Ayurvedic Remedies For Migraine in Hindi: लगातार काम करने के कारण बढ़े स्ट्रेस, कम रोशनी में काम करने या अन्य कारणों से बार-बार सिर में दर्द की समस्या हो सकती है। वहीं, कुछ लोग माइग्रेन के कारण सिरदर्द से परेशान रहते हैं। माइग्रेन के कारण आपके सिर के एक हिस्से में बहुत तेज दर्द होता है। ऐसे में कई बार बिना दवाई खाए इस दर्द से राहत पाना मुश्किल हो जाता है। लेकिन, बहुत ज्यादा दवाई का सेवन आपके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाल सकते हैं। इसलिए, जरूरी है कि आप माइग्रेन के दर्द से राहत पाने (migraine treatment in hindi) के लिए कुछ ऐसे उपायों को (ayurvedic treatment for migraine) आजमाएं, जो नेचुरल हो और माइग्रेन से राहत दिला सके। ऐसे में अगर आप माइग्रेन के दर्द से राहत पाना चाहते हैं तो आइए रुद्रप्रयाग के स्वीली भरदार में स्थित राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल के चिकित्साधिकारी और आयुर्वेदिक डॉ. दीपक रावत से जानते हैं माइग्रेन से राहत पाने का आयुर्वेदिक इलाज क्या है?
माइग्रेन के लिए आयुर्वेदिक उपाय क्या है? - Which Treatment is Best For Migraine in Hindi?
1. शिरोधारा
शिरोधारा एक आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट है, जिसमें माथे पर गर्म तेल डाला जाता है। यह उपचार मन को शांत करने, नर्व सिस्टम को आराम देने और तनाव को कम करने में मदद करता है। माथे पर मौजूद कुछ बिंदुओं पर हल्का दबाव डालने से, माइग्रेन के लक्षणों को कम करने, आराम को बढ़ावा देने और नींद की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद मिल सकती है।
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2. विरेचन
आयुर्वेद में विरेचन एक सफाई इलाज है, जिसका उद्देशय शरीर के अंदर से विषाक्त पदार्थों और गर्मी को खत्म करना है। इस ट्रीटमेंट में मल त्याग को बढ़ावा देकर और पाचन तंत्र से टॉक्सिक पदार्थों को निकालने के लिए हर्बल चीजों का उपयोग किया जाता है। शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालकर, विरेचन ज्यादा पित्त के कारण होने वाले माइग्रेन के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है, जिसमें माइग्रेन की समस्या से राहत (migraine treatment in ayurveda) मिल सकती है।
3. दूध और घी का उपाय
माइग्रेन के दर्द से राहत दिलाने में दूध और घी का उपचार भी फायदेमंद होता है। यह आपके नर्व सिस्टम को पोषण देने और माइग्रेन के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं। दूध में हल्दी और अदरक पाउडर का एक चुटकी नर्व सिस्टम को शांत करने, ब्लोटिंग को कम करने और शरीर को आराम दिलाने में मदद कर सकता है। दूसरी ओर, घी फैटी एसिड से भरपूर होता है, जो दिमाग और नर्व सिस्टम को पोषण देने में मदद करता है। ऐसे में गर्म दूध में एक चम्मच घी मिलाकर पीने से माइग्रेन के लक्षणों (How to cure migraine in Ayurveda) को कम करने में मदद मिल सकती है।
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4. नस्य चिकित्सा
नस्य एक आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट है, जिसमें नाक के रास्ते से हर्बल तेल डाला जाता है। यह थेरेपी नाक के रास्ते को साफ करने, साइनस के दबाव को कम करने और साइनस की समस्याओं के कारण होने वाले माइग्रेन के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। नाक में हर्बल तेल कुछ बूंदे डालने से नस्य सूजन को कम करने और माइग्रेन के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है।
निष्कर्ष
माइग्रेन की समस्या से राहत दिलाने में आयुर्वेद आपको प्रकृतिक उपाय दिलाने में मदद करता है। ऐसे में अगर आप भी माइग्रेन के दर्द से परेशान रहते हैं तो इन उपायों को आजमा सकते हैं, या फिर किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर की मदद ले सकते हैं। ये सभी उपाय माइग्रेन के दर्द से राहत दिलाने के साथ सेहत के लिए अन्य तरीकों से भी फायदेमंद हैं।
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