कैंसर का एकमात्र इलाज है कीमोथेरेपी। लेकिन कीमोथेरेपी कराने के बाद मरीज को हाथ-पैरों में कमजोरी, सुन्नता और दर्द की शिकायत होती है जिसे दूर करने के लिए मेडिकल ट्रीटमेंट ली जाती है। लेकिन अब इस मेडिकल ट्रीटमेंट से छुटकारा मिलेगा। क्योंकि हाल ही में हुए एख शोध में इस बात की पुष्टि हुई है कि कीमोथेरेपी के बाद व्यायाम करने से हाथ-पैरों की कमजोरी, सुन्नता और दर्द दूर होती है।
इस शोध के में वैज्ञानिकों ने 300 कैंसर के मरीजों को शामिल किया था। शोधकर्ताओं ने इस दौरान इन सभी रोगियों को घर में ही रेसिस्टेंट-बैंड प्रशिक्षण में शामिल किया। इस दौरान इन सारे मरीजों की न्यूरोपैथिक लक्षणों की व्यायाम न करने वाले मरीजों से तुलना की गई। परिणाम में निकल कर आया की जो मरीज व्यायाम करते थे उनमें जलन, दर्द, झुनझुनी, स्तब्धता और ठंड आदि के लक्षण नहीं दिखाए दिए। इस शोध को अमेरिकन सोसाइटी ऑफ क्लीनिकल ओन्कोलॉजी (एएससीओ) 2016 की शिकागो में होने वाली वार्षिक बैठक में प्रकाशित किए जाएगा।
अमेरिका में युनिवर्सिटी ऑफ रोचेस्टर विल्मट कैंसर इंस्टीट्यूट से इस अध्ययन के मुख्य लेखक इयान क्लेकनर ने कहा, “व्यायाम करने वाले रोगियों ने महत्वपूर्ण रूप से न्यूरोपैथी लक्षणों जैसे जलन, दर्द, झुनझुनी, स्तब्धता और ठंड के प्रति संवेदनशीलता का कम अनुभव किया। वहीं इस दौरान वृद्ध रोगियों पर व्यायाम का काफी असर देखने को मिला।”
इयान ने कहा, “व्यायाम एक शक्तिशाली उपाय है, जो एक ही समय में कई सारे जैविक और मनोवैज्ञानिक कारकों, जैसे मस्तिष्क का विद्युत परिपथ तंत्र, सूजन तथा हमारे सामाजिक संबंधों आदि को प्रभावित करता है। जबकि दवाओं का आम तौर पर एक विशेष लक्ष्य होता है और वह वहीं तक सीमित होती हैं।”
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