
किडनी से जुड़ी बीमारी किसी भी इंसान की लाइफस्टाइल को पूरी तरह बदल देती है। मरीज को अपनी डाइट, दवाओं और दिनचर्या तक हर कदम बेहद सावधानी से चुनना पड़ता है। ऐसे में जब बात आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों की आती है, तो भ्रम और डर दोनों बढ़ जाते हैं। खासकर अश्वगंधा जैसी जड़ी-बूटी, जिसे एनर्जी, तनाव कम करने और इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए पूरी दुनिया में इस्तेमाल किया जाता है, किडनी मरीजों के लिए सुरक्षित है या नहीं, यह सबसे बड़ा सवाल बन जाता है। कई लोग मानते हैं कि आयुर्वेदिक औषधियां तो पूरी तरह प्राकृतिक होती हैं, इसलिए इन्हें कोई भी और कभी भी ले सकता है। लेकिन क्या वास्तव में ऐसा है? इस लेख में सिरसा के रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉ. श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से जानिए, क्या किडनी के मरीज अश्वगंधा ले सकते हैं?
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क्या किडनी के मरीज अश्वगंधा ले सकते हैं? - Can Kidney Patients Take Ashwagandha
आयुर्वेदिक डॉ. श्रेय शर्मा बताते हैं कि अधिकांश किडनी मरीज अश्वगंधा का सेवन कर सकते हैं। अश्वगंधा का एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सिडेंट प्रभाव शरीर की सूजन कम करने, तनाव घटाने और एनर्जी बढ़ाने में मदद करता है। किडनी की समस्या से जूझ रहे कई लोगों में थकान, स्ट्रेस और इम्यूनिटी कम होना आम बात है, ऐसे में अश्वगंधा उनके लिए उपयोगी हो सकता है। अश्वगंधा शरीर में कोर्टिसोल लेवल को संतुलित करके थकान, चिंता और नींद की समस्या को भी कम करता है, जो कि किडनी मरीजों में बहुत आम शिकायतें हैं लेकिन एक महत्वपूर्ण चेतावनी यह है कि इम्यूनोसप्रेसिव दवाएं लेने वालों को अश्वगंधा बिलकुल नहीं लेना चाहिए।
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डॉ. श्रेय शर्मा बताते हैं, ''एक चीज ऐसी है, जिसे लोग अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं और यह किडनी मरीजों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। यदि आप इम्यूनोसप्रेसिव दवाएं (इम्यूनिटी दबाने वाली दवाएं) ले रहे हैं, तो अश्वगंधा का सेवन तुरंत बंद कर देना चाहिए।'' अश्वगंधा लेने से इम्यूनोसप्रेस दवाओं का प्रभाव कम हो सकता है, ट्रांसप्लांट किए गए अंग के रिजेक्शन का खतरा बढ़ सकता है, कैंसर उपचार की दवाएं प्रभावित हो सकती हैं और ऑटोइम्यून बीमारी बिगड़ सकती है।
क्या कहती है रिसर्च
क्लिनिकल अध्ययन बताते हैं कि अश्वगंधा के अर्क से प्राकृतिक प्रतिरक्षा प्रणाली पर प्रभाव पड़ता है, यह नेचुरल किलर सेल्स और साइटोकाइन गतिविधि को प्रभावित करता है, जिससे शरीर की इम्यून प्रतिक्रिया बढ़ सकती है।
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इम्यूनोसप्रेस्ड दवाएं क्यों दी जाती है? - Why are immunosuppressive drugs given
- किडनी ट्रांसप्लांट के बाद
- कैंसर के इलाज (कीमो/रेडिएशन) के दौरान
- ऑटोइम्यून बीमारियों में
- रुमेटाइड अर्थराइटिस जैसी स्थितियों में
निष्कर्ष
अश्वगंधा किडनी मरीजों के लिए फायदेमंद हो सकती है लेकिन हर किसी के लिए नहीं। आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा की स्पष्ट सलाह है कि किडनी मरीज अश्वगंधा ले सकते हैं यदि वे इम्यूनोसप्रेसिव दवाओं पर नहीं हैं। जो मरीज इम्यूनिटी दबाने वाली दवाएं ले रहे हैं, उन्हें अश्वगंधा का सेवन तुरंत बंद कर देना चाहिए। किसी भी नई आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी की शुरुआत हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह से करें।
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FAQ
किडनी रोग के शुरुआती लक्षण क्या होते हैं?
किडनी रोग की शुरुआत में अक्सर कोई स्पष्ट लक्षण नहीं होते, लेकिन थकान, सूजन, भूख कम लगना, पेशाब में बदलाव, उलझन या सिरदर्द जैसे संकेत दिखाई दे सकते हैं।क्या किडनी खुद से ठीक हो सकती है?
किडनी की मरम्मत क्षमता सीमित होती है। शुरुआती स्टेज में सही डाइट, दवाओं और लाइफस्टाइल से किडनी की कार्यक्षमता सुधर सकती है, लेकिन स्टेज 4-5 में सुधार की संभावना कम हो जाती है।क्या किडनी ट्रांसप्लांट के बाद हर्बल सप्लीमेंट्स लेना सुरक्षित है?
नहीं, किडनी ट्रांसप्लांट के मरीज इम्यूनोसप्रेसिव दवाएं लेते हैं, इसलिए कई हर्बल सप्लीमेंट्स (जैसे अश्वगंधा, गिलोय, तुलसी) इम्यूनिटी बढ़ाकर दवाओं का असर कम कर सकते हैं। इन्हें डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं लेना चाहिए।
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Nov 27, 2025 11:42 IST
Modified By : Akanksha TiwariNov 27, 2025 11:42 IST
Published By : Akanksha Tiwari