प्रेग्नेंसी में सर्वाइकल कैंसर का इलाज करना एक मुश्किल और सेंसेटिव मामला हो सकता है, क्योंकि इस दौरान इलाज की प्रक्रिया मां और बच्चे दोनों की सेहत को ध्यान में रखते हुए तय की जाती है। सर्वाइकल कैंसर, जो गर्भाशय ग्रीवा (सर्विक्स) में होता है, एक प्रकार का कैंसर है जो महिलाओं में आम होता है। इसकी पहचान पहले चरणों में होने पर इसका इलाज आसानी से किया जा सकता है। हालांकि, अगर इस कैंसर का पता, प्रेग्नेंसी के दौरान चलता है, तो इलाज के विकल्प कम हो सकते हैं और इसे लेकर कई शारीरिक चुनौतियां आ सकती हैं। इस लेख में हम प्रेग्नेंसी में सर्वाइकल कैंसर के इलाज से जुड़े इलाज और जोखिमों पर चर्चा करेंगे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के झलकारीबाई हॉस्पिटल की वरिष्ठ गाइनोकॉलोजिस्ट डॉ दीपा शर्मा से बात की।
प्रेग्नेंसी में सर्वाइकल कैंसर का इलाज संभव है या नहीं?- Cervical Cancer Treatment in Pregnancy
डॉ दीपा शर्मा ने बताया कि कैंसर की स्थिति को देखते हुए सर्वाइकल कैंसर का इलाज प्रेग्नेंसी में किया जाता है। डॉक्टर कोशिश करते हैं कि डिलीवरी के बाद, इलाज किया जाए, अगर कैंसर का ट्यूमर गंभीर स्टेज पर होता है, तो डॉक्टर ट्रीटमेंट शुरू कर देते हैं। सर्वाइकल कैंसर की पहचान के लिए पैप स्मीयर टेस्ट और कोलपोसकोपी जैसे टेस्ट किए जाते हैं। अगर महिला गर्भवती होती है और शरीर में सर्वाइकल कैंसर के लक्षण मिलते हैं, तो डॉक्टर सबसे पहले कैंसर की स्थिति की गंभीरता को समझने के लिए टेस्ट करेंगे। यह भी ध्यान में रखा जाएगा कि गर्भावस्था के दौरान इलाज की प्रक्रिया, मां और बच्चे दोनों के लिए सुरक्षित हों। प्रारंभिक अवस्था में कैंसर की पहचान होने पर कुछ मामलों में बिना इलाज के भी गर्भावस्था को जारी रखा जा सकता है, लेकिन अगर कैंसर विकसित हो चुका है, तो इलाज के लिए सर्जरी या कीमोथेरपी की जरूरत हो सकती है।
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डिलीवरी के तुरंत बाद शुरू करते हैं कैंसर का इलाज
गर्भावस्था में कैंसर का इलाज करना एक सेंसिटिव मुद्दा है, क्योंकि इसमें मां की सेहत के साथ-साथ बच्चे की सुरक्षा भी जरूरी होती है। बहुत से मामलों में, डॉक्टर इलाज के दौरान गर्भावस्था को नुकसान से बचाने के उपायों पर विचार करते हैं। इसके अलावा, अगर कैंसर का इलाज प्रेग्नेंसी के दौरान जरूरी हो, तो आमतौर पर जन्म के बाद ही सर्जरी या अन्य इलाज शुरू किए जाते हैं। इसके बावजूद, अगर कैंसर की स्थिति गंभीर होती है और गर्भावस्था के दौरान उपचार की जरूरत होती है, तो डॉक्टर के पास विभिन्न विकल्प होते हैं, जैसे सर्जरी, रेडियेशन, या कीमोथेरपी। लेकिन, इन उपचारों का असर बच्चे पर भी हो सकता है, इसलिए विशेषज्ञ पूरी सावधानी से इलाज करते हैं। कुछ मामलों में, गर्भावस्था के दौरान कैंसर के इलाज की वजह से समय से पहले प्रसव भी हो सकता है।
प्रेग्नेंसी में कैंसर ट्रीटमेंट का शिशु की सेहत पर असर- How Cancer Treatment Affects Baby's Health in Pregnancy
प्रेग्नेंसी में सर्वाइकल कैंसर का इलाज शिशु की सेहत पर असर डाल सकता है, खासकर अगर इलाज में सर्जरी, कीमोथेरपी या रेडिएशन जैसे विकल्प शामिल होते हैं। इन उपचारों का प्रभाव गर्भ में पल रहे शिशु पर हो सकता है। गर्भवती महिला में सर्वाइकल कैंसर के इलाज के लिए सर्जरी की जरूरत हो सकती है, लेकिन यह गर्भ में शिशु के लिए हानिकारक हो सकती है। अगर गर्भाशय ग्रीवा (सर्विक्स) का एक हिस्सा हटाना पड़े, तो इससे गर्भधारण में समस्या हो सकती है या समय से पहले प्रसव का खतरा बढ़ सकता है। कीमोथेरपी से शिशु का विकास प्रभावित हो सकता है, और रेडिएशन से जन्म दोष का जोखिम बढ़ सकता है।
प्रेग्नेंसी में सर्वाइकल कैंसर का इलाज संभव है, लेकिन यह बहुत हद तक कैंसर की अवस्था और गर्भावस्था के चरण पर निर्भर करता है।
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