Expert

महिलाओं के लिए फायदेमंद होता है केले के फूलों का जूस, एक्सपर्ट से जानें सेवन का तरीका

खराब लाइफस्टाइल, तनाव और हार्मोनल असंतुलन का महिलाओं के स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ता है। यहां जानिए, महिलाओं को स्वस्थ रहने के लिए क्या करना चाहिए?
  • SHARE
  • FOLLOW
महिलाओं के लिए फायदेमंद होता है केले के फूलों का जूस, एक्सपर्ट से जानें सेवन का तरीका


आज के समय में मॉडर्न लाइफस्टाइल, खराब खानपान, तनाव और हार्मोनल असंतुलन के कारण महिलाओं में पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) और गर्भाशय संबंधी समस्याएं आम हो गई हैं। लाइफस्टाइल से जुड़ी इन समस्याओं से निजात पाने के लिए जरूरी है कि महिलाएं हेल्दी लाइफस्टाइल मेंटेन करें और एक्सपर्ट से सलाह लें। इन समस्याओं से निजात पाने के लिए महिलाएं नेचुरल उपायों का सहारा भी ले सकती हैं। केले का फूल, जिसे अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है, महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए वरदान साबित हो सकता है। केले के फूल से बना जूस पोषक तत्वों से भरपूर होता है और इसमें एंटीऑक्सीडेंट, आयरन, मैग्नीशियम और फाइबर की अच्छी मात्रा पाई जाती है। इस लेख में नेचुरोपैथी डॉक्टर श्री विद्या प्रशांत से जानिए, महिलाओं के लिए केले के फूल का जूस पीने के क्या-क्या फायदे होते हैं?

महिलाओं के लिए केले के फूल के फायदे

1. हार्मोनल संतुलन - Hormonal Balance

केले के फूल का जूस महिलाओं के मासिक धर्म चक्र यानी पीरियड्स को नियमित करने में मदद करता है। यह एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन के स्तर को संतुलित करने में सहायक होता है, जिससे अनियमित मासिक धर्म की समस्या कम हो सकती है। इसके अलावा केले के फूल के जूस में आयरन की अच्छी मात्रा होती है, जो एनीमिया (रक्त की कमी) के जोखिम को कम करती है। इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-स्पास्मोडिक गुण मासिक धर्म के दर्द और पीरियड्स के दौरान होने वाली ऐंठन को कम करने में सहायक होते हैं। यह मूड स्विंग्स और अन्य पीरियड्स के लक्षणों से भी राहत प्रदान करता है।

इसे भी पढ़ें: चेहरे की शेविंग करते समय महिलाएं क्या करें-क्या न करें, मानें एक्सपर्ट की सलाह

2. प्रजनन क्षमता और गर्भाशय स्वास्थ्य - Fertility and Uterine Health

केले के फूल का जूस गर्भाशय के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है। इसमें पाए जाने वाले यौगिक गर्भाशय को मजबूत करते हैं और प्रजनन क्षमता को बढ़ाते हैं। इसके साथ ही यह जूस ओवरी की सेल्स को ऑक्सीडेटिव नुकसान से बचाने में मदद करता है, जो प्रजनन स्वास्थ्य (reproductive health) को बढ़ावा देने में सहायक होते हैं।

3. दूध उत्पादन को बढ़ाए - Improves Lactation

केले के फूल का जूस स्तनपान कराने वाली महिलाओं में दूध उत्पादन को बढ़ाता है। यह जूस कैल्शियम, पोटेशियम और मैग्नीशियम जैसे जरूरी पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जो स्तनपान कराने वाली महिलाओं और उनके बच्चों के लिए लाभकारी हैं।

इसे भी पढ़ें: पुरुषों से ज्यादा मोटी क्यों होती हैं महिलाओं की जांघें? एक्सपर्ट से जानें कारण

4. पीसीओएस/पीसीओडी मैनेजमेंट - Manages PCOS/PCOD

केले के फूल का जूस पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) और पीसीओडी (पॉलीसिस्टिक ओवरी डिजीज) से पीड़ित महिलाओं के लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है। यह जूस शरीर में इंसुलिन और हार्मोनल स्तर को कंट्रोल करने में मदद करता है, जिससे इन समस्याओं के लक्षणों को कम किया जा सकता है। इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण ओवरी की सूजन और दर्द को कम करने में मदद करते हैं।

banana flower

5. पाचन स्वास्थ्य के लिए लाभकारी - Promotes Digestive Health

केले के फूल का जूस फाइबर से भरपूर होता है, जो कब्ज को रोकने और पाचन तंत्र को हेल्दी रखने में मदद करता है। खासकर गर्भावस्था या हार्मोनल बदलाव के दौरान यह पाचन की समस्याओं से राहत प्रदान करता है। यह जूस आंतों में अच्छे बैक्टीरिया के विकास को बढ़ावा देता है, जिससे पाचन और इम्यूनिटी दोनों को लाभ होता है।

केले के फूल का जूस कैसे बनाएं?

इस जूस को बनाने के लिए मुट्ठीभर केले के फूलों के साथ एक छोटा टुकड़ा ताजी हल्दी, आधा चम्मच जीरा, 1 कप दही, चुटकीभर नमक और जरूरत अनुसार पानी चाहिए होगा। केले के फूलों को धोने के बाद ब्लेंडर जार में डालें और फिर सभी सामग्री को डालकर पीस लें। इसके बाद इस जूस को छानकर पिएं।

निष्कर्ष

केले के फूल का जूस महिलाओं के लि बेहद लाभकारी और पोषण से भरपूर होता है। यह न केवल हार्मोनल संतुलन को बनाए रखने, मासिक धर्म की समस्याओं को दूर करने और गर्भाशय की सेहत को बेहतर बनाने में मदद करता है, बल्कि यह प्रजनन स्वास्थ्य और पाचन को भी बढ़ावा देता है। महिलाओं को इसे अपनी डाइट में शामिल करने से कई प्रकार के फायदे मिल सकते हैं।

All Images Credit- Freepik

Read Next

जली हुई त्वचा पर टूथपेस्ट लगाना सही है या नहीं? जानें जलने के घरेलू उपायों से जुड़े 5 मिथकों की सच्चाई

Disclaimer