सेहतमंद रहने के लिए जरूरी है कि हम अपनी डाइट में ऐसे हेल्दी फूड शामिल करें जो न केवल स्वाद को बढ़ाएं बल्कि शरीर को भरपूर पोषण भी दें। इसी में एक खास नाम है सफेद तिल (White Sesame Seeds)। सफेद तिल के फायदे आयुर्वेद से लेकर मॉडर्न न्यूट्रिशन साइंस तक में बताए गए हैं। इसमें कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, जिंक, प्रोटीन, हेल्दी फैट और फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो हड्डियों, स्किन, दिल और पाचन तंत्र के लिए बेहद फायदेमंद है। अगर आप रोजाना इस्तेमाल होने वाले गेहूं के आटे में सफेद तिल मिलाकर रोटी बनाते हैं, तो यह स्वाद और सेहत दोनों में बेहतरीन साबित हो सकता है। खासकर सर्दियों में सफेद तिल वाली रोटी शरीर को अंदर से गर्म रखती है और इम्यूनिटी को बढ़ाती है। इस लेख में मेवाड़ विश्वविद्यालय में प्रोफेसर एवं प्राकृतिक चिकित्सालय बापू नगर, जयपुर की वरिष्ठ चिकित्सक योग, प्राकृतिक चिकित्सा पोषण और आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. किरण गुप्ता से जानिए, आटे में सफेद तिल मिलाकर खाने के फायदे क्या होते हैं?
आटे में सफेद तिल मिलाकर खाने के फायदे - Benefits Of Mixing White Sesame In Wheat Flour
आयुर्वेद में तिल को 'सुपरफूड' माना गया है, जो हड्डियों को मजबूत करने, पाचन सुधारने और स्किन को निखारने में मदद करता है। आइए जानते हैं आटे में सफेद तिल मिलाकर खाने के फायदे विस्तार से।
1. हड्डियों को मजबूत बनाए
सफेद तिल कैल्शियम का बेहतरीन सोर्स है और ऐसे में रोजाना आटे में इसे मिलाकर खाने से हड्डियों और दांतों को मजबूती मिलती है। खासतौर पर बढ़ती उम्र में हड्डियों की कमजोरी और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याओं से बचाव होता है।
2. सर्दियों में शरीर को गर्म रखे
आयुर्वेद के अनुसार, तिल का स्वभाव गरम होता है। सर्दियों में इसे आटे में मिलाकर खाने से शरीर का तापमान संतुलित रहता है और ठंड लगने की संभावना कम होती है। यह जोड़ों के दर्द और ठंड से होने वाली जकड़न को भी कम करता है।
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3. पाचन शक्ति में सुधार
सफेद तिल में मौजूद फाइबर पाचन को बेहतर बनाता है और कब्ज की समस्या को दूर करता है। अगर आप रोजाना तिल वाली रोटियां खाते हैं तो पेट साफ रहता है और गैस, एसिडिटी जैसी समस्याओं में राहत मिलती है।
4. दिल की सेहत के लिए फायदेमंद
सफेद तिल में हेल्दी फैटी एसिड्स और ऐसे तत्व होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। इससे दिल के रोगों का खतरा कम होता है और ब्लड प्रेशर भी संतुलित रहता है।
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5. खून की कमी को दूर करे
सफेद तिल आयरन से भरपूर होता है, जो हीमोग्लोबिन बढ़ाने में मदद कर सकता है। आटे में तिल मिलाकर खाने से एनीमिया की समस्या दूर हो सकती है और शरीर में एनर्जी का लेवल बढ़ता है।
6. वजन कंट्रोल में सहायक
सफेद तिल में मौजूद हेल्दी फैट्स और प्रोटीन लंबे समय तक पेट भरा रखते हैं, जिससे बार-बार खाने की आदत कम होती है। इससे वजन कंट्रोल रखने में मदद मिलती है।
7. इम्यूनिटी बढ़ाए
सफेद तिल में मौजूद मिनरल्स और विटामिन्स इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं। सर्दी-जुकाम, फ्लू और मौसमी इंफेक्शन से बचाव में यह फायदेमंद है।
सफेद तिल आटे में कैसे मिलाएं?
- 1 किलो गेहूं के आटे में लगभग 100-150 ग्राम सफेद तिल मिला लें। तिल को हल्का सा भूनकर पीस लें, ताकि स्वाद और पचने की क्षमता बढ़ जाए।
- दिन में 2-3 तिल वाली रोटियां पर्याप्त होती हैं।
- सर्दियों में सुबह या दोपहर के भोजन में इसे शामिल करें। लेकिन गर्मियों में 1 ही रोटी खाएं और वो भी दिन के समय। ज्यादा मात्रा में तिल खाने से शरीर में गर्मी बढ़ सकती है, इसलिए संतुलित मात्रा में सेवन करें।
निष्कर्ष
आटे में सफेद तिल मिलाना एक आसान और स्वादिष्ट तरीका है सेहत को बेहतर बनाने का। यह न केवल स्वाद में लाजवाब है, बल्कि शरीर को पोषण भी देता है। अगर आप बीमारियों से बचना और हेल्दी रहना चाहते हैं, तो तिल वाली रोटियों को अपनी डाइट का हिस्सा जरूर बनाएं।
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