कोरोना के बाद ब्लैक फंगस एक महामारी के रूप में सामने आया है। हालात इतने बुरे हुए कि कई राज्यों में ब्लैक फंगस को महामारी घोषित कर दिया गया। कोई भी महामारी आती है तो उसमें अफवाहें अलग से फैलती हैं। यही हाल आज है। ब्लैक फंगस को लेकर सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाई जा रही है कि प्याज और रेफ्रिजिरेटर से ब्लैक फंगस होता है। दूसरा पोस्ट में यह भी बताया जा रहा है कि प्याज पर दिखने वाला काला धब्बा ब्लैक फंगस है और फ्रिज में रबर वाले हिस्से में कालापन दिखना ब्लैक फंगस है। इस पर विशेषज्ञों का कहना है कि प्याज और रेफ्रिजिरेटर से ब्लैक फंगस नहीं फैलता है। यह मात्र अफवाह है। विशेषज्ञों ने बताया है कि कुछ खाद्य सामग्री में कालापन दिखना ब्लैक फंगस से अलग है।
क्या रेफ्रिजरेटर से ब्लैक फंगस फैलता है?
पोस्ट में यह दावा किया गया है कि रेफ्रिजरेटर में दिखने वाले रबर ट्यूब में जो कालापन दिखता है वह ब्लैक फंगस, यीस्ट है। इस पर दिल्ली के स्वामी दयानंद अस्पताल में जनरल फिजिशयन डॉ. ग्लैडविन त्यागी का कहना है कि फ्रिज में जो कालापन दिखता है वह फफूंद होती है। यह ब्लैक फंगस नहीं है। यह एक तरह का बैक्टीरिया का कारण हो सकता है। इस तरह के संक्रमण से पेट से संबंधित परेशानियां हो सकती हैं। लेकिन यह ब्लैक फंगस का खतरा नहीं है। साथ ही डॉक्टर ने कहा है कि फ्रिज में सब्जियों को अच्छे से साफ करके रखें।
क्या प्याज से फैलता है ब्लैक फंगस?
इमामी लाइफ में न्यूट्रीशनिस्ट डॉ. शैली तोमर का कहना है कि प्याज का कालापन भी एक fungus से ही होता है जिसका नाम है Aspergillus niger है। यह मिट्टी में पाए जाने वाले कवक (Black mould) के कारण होता है। यह ब्लैक मोल्ड फ्रिज की रबर ट्यूब में भी पाया जाता है, इसे stachybotrys chartarum कहा जाता है। यह काली फूफूंद सड़े हुए चीज, पके हुए भोजन, ब्रेड और मेवा में भी पाया जाता है। लेकिन ब्लैक फंगस फ्रिज में बढ़ नहीं सकता। फ्रिज या प्याज में पाया जाने वाली फफूंद हानिकारक नहीं होती है। लेकिन फिर भी प्याज को अच्छे धोना जरूरी है। तो वहीं अगर आपको फ्रिज में भी काली फफूंद दिख रही है तो विनिगर और बेकिंग सोडा सोलुशन से धोएं। तो वहीं, बची हुई सब्जियों को फ्रिज में ढंक कर रखें।
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कैसे फैलता है ब्लैक फंगस?
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के मुताबिक म्यूकोरमाइकोसिस एक तरह का फंगस इंफेक्शन है। यह हमारे वातावरण में पाया जाता है। यह mycormycetes नाम का एक फंगस है जो अक्सर मिट्टी में पाया जाता है। ये उन लोगों को ज्यादा प्रभावित करता है जिनकी किसी गंभीर बीमारी की दवाएं पहले से चल रही हैं। ऐसे लोग वातावरण से होने वाले रोगों से लड़ नहीं पाते। ऐसे मरीज जब हवा के मार्फत फंगल पोर्स को अंदर लेते हैं तो साइनसिस और फेफड़े प्रभावित होते हैं। इन मरीजों में आंखों के आसपास दर्द और आंखें लाल हो जाती हैं। सिर दर्द, खांसी, सांस लेने में दिक्कत, खून की उल्टियां, मानसिक स्थिति का बदलना और बुखार की परेशानी को देखने को मिलती है।
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इन कारणों से फैलता है ब्लैक फंगस
पारस अस्पताल में ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉक्टर अमिताभ मलिक का कहना है कि जिन लोगों ने कोविड के इलाज के दौरान बहुत ज्यादा हाई डोज स्टेयरॉयड लिए हैं, चाहे वे गंभीर कंडीशन में थे या नहीं, उनमें ब्लड शुगर लेवल बढ़ गए। जिस वजह से इम्युनिटी कमजोर हुई। साथ में हमारी बॉडी का आयरन कंटेंट बढ़ जाता है। डॉक्टर का कहना है कि ब्लड शुगर का बढ़ना, लंबे समय तक स्टेयरॉयड का लेना और शरीर में आयरन का बढ़ना, इन तीन कारणों से म्युकोरमाइकोसिस को फैलने में मदद करती हैं। नमामी लाइफ में न्युट्रीशनिस्ट डॉ. शैली तोमर का कहना है कि ऑक्सीजन सिलेंडर में साफ पानी का इस्तेमाल ना करना या मेडिकल ऑक्सीजन की जगह इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन का इस्तेमाल करना भी ब्लैक फंगस के कारण हैl मगर ब्लैक फंगस contagious नहीं है, यानी ये एक इंसान से दूसरे में नहीं फैलती। तो वहीं आइसीएमआर ने अन्य कारण भी बताए हैं इसके फैलने के। जो निम्न हैं।
अनियंत्रित मधुमेह होना
स्टेयरॉयड से इम्युनोसप्रेशन होना
लंबे समय आइसीयू में रहना
वेरिकोनोजोल थेरेपी होना
ब्लैक फंगस का फ्रिज या प्याज से कोई लेना देना नहीं है। यह विशेषज्ञों ने सिद्ध कर दिया है। ब्लैक फंगस के फैलने के कारण अलग हैं। वे नहीं हैं जो पोस्ट में दावा किया गया है। लेकिन ध्यान रखें फल व सब्जियों को साफ करके खाएं और घर में साफ-सफाई का ध्यान रखें।
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