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आलस को जड़ से खत्म करने के 5 जापानी तरीके, तुरंत महसूस होगा बदलाव

आलस अक्सर सिर्फ थकान या मोटिवेशन की कमी का नाम नहीं होता, बल्कि इसके कारण किसी काम में मन भी नहीं लगता है। यहां जानिए, आलस दूर करने के जापानी तरीके क्या हैं?
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आलस को जड़ से खत्म करने के 5 जापानी तरीके, तुरंत महसूस होगा बदलाव


आज की तेज रफ्तार जिंदगी में हम सभी को कभी न कभी आलस घेर ही लेता है। कई बार यह कुछ पलों के लिए होता है, तो कई बार यह आदत का हिस्सा बन जाता है। सुबह अलार्म बजने पर बस 5 मिनट और कहना, काम की लिस्ट बनाकर उसे टालते रहना या फिटनेस के लिए जिम का प्लान बनाना और अगले दिन से शुरू करने का बहाना बनाना ये सब आलस के ही रूप हैं। आलस सिर्फ समय की बर्बादी नहीं करता, बल्कि यह हमारी एनर्जी और आत्मविश्वास को भी धीरे-धीरे कम करता है। दुनिया के कई देशों में आलस से निपटने के तरीके (aalas hatane ka tarika) अपनाए जाते हैं, लेकिन जापान का नाम इसमें खास है। जापानी संस्कृति में अनुशासन और समय को बेहद महत्व दिया जाता है। यहां के लोग मानते हैं कि किसी भी बड़े लक्ष्य तक पहुंचने के लिए रोज के छोटे-छोटे कदम सबसे असरदार होते हैं। यही कारण है कि जापान से कई ऐसी तकनीकें फेमस हुई हैं, जो न केवल आलस को हराने में मदद करती हैं बल्कि हमें लंबे समय तक मोटिवेटेड भी रखती हैं।

इन तकनीकों में खास बात यह है कि इनमें किसी भारी-भरकम प्लान या तुरंत बदलाव की जरूरत नहीं होती। बल्कि यह धीरे-धीरे हमारी आदतों और सोच को बदलती हैं। अगर आप भी रोज के कामों को टालने की आदत से परेशान हैं और चाहते हैं कि आपका दिमाग और शरीर दोनों एक्टिव रहें, तो इस लेख में वेलनेस एक्सपर्ट और तथा स्किनकेयर की संस्थापक, दिविता कनोरिया (Divita Kanoria, Wellness Expert & Founder of Tatha Skincare) से जानिए, जापान की 5 ऐसी तकनीकें जो आपकी जिंदगी से आलस को दूर कर सकती हैं।

आलस दूर करने के जापानी तरीके - Japanese Techniques To Overcome Laziness

1. काइजेन (Kaizen)- रोज थोड़ा-थोड़ा सुधार

दिविता कनोरिया बताती हैं, ''जापानी लोग काइजेन को फॉलो करते हैं जिसका मतलब है कि रोज थोड़ा-थोड़ा सुधार करना, इसका मतलब है कि बड़े बदलाव की जगह छोटे और लगातार सुधार करें। अगर आप किसी काम को शुरू करने में आलस कर रहे हैं, तो पहले सिर्फ एक मिनट के लिए उस काम को करें। जैसे- अगर आपको एक्सरसाइज करनी है, तो शुरुआत में 1-2 मिनट ही वॉक करें। धीरे-धीरे हर दिन समय और मेहनत बढ़ाएं। यह तरीका दिमाग को यह विश्वास दिलाता है कि काम मुश्किल नहीं है और आप बिना दबाव के आगे बढ़ सकते हैं।''

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2. पोमोडोरो तकनीक (Pomodoro Technique)- टाइम ब्लॉक में काम करना

पोमोडोरो की शुरुआत इटली में हुई थी, लेकिन जापानी लोग इसे बड़ी प्रभावी तरीके से अपनाते हैं। पोमोडोरो का मतलब है कि टाइम ब्लॉक में काम करना, इसमें आप 20 मिनट तक बिना किसी रुकावट के काम करते हैं और फिर 5 मिनट का ब्रेक लेते हैं। यह तरीका आलस और ध्यान भटकने से बचाता है, जिससे दिमाग एक्टिव रहता है और काम समय पर पूरा होता है।

