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किडनी स्टोन के जोखिम को कम करती है Low Oxalate Diet, एक्सपर्ट से जानें किन चीजों को डाइट में करें शामिल

आज के समय में अनियमित खानपान और दूषित पानी पीने के कारण लोगों को किडनी स्टोन जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। इस लेख में जानते हैं कि क्या लो ऑक्सलेट डाइट से किडनी स्टोन होने की संभावना को कम किया जा सकता है।
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किडनी स्टोन के जोखिम को कम करती है Low Oxalate Diet, एक्सपर्ट से जानें किन चीजों को डाइट में करें शामिल


आज के समय में काम और भागदौड़ भरी जिंदगी में व्यक्ति के पास खुद के लिए समय ही नहीं बचता है। यही वजह है व्यक्ति को किडनी और पाचन से जुड़ी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आजकल किडनी स्टोन (गुर्दे की पथरी) एक आम समस्या बन गई है, जिससे लाखों लोग प्रभावित हो रहे हैं। यह तब होता है जब किडनी में मिनरल्स और एंजाइम्स जमा होकर छोटे-छोटे कठोर क्रिस्टल बना लेते हैं। इनमें से अधिकतर पथरियों में कैल्शियम ऑक्सालेट पाया जाता है। यही वजह है कि डॉक्टर्स अक्सर लो ऑक्सालेट डाइट अपनाने की सलाह देते हैं ताकि किडनी स्टोन बनने का खतरा कम किया जा सके। इस लेख में एसेंट्रिक्स डाइट की डाइटिशियन शिवाली गुप्ता से जानेगें कि लो ऑक्सालेट डाइट क्या है, यह कैसे काम करती है?

क्या लो ऑक्सालेट डाइट से किडनी स्टोन बनने की संभावना को कम किया जा सकता है? - Low Oxalate Diet To Reduce The Risk Of Kidney Stone In Hindi 

ऑक्सालेट एक नेचुरल कम्पाउंड है जो कई तरह की डाइट में पाया जाता है। यह शरीर में कैल्शियम के साथ मिलकर नॉन सोल्यूबम कैल्शियम ऑक्सालेट बनाता है, जो किडनी स्टोन का प्रमुख कारण होता है। जब शरीर में ऑक्सालेट की मात्रा अधिक होती है और पर्याप्त पानी नहीं होता, तो यह किडनी में क्रिस्टल का रूप ले सकता है, जिससे पथरी बनने की संभावना बढ़ जाती है। यही वजह है कि डॉक्टर्स और डाइटिशियन व्यक्ति को लो ऑक्सलेट डाइट लेने की सलाह देते है। इस डाइट का उद्देश्य शरीर में ऑक्सालेट की मात्रा को कम करना और किडनी स्टोन बनने के जोखिम को घटाना है।

लो ऑक्सालेट डाइट के क्या फायदे होते है? - Benefits of Low Oxalate Diet In Hindi

  • ऑक्सालेट युक्त चीजों के सेवन को कम करने से कैल्शियम ऑक्सालेट स्टोन बनने की संभावना कम हो जाती है।
  • लो ऑक्सालेट डाइट किडनी पर कम बोझ डालती है, जिससे वे बेहतर तरीके से कार्य कर सकती हैं।
  • ऑक्सालेट की अधिक मात्रा कभी-कभी पाचन समस्याओं का कारण बन सकती है। इसे सीमित करने से पाचन में सुधार हो सकता है।
  • ऑक्सालेट आयरन और कैल्शियम जैसे आवश्यक पोषक तत्वों के अवशोषण में बाधा डाल सकता है। इसका सेवन कम करने से
  • शरीर को इन पोषक तत्वों के सही तरह से अवशोषित करने में मदद मिलती है।

लो ऑक्सालेट डाइट में क्या खाएं और क्या न खाएं?

लो ऑक्सालेट डाइट (Low Oxalate Foods)

  • फल: सेब, केला, अंगूर, खरबूजा, नारियल
  • सब्जियां: फूलगोभी, खीरा, मूली, बंदगोभी, मशरूम
  • प्रोटीन: अंडा, चिकन, मछली, दही
  • अनाज: चावल, गेहूं, जौ, बाजरा
  • नट्स और बीज: कद्दू के बीज, नारियल
  • डेयरी उत्पाद: दूध, पनीर, छाछ
  • ड्रिंक्स : नारियल पानी, हर्बल चाय, नींबू पानी (बिना शुगर)
  • हाई ऑक्सालेट डाइट (High Oxalate Foods)

हरी पत्तेदार सब्जियां: पालक, चुकंदर पत्ते, मेथी

  • नट्स और बीज: काजू, बादाम, मूंगफली
  • फल: कीवी, अंजीर, ब्लैकबेरी
  • दालें और फलियां: सोयाबीन, राजमा, मसूर दाल
  • अन्य: सोया प्रोडक्ट्स, ब्रेड (हाई फाइबर)

इसे भी पढ़ें: किडनी स्टोन में क्‍या खाना चाह‍िए? एक्‍सपर्ट से जानें सही डाइट

लो ऑक्सालेट डाइट किडनी स्टोन के जोखिम को कम करने में मदद कर सकती है, खासकर उन लोगों के लिए जो पहले इस समस्या का सामना कर चुके हैं। संतुलित आहार, पर्याप्त पानी का सेवन से पाचन क्रिया को बेहतर किया जा सकता है और किडनी पर पड़ने वाले दबाव को कम किया जा सकता है। लेकिन, आप किसी भी तरह की डाइट को अपनाने से पहले डॉक्टर और डाइटिशियन की सलाह अवश्य लें।

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