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मोशन सिकनेस को लेकर 5 बड़ी गलतफहमियां, जानें क्या है सच और क्या झूठ

ट्रैवल के दौरान कई लोगों को चक्कर, उल्टी, सिरदर्द या कमजोरी महसूस होती है, इसे ही मोशन सिकनेस कहा जाता है। मोशन सिकनेस को लेकर कई तरह की गलतफहमियां भी हैं।
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मोशन सिकनेस को लेकर 5 बड़ी गलतफहमियां, जानें क्या है सच और क्या झूठ


ट्रैवल यानी सफर कई लोगों के लिए उल्टी, चक्कर और बेचैनी जैसी समस्याएं लेकर आता है। यह परेशानी 'मोशन सिकनेस' कहलाती है, चाहे बस की लंबी यात्रा हो, पहाड़ी रास्तों पर कार ड्राइव, हवाई जहाज का टेकऑफ या समुद्री जहाज का सफर, कुछ लोगों को इन परिस्थितियों में पसीना, मतली, सिरदर्द और कमजोरी महसूस होती है। यही वजह है कि कई बार लोग सफर से बचने की कोशिश करते हैं या दवाइयों पर निर्भर हो जाते हैं। मोशन सिकनेस को लेकर समाज में कई तरह की धारणाएं और गलतफहमियां भी फैली हुई हैं। कुछ लोग मानते हैं कि यह केवल बच्चों को होती है, जबकि कुछ सोचते हैं कि यह सिर्फ पिछली सीट पर बैठने वालों को होती है। कुछ इसे मन का वहम मानते हैं तो कुछ सोचते हैं कि इसका कोई इलाज नहीं है। इन मिथकों के कारण लोग सही उपाय नहीं अपना पाते और सफर का मजा अधूरा रह जाता है।

असल में मोशन सिकनेस का संबंध हमारे दिमाग और बैलेंसिंग सिस्टम से है। जब हमारी आंखों को दिखाई देने वाली गति और कान के अंदरूनी हिस्से से मिलने वाले संकेतों में तालमेल नहीं बैठता, तो दिमाग कंफ्यूज हो जाता है और शरीर में असुविधा के लक्षण दिखने लगते हैं। अच्छी बात यह है कि यह स्थिति हमेशा के लिए नहीं रहती और सही जानकारी व सावधानियों से इसे काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है। इस लेख में मेट्रो अस्पताल, नोएडा के वरिष्ठ सलाहकार - आंतरिक चिकित्सा, डॉ. सैबल चक्रवर्ती (Dr. Saibal Chakravorty, Senior Consultant - Internal Medicine, Metro Hospital, Noida) आपको मोशन सिकनेस से जुड़े 5 आम मिथक और उनके पीछे की सच्चाई बताएंगे, ताकि अगली बार आप ट्रैवल में बिना डर और परेशानी के सफर का पूरा मजा ले सकें।

मोशन सिकनेस के बारे में 5 गलतफहमियां - Motion Sickness Myths And Facts

मिथक 1: सिर्फ बच्चों को मोशन सिकनेस होती है?

सच: डॉक्टर सैबल चक्रवर्ती बताते हैं, ''यह समस्या बच्चों में आम है, लेकिन ये बिलकुल सच नहीं है कि यह समस्या सिर्फ बच्चों में होती है। मोशन सिकनेस की समस्या से हर उम्र के लोग प्रभावित हो सकते हैं, खासकर अगर उनकी बैलेंसिंग सिस्टम (इनर ईयर, आंख और दिमाग का तालमेल) में सेंसिटिविटी ज्यादा हो।''

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मिथक 2: पीछे की सीट पर बैठने से ही मोशन सिकनेस होती है?

सच: डॉक्टर सैबल चक्रवर्ती बताते हैं कि सीट की पोजीशन असर डाल सकती है, लेकिन यह एकमात्र कारण नहीं है। आगे की सीट पर बैठने वालों को भी मोशन सिकनेस हो सकती है, खासकर अगर गाड़ी में झटके ज्यादा हों या रास्ता पहाड़ी घुमावदार हो।

मिथक 3: मोशन सिकनेस केवल कार यात्रा में होती है?

सच: मोशन सिकनेस की समस्या नाव, हवाई जहाज, ट्रेन, यहां तक कि वर्चुअल रियलिटी गेम्स खेलने के दौरान भी हो सकती है। जब आपकी आंख और इनर ईयर को मिलने वाले संकेत मेल नहीं खाते, तो यह समस्या हो सकती है।

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मिथक 4: यह सिर्फ मन का वहम है

सच: डॉक्टर सैबल चक्रवर्ती बताते हैं, ''मोशन सिकनेस कोई मानसिक वहम नहीं है, बल्कि यह दिमाग और बैलेंसिंग सिस्टम के बीच सिग्नल मिसमैच के कारण होती है। हालांकि तनाव और डर इसे बढ़ा सकते हैं, लेकिन यह पूरी तरह से फिजिकल रिएक्शन है।''

motion sickness myth

मिथक 5: एक बार मोशन सिकनेस हो जाए तो हमेशा होगी

सच: ऐसा जरूरी नहीं है कि एक बार मोशन सिकनेस की समस्या हो रही है तो हमेशा रहेगी। कई लोग उम्र के साथ इससे उबर जाते हैं, जबकि कुछ में यह कम या ज्यादा हो सकती है। सही आदतें और सावधानियां अपनाने से इसका असर काफी घटाया जा सकता है।

निष्कर्ष

मोशन सिकनेस कोई गंभीर बीमारी नहीं है, लेकिन यह ट्रैवल के अनुभव को खराब कर सकती है। मोशन सिकनेस एक आम लेकिन परेशान करने वाली स्थिति है, जिसे सही जानकारी और सावधानियों के जरिए काफी हद तक रोका जा सकता है। मिथकों पर भरोसा करने के बजाय सही जानकारी जानना जरूरी है, ताकि आप ट्रैवल का मजा बिना किसी परेशानी के ले सकें।

All Images Credit- Freepik

FAQ

  • मोशन सिकनेस में हमें क्या खाना चाहिए?

    मोशन सिकनेस में मतली, चक्कर और उल्टी जैसी समस्या से राहत पाने के लिए हल्का, सुपाच्य और सादा भोजन लेना फायदेमंद होता है। ट्रैवल से पहले या दौरान अदरक का सेवन मतली कम कर सकता है। नींबू पानी या पुदीना भी राहत देता है। ऑयली, मसालेदार और भारी भोजन से बचें। ऐसा इसलिए, क्योंकि यह उल्टी की संभावना बढ़ा सकता है। 
  • मोशन सिकनेस का इलाज

    मोशन सिकनेस के इलाज में सफर से पहले हल्का भोजन करना, अदरक या पुदीना का सेवन, गहरी सांस लेना फायदेमंद होता है। जरूरत पड़ने पर डॉक्टर द्वारा दी गई एंटी-मोशन सिकनेस दवाएं ली जा सकती हैं। ट्रैवल से पहले पर्याप्त आराम और शरीर को हाइड्रेटेड रखना भी राहत देता है।
  • मोशन सिकनेस कब तक रहता है?

    मोशन सिकनेस का समय व्यक्ति और परिस्थिति पर निर्भर करता है। आमतौर पर इसके लक्षण ट्रैवल शुरू होने के कुछ मिनटों से लेकर एक-दो घंटे के भीतर महसूस होने लगते हैं और ट्रैवल खत्म होने के बाद धीरे-धीरे कम हो जाते हैं। 

 

 

 

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