Expert

क्या खाना खाने के बाद फल खाने से डाइजेशन धीमा होता है? डाइटिशियन से जानें

फल खाना सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है लेकिन फलों को सही समय पर भी खाना चाहिए, जिससे कि इनका सही पोषण शरीर को मिले। यहां जानिए, क्या खाने के बाद फल खाना डाइजेशन धीमा कर देता है?
  • SHARE
  • FOLLOW
क्या खाना खाने के बाद फल खाने से डाइजेशन धीमा होता है? डाइटिशियन से जानें


आज के समय में बिजी लाइफस्टाइल के चलते अक्सर लोगों के पास सुबह सही से ब्रेकफास्ट करने का भी समय नहीं होता है, ऐसे में कई लोग सुबह के समय खाने वाले फलों को शाम में या दोपहर के लंच के बाद खाना पसंद करते हैं। अक्सर हम में से कई लोग भोजन खत्म करने के बाद मीठे की क्रेविंग के चलते फल खा लेते हैं, किसी को चीकू पसंद है, तो कोई केला या अमरूद खाने के बाद ले लेता है। कई लोगों के मन में सवाल रहता है कि क्या खाने के बाद फल खाना नुकसानदायक है? या क्या इससे गैस और पेट फूलना (Bloating) बढ़ता है? इस बारे में सही जानकारी के लिए हमने, जयपुर स्थित Angelcare-A Nutrition and Wellness Center की निदेशक, डाइटिशियन एवं न्यूट्रिशनिस्ट अर्चना जैन (Archana Jain, Dietitian and Nutritionist, Director, Angelcare-A Nutrition and Wellness Center, Jaipur) से बात की-

क्या खाने के बाद फल खाने से पाचन धीमा होता है? - Can Eating Fruits After Meals Slow Digestion

डाइटिशियन एवं न्यूट्रिशनिस्ट अर्चना जैन का कहना है कि फलों में मौजूद फाइबर, फ्रुक्टोज और एंजाइम्स शरीर को एनर्जी देने और पाचन सुधारने में मदद करते हैं, लेकिन जब इन्हें भारी भोजन के साथ लिया जाता है, तो डाइजेशन प्रोसेस स्लो हो जाती है, क्योंकि शरीर को पहले भोजन को तोड़ने में ज्यादा समय लगता है। इस दौरान फल पेट में रुके रहते हैं, जिससे ब्लोटिंग, गैस और पेट में भारीपन महसूस होता है। डाइटिशियन अर्चना जैन बताती हैं, ''अगर आप खाने के तुरंत बाद फल खाते हैं, तो पेट में गैस और डाइजेशन से जुड़ी परेशानियां बढ़ सकती हैं। इसलिए फलों और भोजन के बीच कम से कम 1-1.5 घंटे का अंतर रखना चाहिए।''

इसे भी पढ़ें: लगातार पेट फूलना हो सकता है गैस्ट्रोपैरिसिस की समस्या का संकेत, जानें इसके लक्षण 

आयुर्वेद क्या कहता है?

आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि हर भोजन का अपना पाचन समय और तरीका होता है। फल हल्के और शीघ्र पचने वाले होते हैं, जबकि खाना (जैसे दाल, चावल, रोटी आदि) भारी होता है और उसे पचने में ज्यादा समय लगता है। अगर आप भारी भोजन के बाद फल खाते हैं, तो वह पेट में पहले खाए गए भोजन के ऊपर जमा हो जाता है और समय पर पच नहीं पाता। इससे फल फर्मेंट (Ferment) होने लगते हैं, जिससे गैस, पेट फूलना और एसिडिटी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। आयुर्वेद में कहा गया है कि फल सदैव अकेले खाएं यानी फलों को भोजन से अलग और खाली पेट लेना सबसे सही माना गया है, ताकि उनका रस शरीर में जल्दी अवशोषित हो सके।

इसे भी पढ़ें: खाना खाने के बाद गैस और पेट फूलने की समस्या से कैसे बचें? जानें डॉक्टर से

can eating fruits after meals slow digestion

फल खाने का सही समय क्या है? - What is the best time to eat fruit

अगर आप फलों का पूरा फायदा उठाना चाहते हैं, तो सुबह खाली पेट या भोजन के 2 घंटे बाद उन्हें खाना सबसे अच्छा समय माना गया है। सुबह फल खाने से शरीर को तुरंत एनर्जी मिलती है, डिटॉक्स प्रक्रिया एक्टिव होती है और पाचन एंजाइम्स बेहतर काम करते हैं। रात के समय या भारी भोजन के बाद फल खाने से बचना चाहिए, क्योंकि उस समय पाचन क्रिया धीमी रहती है और फल पेट में लंबे समय तक ठहर सकते हैं।

निष्कर्ष

अगर आप सोच रहे हैं कि क्या खाने के बाद फल खाना पाचन को धीमा करता है? तो जवाब है हां। भोजन के तुरंत बाद फल खाना पाचन को बाधित करता है और गैस, भारीपन जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है। इसलिए ध्यान रखें कि फल हमेशा खाली पेट या भोजन के 2 घंटे बाद खाएं ताकि उनके पोषक तत्वों का शरीर को पूरा लाभ मिल सके और आपका पाचन तंत्र (Digestive System) स्वस्थ रहे।

All Images Credit- Freepik

FAQ

  • पाचन धीमा क्यों होता है?

    धीमे पाचन का मुख्य कारण गलत खानपान, ज्यादा तला-भुना खाना, देर रात भोजन करना, तनाव, पानी की कमी और शरीर में पाचन एंजाइम्स की कमी हो सकती है।
  • पाचन को तेज करने के लिए क्या खाएं?

    पाचन सुधारने के लिए जीरा, सौंफ, अदरक, अजवाइन, नींबू पानी और गुनगुना पानी बहुत फायदेमंद माने जाते हैं। साथ ही, हल्का और फाइबर युक्त भोजन करें।
  • धीमे पाचन के लक्षण क्या हैं?

    धीमे पाचन में पेट फूलना, भारीपन, डकारें आना, भूख कम लगना, एसिडिटी, थकान और कभी-कभी कब्ज जैसी समस्याएं दिखाई देती हैं।

 

 

 

Read Next

थकान होने पर कैफीन लेना सही है या गलत? जानें एक्‍सपर्ट की राय

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version

  • Oct 30, 2025 15:29 IST

    Modified By : Akanksha Tiwari
  • Oct 30, 2025 15:24 IST

    Published By : Akanksha Tiwari

TAGS