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आयरन की कमी का बच्चों के व्यवहार पर भी पड़ता है असर, डॉक्टर से जानें कैसे

बच्चों के शरीर में आयरन की कमी न सिर्फ शारीरिक समस्याओं को बढ़ा सकती है, बल्कि ये मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकती है, आइए जानते हैं कैसे- 
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आयरन की कमी का बच्चों के व्यवहार पर भी पड़ता है असर, डॉक्टर से जानें कैसे


आयरन की कमी, दुनिया भर में सबसे आम पोषण से जुड़ी समस्याओं में से एक है, जो बच्चों के पोषण संबंधी विकारों में से एक है, जो बच्चों के कॉग्निटिव, इमोशनल और व्यवहारिक विकास में समस्या का कारण बन सकती है। भारत में 5 साल से कम उम्र के 50% से ज्यादा बच्चे एनीमिया से पीड़ित हैं, जिसका मुख्य कारण आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थों के सेवन में कमी है। शरीर में आयरन की कमी के कारण कमजोरी, इम्यून सिस्टम का कमजोर होना आदि समस्याएं शामिल है। लेकिन क्या आपको पता है बच्चों के शरीर में आयरन की कमी उनके मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकती है, जिस कारण बच्चों के व्यवहार में बदलाव आ सकता है। ऐसे में आइए लाइफनेस साइंस इंस्टीट्यूट में फैकल्टी डॉ. पूजा बोड्डू से जानते हैं कि आयरन की कमी किस तरह बच्चों के व्यवहार में बदलाव का कारण बन सकती है?

क्या लो आयरन बच्चों में व्यवहार की समस्या का कारण बन सकता है?

आयरन की कमी बच्चों में हयपरएक्टिविटी और ध्यान की कमी से जुड़ी हुई है। डोपामाइन की कमी, जो ध्यान बनाए रखने के लिए जरूरी एक न्यूरोट्रांसमीटर है, जो अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (ADHD) जैसे लक्षणों को जन्म देती है। इसके अलावा, कम आयरन के स्तर वाले बच्चों में अक्सर ज्यादा चिड़चिड़ापन और मानसिक अस्थिरता दिखने को मिलती हैं, क्योंकि दिमाग ऊर्जा की मांगों को पूरा करने के लिए संघर्ष करता है, जिसके कारण थकान और तनाव बढ़ जाता है। आयरन की कमी मेमोरी लॉस और सीखने में मुश्किल की समस्या को और बढ़ा देती हैं, क्योंकि संज्ञानात्मक कार्यों के लिए जिम्मेदार दिमाग आयरन की कमी की स्थिति में अविकसित रह जाते हैं।

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Low Iron Affect Child Behavior

बच्चे में आयरन लेवल कैसे बढ़ाएं?

  • बच्चों की डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियां, दालें, अंडे और फोर्टिफाइड अनाज जैसे आयरन युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करने से आयरन की कमी को पूरा करने में मदद मिल सकती है।
  • आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थों को विटामिन सी से भरपूर विकल्पों, जैसे कि खट्टे फलों के साथ मिलाकर खाने से आयरन के अवशोषण को बढ़ावा मिलता है।
  • चावल, गेहूं और नमक जैसे आम तौर पर खाए जाने वाले मुख्य खाद्य पदार्थों में आयरन को शामिल करने से आयरन की कमी से निपटने में मदद मिल सकती है।
  • नियमित स्वास्थ्य जांच की मदद से बच्चों में आयरन की कमी को पहचाना जा सकता है, और समय पर इस कमी को दूर करने में मदद मिल सकती है।
  • बच्चों के लिए खाना बनाने के लिए लोहे की कढ़ाई का इस्तेमाल करें और सब्जि में टमाटर जरूर डाले, जिससे बच्चों में आयरन की कमी को पूरा करने में मदद मिल सके।

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निष्कर्ष

आयरन की कमी न केवल पोषण से जुड़ी चुनौतियों को बढ़ा सकती है, बल्कि बच्चों के विकास और व्यवहार में भी बदलाव आ सकता है। इस समस्या को दूर करने के लिए जरूरी है कि आप अपने बच्चे की डाइट में आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल करें और समय-समय पर उनके शरीर में आयरन की मात्रा की जांच करवाएं।
Image Credit: Freepik

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