
Avoid Vomiting During Travel: जब भी ट्रैवल प्लान बनते हैं, तो खुशी का एक अलग ही माहौल होता है। ट्रैवल के दौरान खाने के लिए बहुत कुछ पैक किया जाता है, लेकिन कुछ लोग जैसे ही कार, ट्रेन, हवाई जहाज या बस में बैठते हैं, उन्हें तुरंत ही मतली, उल्टी जैसी समस्याएं होने लगती हैं। ऐसे में सफर का पूरा मजा खराब हो जाता है। ट्रैवल के दौरान मतली, उल्टी या चक्कर आने की समस्या को मोशन सिकनेस (Motion Sickness) कहते हैं। लोग अक्सर ट्रैवल के दौरान होने वाली इस परेशानी से छुटकारा पाने के कई तरीके ढ़ूंढते हैं और इसलिए हमने फरीदाबाद के सर्वोदय अस्पताल के सीनियर आयुर्वेदिक पंचकर्मा कंसल्टेंट डॉ. चेतन शर्मा (Dr. Chetan Sharma, Sr. Ayurveda Panchakarma Consultant, Sarvodaya Hospital, Faridabad & Noida) से बात की। उन्होंने उल्टी से बचने के 5 आयुर्वेदिक तरीकों को बताया, जिससे ट्रैवल को खुशनुमा बनाया जा सकता है।
उल्टी से बचने के 5 आयुर्वेदिक तरीके
डॉ. चेतन ने बताया, “आयुर्वेद के अनुसार, उल्टी, मतली और चक्कर आने की समस्या शरीर के वात और कफ दोष के बैलेंस न होने के कारण होती है। जब ये दोष असंतुलित होते हैं, तो दिमाग और इंद्रियों के बीच तालमेल गड़बड़ा जाता है। इससे उल्टी, सिर भारी लगना और मतली जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। अगर सफर से पहले कुछ सरल आयुर्वेदिक उपाय अपना लिए जाएं, तो उल्टी और मतली जैसी परेशानी को काफी हद तक रोका जा सकता है।”

इसे भी पढ़ें: प्रेग्नेंसी में आयरन सप्लीमेंट लेने से क्यों होती है उल्टी? जानें डॉक्टर से कारण
अदरक
डॉ. चेतन कहते हैं कि अदरक मोशन सिकनेस का सबसे असरदार इलाज है। अदरक को आयुर्वेद में वमन-रोधक यानी उल्टी रोकने वाला सबसे असरदार औषधीय पौधा माना गया है। इसमें मौजूद जिंजरोल नाम का तत्व पेट की मांसपेशियों को शांत करता है और मतली की फीलिंग को तुरंत कम करता है। सफर शुरू करने से 15 मिनट पहले आधा चम्मच अदरक का रस या सूखी सौंठ का पाउडर थोड़ा शहद के साथ लें। सफर के दौरान अदरक की टॉफी या छोटा टुकड़ा चबाने से भी पेट शांत रहता है। अदरक का रस न सिर्फ मोशन सिकनेस को कम करता है, बल्कि पाचन और गैस की समस्या में भी कारगर होता है।
नींबू
डॉ. चेतन ने कहा, “नींबू ताजगी और संतुलन का नेचुरल सोर्स है। इसमें साइट्रिक एसिड पाया जाता है, जो शरीर के pH को बैलेंस करता है। इससे उल्टी होने जैसी समस्या कम हो सकती है। नींबू की सुगंध दिमाग को ताजगी देती है और मन को शांत करती है। सफर से पहले आधा नींबू का रस लेकर उसमें थोड़ा काला नमक मिलाकर पी लें। अगर सफर के दौरान मतली महसूस हो, तो नींबू का टुकड़ा चूस लें या सूंघें। इससे तुरंत राहत मिलेगी और साथ ही नींबू पाचन को भी बेहतर करता है। मोशन सिकनेस का मुख्य कारण वात होता है और नींबू वात दोष को शांत करता है।”
तुलसी
