में अक्सर लोगों के बीच ये सवाल रहता है कि टीबी के मरीजों को क्या खाना चाहिए या टीबी में किन चीजों से परहेज करना चाहिए? ऐसे ही कुछ लोगों का मानना है कि टीबी के मरीजों को दही खाने से बचाना चाहिए, क्योंकि ये उनकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। लेकिन, क्या वास्तव में टीबी होने पर दही खाना हानिकारक हो सकता है। आइए जयपुर के नारायणा अस्पताल के अस्थमा, लंग ट्रांसप्लांट और लंग कैंसर स्पेशलिस्ट और पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. शुभम शर्मा (Dr. Shubham Sharma, Asthma, Lung Transplant and Lung Cancer Specialist and Pulmonologist at Narayana Hospital, Jaipur) से जानते हैं कि क्या टीबी में दही खाना सुरक्षित है या नहीं?
क्या टीबी के मरीज दही खा सकते हैं? - Can TB Patients Eat Curd in Hindi?
पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. शुभम शर्मा का कहना है कि, "कई लोगों का मानना है कि टीबी या फेफड़ों से जुड़ी समस्याओं से पीड़ित मरीजों को दूध या दूध से बनी अन्य चीजें जैसे दही, लस्सी, छाछ आदि का सेवन करने से बचना चाहिए, क्योंकि यह पीड़ित में कफ की समस्या को बढ़ा सकते हैं। लेकिन यह सिर्फ एक मिथक है और स्टडी बताती है कि दूध बलगम का कारण नहीं बनता है। बल्कि, कभी-कभी ये आपके गले में एक परत छोड़ देता है, जो चिपचिपा सा लगता है और इसलिए लोगों को लगता है कि टीबी की समस्या में दूध के सेवन से बचना चाहिए। वास्तव में दूध और अन्य मिल्क प्रोडक्ट सुरक्षित, स्वस्थ, प्रोटीन और कैल्शियम से भरपूर होते हैं, जो टीबी के मरीजों के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। लेकिन, जो लोग लैक्टोज इंटॉलरेंस होते हैं या जिन्हें दूध या उससे बनी चीजों से एलर्जी होती है, सिर्फ उन्हें ही इन चीजों से परहेज करना चाहिए।"
इसे भी पढ़ें: प्रेग्नेंसी के दौरान टीबी से बचने के लिए क्या करें? जानें डॉक्टर से
टीबी के मरीज को क्या खाना चाहिए?
डॉ. शुभम शर्मा के अनुसार, टीबी के मरीजों को अपने खानपान का खास ध्यान रखना चाहिए। इसलिए, आप जल्दी रिकवर होने और स्वस्थ रहने के लिए अपनी डाइट में इन फूड्स (tb hone par kya khana chahie) को शामिल कर सकते हैं-
- प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे डेयरी प्रोडक्ट्स, फलियां, बादाम, ड्राई फ्रूट्स और सीड्स और मछली या मुर्गी शामिल कर सकते हैं। ये टिशू की रिपेयर करने इम्यून सिस्टम को बढ़ावा देता है।
- आप अपनी डाइट में मौसमी फल और सब्जियां शामिल कर सकते हैं, जो विटामिन, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर हो।
- क्विनोआ, ओट्स, ब्राउन राइस और होल व्हीट ब्रेड जैसे साबुत अनाज आपके स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद माने जाते हैं, जो आपके संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर रखने में मदद करते हैं।
- हेल्दी फैट भी टीबी के मरीजों के लिए फायदेमंद माने जाते हैं, क्योंकि ये सेल्स को बेहतर रखने और पोषक तत्वों के अवशोषण के लिए जरूरी होता है।
- प्रोबायोटिक से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे दही, केफिर, किमची आदि आपके गट हेल्त को बेहतर रखने में मदद करता है, जिससे इम्यून सिस्टम को बढ़ावा मिलता है।
इसे भी पढ़ें: खांसी के साथ आता है मुंह से खून! हो सकता है फेफड़े में टीबी का संकेत, जानें इसके अन्य लक्षण
निष्कर्ष
डॉ. शुभम शर्मा के अनुसार टीबी के मरीज दही खा सकते हैं। दही में मौजूद प्रोबायोटिक्स, प्रोटीन और कैल्शियम टीबी के मरीजों के लिए फायदेमंद हो सकता है। इसलिए वे इसे अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। साथ ही टीबी के मरीजों को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं, इससे जुड़ी किसी भी बात पर विश्वास करने से पहले आप अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
Image Credit: Freepik
FAQ
टीबी किसकी कमी से होता है?
टीबी की बीमारी किसी विटामिन या मिनरल की कमी से नहीं होती है, बल्कि, यह माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस नाम के बैक्टीरिया के कारण होने वाला संक्रामक रोग है। यह बीमारी हवा के जरिए फैलता है, खासकर जब टीबी से पीड़ित व्यक्ति खांसता या छींकता है।टीबी का सबसे बड़ा लक्षण क्या है?
टीबी होने का सबसे बड़ा लक्षण 2 हफ्तों से ज्यादा खांसी की समस्या, रात में पसीना आना, बुखार, अचानक वजन कम होना और थकान महसूस होना है।टीबी का लास्ट स्टेज क्या है?
टीबी के लास्ट स्टेज में बीमारी फेफड़ों के साथ-साथ शरीर के अन्य कई हिस्सों में भी फैल जाती है, जिसका इलाज करना काफी मुश्किल हो जाता है।