3. सेइरी (Seiri)- अनावश्यक चीजों को हटाना

आलस का एक बड़ा कारण है कि हम कई बार जिन चीजों की जरूरत नहीं होती है उन्हें भी अपने आस-पास पड़ा रहने देते हैं, ऐसे में सेइरी को अपनाना आलस को दूर करने में सहायक होता है। सेइरी का मतलब है आस-पास से अनावश्यक चीजों को हटाना। दरअसल, बिखरा हुआ माहौल दिमाग को थका देता है और काम करने की इच्छा कम करता है। अगर आप अपने वर्कस्पेस या कमरे को साफ और सलीकेदार रखेंगे, तो एनर्जी और फोकस दोनों बढ़ेंगे।

ways to overcome laziness

4. मिनिमलिज्म (Minimalism)- कम में ज्यादा

दिविता कनोरिया बताती हैं, ''मिनिमलिज्म का मतलब है 'कम में ज्यादा', आप अपनी जिंदगी में गैर-जरूरी काम, चीजें और लोगों को कम करें, ताकि आपके पास एनर्जी और समय उन्हीं चीजों के लिए हो जो आपके लिए सच में मायने रखती हैं। जब आपका शेड्यूल और माहौल सरल होगा, तो आलस की जगह प्रोडक्टिविटी बढ़ेगी।''

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5. इचिगो इचिए (Ichigo Ichie)- हर पल को खास मानना

इस तकनीक का मतलब है “यह पल दोबारा नहीं आएगा”। जापानी संस्कृति में लोग मानते हैं कि हर काम और हर अनुभव अनोखा है। अगर आप यह सोचकर काम करेंगे कि यह पल और मौका फिर नहीं मिलेगा, तो आलस अपने आप कम हो जाएगा। यह सोच आपके फोकस और मोटिवेशन को तुरंत बढ़ा सकती है।

निष्कर्ष

आलस से लड़ने के लिए जरूरी नहीं कि आप एकदम से बड़े बदलाव करें। जापानी तकनीकें हमें सिखाती हैं कि छोटे-छोटे बदलाव भी कारगर हो सकते हैं। ये तरीके आपके जीवन को धीरे-धीरे बदल सकते हैं। अगर आप आज से ही इनमें से एक भी तकनीक अपनाना शुरू करें, तो आने वाले समय में आप न सिर्फ आलस को हरा पाएंगे, बल्कि अपने काम और निजी जीवन में भी ज्यादा संतुलित और खुश महसूस करेंगे।

All Images Credit- Freepik

FAQ

  • शरीर में आलस रहने का क्या कारण है? 

    शरीर में आलस या थकान महसूस होना कई कारणों से हो सकता है। सबसे आम वजह है पर्याप्त नींद न लेना, अनहेल्दी डाइट और पानी की कमी। लंबे समय तक फिजिकल एक्टिविटी न करना, मानसिक तनाव, डिप्रेशन या चिंता भी एनर्जी लेवल कम कर देते हैं। इसके अलावा थायराइड, एनीमिया, डायबिटीज जैसी बीमारियां भी सुस्ती का कारण बन सकती हैं। 
  • आलसी लोगों के क्या लक्षण होते हैं?  

    आलसी लोगों के लक्षण अक्सर उनके डेली रूटीन और आदतों से पहचान में आ जाते हैं। वे किसी भी काम को टालते रहते हैं और जिम्मेदारियों से बचने के बहाने खोजते हैं। छोटे-से काम में भी थकान या बोझ महसूस करते हैं। देर तक सोना, बिना कारण लेटे रहना या फोन-टीवी में समय बिताना आम आदत होती है। फिजिकल एक्टिविटी से बचना, काम शुरू करने में देर लगाना और जल्दी हार मान लेना भी आलसी स्वभाव के संकेत हैं।
  • आलस्य दूर करने के लिए क्या खाएं?

    आलस्य दूर करने के लिए डाइट में ऐसे फूड्स शामिल करें जो शरीर को एनर्जी और पोषण दें। नाश्ते में ओट्स, अंकुरित अनाज, अंडे या दूध लें ताकि दिनभर एक्टिव रहें। हरी पत्तेदार सब्जियां, मौसमी फल और सलाद विटामिन व मिनरल्स की कमी पूरी करते हैं। पर्याप्त पानी पिएं और कैफीन व ज्यादा मीठी चीजों से बचें, ताकि शरीर में थकान और आलस्य दोनों कम हों।

 

 

 

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