डॉ. चेतन ने बताया कि तुलसी मन और दिमाग दोनों को शांत करने वाली जड़ी-बूटी है। तुलसी को आयुर्वेद में ‘सत्त्ववर्धक औषधि’ कहा गया है, यानी यह मन को स्थिर करती है और चिंता या बेचैनी कम करती है। तुलसी सफर के दौरान होने वाली घबराहट को तुरंत शांत करती है। सफर से पहले 2-3 ताजे तुलसी के पत्ते मुंह में रखकर धीरे-धीरे चबाएं। इसके अलावा, तुलसी की हल्की चाय बनाकर भी सफर से पहले पी सकते हैं। तुलसी में मौजूद यूजेनॉल नर्वस सिस्टम को रिलैक्स करता है, जिससे उल्टी या सिर चकराने की संभावना कम होती है।
इसे भी पढ़ें: व्रत रखते ही सिर दर्द या उल्टी जैसा क्यों लगता है? डॉक्टर से जानें कारण
इलायची
डॉ. चेतन ने कहा, “इलायची दिमाग को तरोताजा और हल्का रखता है। इलायची की सुगंध दिमाग को ठंडक देती है और शरीर के नर्वस सिस्टम को स्टेबल करती है। इसकी हल्की मिठास और सुगंध से मतली की भावना कम होती है। सफर के दौरान 1–2 हरी इलायची मुंह में रख सकते हैं। इसके अलावा, सफर से पहले इलायची का थोड़ा चूर्ण शहद के साथ ले सकते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, इलायची वात-कफ दोनों दोषों को संतुलित करती है, इसलिए सफर के दौरान इलायची लेने से उल्टी को रोका जा सकता है।”
पुदीना
डॉ. चेतन कहते हैं कि पुदीना पेट को ठंडक और राहत देता है। पुदीना का नेचुरल कूलिंग एजेंट है, जो पेट की जलन, गैस और मतली से तुरंत राहत देता है। इसमें मौजूद मेंथॉल दिमाग और डाइजेशन दोनों को शांत करता है। सफर से पहले पुदीने का रस या चाय पी जा सकती है। अगर सफर में उल्टी महसूस हो, तो रूमाल पर कुछ बूंदें पुदीने के तेल की डालें और उसे सूंघें। पुदीना न सिर्फ उल्टी को रोकता है बल्कि शरीर में ऑक्सीजन फ्लो बढ़ाकर ताजगी और फोकस बनना में मदद करता है।
सफर के दौरान उल्टी से बचने के तरीके
डॉ. चेतन ने कुछ टिप्स बताए हैं, जिससे मोशन सिकनेस की संभावना को काफी हद तक रोका जा सकता है।
- सफर से पहले तला-भुना खाना न खाएं।
- हमेशा गाड़ी की आगे वाली सीट पर बैठें ताकि शरीर को कम झटके लगें।
- खिड़की से ताजी हवा आने दें, इससे वात बैलेंस रहता है।
- सफर के दौरान मोबाइल देखने या किताब पढ़ने से बचें क्योंकि इससे आंखों और दिमाग पर प्रेशर बढ़ता है।
- नींद पूरी लें और शरीर को हाइड्रेटेड रखें।
निष्कर्ष
डॉ. चेतन कहते हैं कि आयुर्वेद के अनुसार, जब शरीर में वात और कफ दोष बैलेंस रहते हैं, तो सफर के दौरान कोई मुश्किल नहीं होती। अदरक, नींबू, तुलसी, इलायची और पुदीना जैसे प्राकृतिक तरीकों से उल्टी, मतली और सिर के भारीपन को रोका जा सकता है। सबसे अच्छी बात यह है कि ये तरीके सेफ है और इसमें कोई साइड इफेक्ट्स नहीं होते, साथ ही डाइजेशन और मेंटल स्थिति मजबूत रहती है।
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version
Oct 27, 2025 14:34 IST
Modified By : Aneesh RawatOct 27, 2025 14:34 IST
Published By : Aneesh Rawat