Can Heat Stroke Cause Organ Failure : देश के कई हिस्सों में इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है। देश की राजधानी दिल्ली में तापमान 52 डिग्री सेल्सियस का आंकड़ा पार कर चुका है। दिल्ली के अलावा राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों का तापमान 50 डिग्री पर पहुंच गया है। गर्मी का टॉर्चर देखते हुए मौसम विभाग ने देश के कई राज्यों में रेड अलर्ट जारी कर दिया है। गर्मी जब ज्यादा होती है तो इसका सीधा असर हमारे शरीर पर पड़ता है।
अक्सर लोगों को लगता है कि ज्यादा गर्मी के कारण डिहाइड्रेशन की समस्या होती है। लेकिन इन दिनों जब आर्गन फेल के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, तब ये सवाल उठना लाजिमी है कि क्या गर्मी के कारण किडनी, लिवर या दिमाग फेल हो सकते हैं?
क्या हीट स्ट्रोक से अंग विफलता हो सकती है- Can heat stroke lead to organ failure
डॉ. संजय ढल, वरिष्ठ निदेशक, इंटरनल मेडिसिन, मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, शालीमार बाग के अनुसार, मानव शरीर का सामान्य तापमान लगभग 98.6°F (37°C) होता है। यह तापमान हाइपोथैलेमस नामक दिमाग के हिस्से द्वारा नियंत्रित होता है। जब वातावरण में गर्मी अधिक पैदा होती है तो शरीर पसीने के रूप में आतंरिक ठंडक प्रदान करता है और त्वचा के पास खून की आपूर्ति बढ़ा देता है। लेकिन जब पसीने के कारण भी सही तरीके से गर्मी नहीं निकल पाती है, तब हीट स्ट्रोक की शुरुआत होती है। अगर हीट स्ट्रोक का इलाज सही समय पर न किया जाए तो ये आर्गन फेल का कारण बन सकती है। गंभीर मामलों में ये मल्टीऑर्गन विफलता में बदल सकता है।
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गर्मी से कौन से ऑर्गन सबसे पहले प्रभावित होते हैं- Which organs are affected first by heat
गर्मी के कारण जब शरीर का तापमान अत्यधिक रूप से प्रभावित होता है तो इसका प्रभाव शरीर के कई हिस्सों पर पड़ता है। जिनमें शामिल हैं
1. दिमाग - Summer Effect on Brain
डॉ. संजय ढल बताते हैं कि गर्मी के कारण सबसे पहला प्रभाव केंद्रीय तंत्रिका तंत्र पर होता है। जब शरीर का तापमान 104°F (40°C) से ऊपर चला जाता है, तब दिमाग सही तरीके से काम नहीं कर पाता है। इससे चक्कर, भ्रम, दौरे और बेहोशी आ सकती है। गर्मी के कारण होने वाली दिमागी समस्याओं से तुरंत इलाज न किया जाए तो ये सोचने और समझने की क्षमता को कम कर देती है।
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2. गुर्दे- Kidneys
गर्मियों में ज्यादा पसीना आने के कारण पानी और नमक तेजी से निकलता है। इस स्थिति को डिहाइड्रेशन कहा जाता है। इस स्थिति में अगर दोबारा सही मात्रा में पानी न पिया जाए तो, खून की मात्रा घट सकती है। इस स्थिति में किडनी तक पर्याप्त रक्त नहीं पहुंचता, जिससे एक्यूट किडनी इंजरी (AKI) या स्थायी गुर्दा फेलियर हो सकता है।
3. हृदय- Heart
गर्मी में शरीर की रक्त नलिकाएं फैल जाती हैं ताकि अधिक पसीना निकले, लेकिन इससे ब्लड प्रेशर गिरता है और दिल पर अधिक दबाव पड़ता है। अगर किसी व्यक्ति को पहले से हार्ट या ब्लड संबंधी समस्या है, तो ये स्थिति खतरनाक हो सकती है। डॉक्टर का कहना है कि गर्मियों में नलिकाएं फैलने के कारण ही हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के मामले बढ़ जाते हैं।
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4. लिवर- Liver
लंबे समय तक गर्मी, लू और हीट वेव में रहने के कारण लिवर में सूजन आ सकती है। शरीर का तापमान जब अधिक देर तक अत्यधिक रहता है, तब लिवर की कोशिकाएं मरने लगती हैं। लिवर की सूजन का इलाज समय पर न किया जाए, तो ये लिवर फेल्योर का कारण बनता है।
5. श्वसन विफलता-
गंभीर हीट स्ट्रोक श्वसन क्रिया को खराब कर सकता है, जिससे सांस लेने में कठिनाई, श्वसन संकट और संभावित रूप से श्वसन विफलता हो सकती है।
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गर्मी के कारण किन कारणों से आर्गन फेल का खतरा होता है- What are the reasons due to which there is a risk of argon failure due to heat
- गर्म हवा, लू या हीट स्ट्रो के कारण आर्गन फेल हो सकता है।
- पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) के कारण किडनी और लिवर पर असर देखा जाता है।
- धूप में लंबे समय तक रहने से हीट स्ट्रेस की समस्या हो सकती है।
- गर्मी में कौन-कौन से लक्षण दिखें तो तुरंत सतर्क हो जाएं?
- अत्यधिक पसीना बंद हो जाना
- शरीर का तापमान 103°F से ऊपर हो जाए
- भ्रम, चक्कर या बेहोशी
- हार्ट बीट का तेज और अनियमित होना
- पेशाब कम आना
- पेशाब का रंग गाढ़ा पीला हो जाना
- पेट में दर्द या दस्त
- त्वचा का लाल और गर्म होना
अगर आपको स्वयं में या अपने परिवार के किसी सदस्य में ये लक्षण 2 दिन से ज्यादा नजर आते हैं तो इस विषय पर डॉक्टर से बात करें।
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गर्मी में आर्गन फेल से बचाव के लिए क्या करें- What to do to prevent argon failure in summer
- शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए दिनभर में 3-4 लीटर पानी पिएं। अगर आपको पसीना ज्यादा आता है तो पानी की मात्रा को बढ़ाएं।
- दोपहर 11 से 4 बजे के बीच बाहर न निकलें। इस समय धूप का प्रकोप ज्यादा होता है।
- गर्मी से बचाव के लिए हल्के और सूती के कपड़े पहनें। सूती के कपड़ें पसीना सोंखने में मदद करते हैं।
- गर्मी में पसीने कारण निकलने वाले इलेक्ट्रोलाइट्स की आपूर्ति के लिए नींबू पानी, नारियल पानी और नमक का पानी पिएं।
- शरीर को ठंडा रखने के लिए पंखे और एसी की हवा में बैठें। AC न हो तो ठंडे पानी की पट्टी, कूलर का इस्तेमाल करें।
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निष्कर्ष
डॉक्टर के साथ बातचीत के आधार पर हम ये कह सकते हैं कि ज्यादा गर्मी के कारण आर्गन फेल हो सकते हैं। इसलिए गर्मी से बचाव बहुत जरूरी है।