
Keto Diet in Hindi: आजकल लोग वजन घटाने के लिए तरह-तरह की डाइट करते हैं और इसमें सबसे ज्यादा फेमस डाइट कीटो डाइट है, जिसमें लोग कार्ब कम खाते हैं और ज्यादा फैट व प्रोटीन से कैलोरी लेते हैं। इस डाइट का फायदा यह है कि लोगों का वजन तेजी से कम होता है और इसलिए शायद Keto Diet बहुत ज्यादा पॉपलर भी हो रही है। लेकिन इस डाइट से एक साइड इफैक्ट भी देखने को मिल रहा है, जिसे लोग अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं। कीटो डाइट के बाद लोगों को किडनी में स्टोन की तकलीफ सामने आई है। क्या सच में कीटो डाइट से किडनी में स्टोन बन सकते हैं? इस बारे में हमने हुमेटा के डायबिटीज एजुकेटर और कंसल्टेंट डाइटिशियन और एक्सपर्ट कनिका मल्होत्रा (Kanikka Malhotra, Consultant Dietician & Diabetes Educator, Expert, Humeta) से बात की। उन्होंने इसके बारे में विस्तार से बताया और इसे मैनेज करने के तरीके भी समझाएं।
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क्या कीटो डाइट से किडनी में स्टोन हो सकता है?
इस बारे में डाइटिशियन कनिका मल्होत्रा कहते हैं, “कई स्टडीज और रिसर्च में बताया गया है कि कीटोजेनिक डाइट करने पर कुछ मामलों में किडनी स्टोन की समस्या सामने आई है। दरअसल कीटो डाइट से शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं, जो यूरिक एसिड और कैल्शियम ऑक्सालेट स्टोन बनने की संभावना बढ़ा देते हैं। किडनी में स्टोन बनने के कई कारण है, जो इस तरह है।”

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यूरिनेरी सिटरेक की कमी
कीटो डाइट में प्रोटीन ज्यादा और कार्बोहाइड्रेट बहुत कम होते हैं। इससे शरीर में एसिड जमा होने लगता है और ऐसा होने पर पेशाब में सिटरेट की मात्रा कम होने लगती है। दरअसल सिटरेट एक ऐसा तत्व है, जो आमतौर पर कैल्शियम के साथ बंधकर पत्थरी बनने से रोकता है। इस कमी से स्टोन बनने की संभावना बढ़ जाती है।
पेशाब का pH कम होना
BMJ जर्नल के अनुसार, कीटो डाइट के दौरान पेशाब ज्यादा एसिडिक हो सकता है। जब पेशाब एसिडिक होतता है, तो इस कंडीशन में यूरिक एसिड स्टोन बनने लगते हैं। कम pH का मतलब है कि ज्यादा एसिड बनना और ज्यादा एसिड बनने से यूरिक एसिड स्टोन का रिस्क बढ़ना और कीटो डाइट करने के शुरुआती फेज में सीरम यूरिक एसिड बढ़ने का संभावना रहती है, जो किडनी में स्टोन के रिस्क को बढ़ा सकता है।
एनिमल प्रोटीन ज्यादा लेना
कीटो डाइट करते समय ज्यादातर लोग मांस, अंडे और अन्य एनिमल प्रोटीन ज्यादा लेते हैं, जिससे यूरिक एसिड बढ़ता है और पेशाब को काफी ज्यादा एसिडिक करता है। इससे किडनी पर स्ट्रेस बढ़ता है और इस वजह से स्टोन बनने का रिस्क बढ़ सकता है।
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स्टडीज में कीटो डाइट से किडनी स्टोन का रिस्क
NIH में प्रकाशित रिसर्च के अनुसार, कीटो डाइट से शरीर में एसिडोसिस बढ़ सकता है और यूरिनेरी स्टिरेट काफी कम हो सकता है। इन दोनों का असर आगे चलकर किडनी स्टोन का रिस्क बढ़ा सकात है। इस स्टडी में पाया गया है कि जो लोग लंबे समय तक कीटो डाइट फॉलो करते हैं, उनमें कैल्शियम ऑक्सलेट और यूरिक एसिड स्टोन बनने का रिस्क सामान्य लोगों की तुलना में ज्यादा था।
BMJ Diabetes Research & Care Study ने भी कीटो डाइट से किडनी स्टोन होने की रिपोर्ट प्रकाशित की है। इस अध्ययन में बताया गया है कि लो कार्ब या कीटो डाइट करने वाले लोगों का यूरिक एसिड लेवल बढ़ता है और पेशाब में pH कम होने से स्टोन बनने वाले आयन्स (ions) का बैलेंस बिगड़ जाता है। अगर कीटो डाइट में हाइड्रेशन की कमी हो जाए, तो किडनी स्टोन बनने की संभावना दोगुनी तक हो सकती है।
कीटो डाइट करते समय किन बातों का ध्यान रखें?
न्यूट्रिशनिस्ट कनिका ने कीटो डाइट करने वाले लोगों को कुछ बातों का ध्यान रखने की सलाह दी है।
- डाइट कर रहे लोगों को ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए। हाइड्रेशन एसिड और सॉल्ट को पतला करके स्टोन बनने से रोकते हैं।
- कीटो डाइट के दौरान लोगों को नींबू या मौसमी का पानी पीना चाहिए। यह स्टिरेट का बेहतरीन स्रोत हैं। यह कैल्शियम के साथ मिलकर स्टोन को बनने से पहले ही खत्म कर देता है।
- कीटो डाइट करते समय plant based कीटो डाइट करने की कोशिश करें। इस डाइट में नट्स, सीड्स, अवोकाडो, ऑलिव ऑयल और प्लांट बेस्ड प्रोटीन लें। इससे शरीर में यूरिक एसिड कम बनेगा और किडनी पर भी कम स्ट्रेस आएगा।
- कीटो डाइट में बहुत ज्यादा मांस और प्रोटीन लेने से किडनी पर लोड पड़ता है, इसलिए एनिमल प्रोटीन संतुलित मात्रा में लें।
- सबसे जरूरी है कि कीटो डाइट करते समय अनुभवी डाइटिशियन से सलाह लें। अगर किसी को पहले से किडनी स्टोन की समस्या है, तो डॉक्टर को जरूर बताएं। न्यूट्रिशननिस्ट जरूरत के हिसाब से सही और बैलेंस्ड डाइट प्लान दे सकते हैं।
निष्कर्ष
कनिका मल्होत्रा कहती हैं कि अगर कीटो डाइट करते समय अगर किसी को पेशाब में जलन, पीठ या कमर में तेज दर्द. बार-बार पेशाब लगे या फिर अचानक तेज दर्द के साथ मतली महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। कीटो डाइट करना गलत नहीं है, बस इसे किसी अनुभवी न्यूट्रिशनिस्ट की देखरेख में करने से डाइट का ज्यादा फायदा मिलता है और किडनी या अन्य किसी भी तरह की परेशानी से बचा जा सकता है।
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Nov 21, 2025 07:05 IST
Published By : Aneesh Rawat