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किसी भी व्यक्ति के सेहतमंद रहने के लिए जरूरी है कि आप अपने पाचन क्रिया को बेहतर रखना जरूरी है। आपका स्वास्थ्य ज्यादातर इसी बात पर निर्भर करता है कि आप अपने खाने को किस तरह पचा रहे हैं। आयुर्वेद भी पेट की अग्नि यानी पाचन अग्नि को तेज करने पर जोर देता है क्योंकि यह आपके पाचन, पोषक तत्वों के अवशोषण और टॉक्सिक पदार्थों को शरीर से बाहर निकाले में अहम भूमिका निभाता है। अगर आपकी पाचन अग्नि कमजोर होगी तो खाने के ठीक तरह से पचाने में मुश्किल हो सकता है, जिसका असर आपके संपूर्ण स्वास्थ्य पर पड़ सकता है। इसलिए आयुर्वेद में कुछ ऐसी जड़ी-बूटियों के बारे में बताया गया है जो आपके पाचन अग्नि को तेज कर सकता है। ऐसे में आइए हरियाणा के सिरसा में स्थित रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉ. श्रेय शर्मा से जानते हैं कि पाचन अग्नि को तेज करने के लिए कौन-सी जड़ी-बूटियां खाएं?
पाचन अग्नि बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां - Ayurvedic herbs to increase your digestive fire in hindi
आयुर्वेदिक डॉ. श्रेय शर्मा के अनुसार, आयुर्वेद में ऐसी कई औषधीय जड़ी-बूटियां है, जो आपके पाचन अग्नि को बढ़ाती हैं और पाचन तंत्र को मजबूत रखने में मदद करती है। ऐसे में अपनी पाचन अग्नि को मजबूत करने के लिए आप इन जड़ी-बूटियों का सेवन कर सकते हैं-
1. सौंठ
सौंठ, जिसे सूखी अदरक के रूप में भी जाना जाता है, कफ और वात दोष को संतुलित करने में मदद करता है और हमारे पाचन अग्नि को तेज करता है। सौंठ का सेवन हमारी भूख को बढ़ाता है, पाचन क्रिया को तेज करता है, गैस और अपच की समस्या को दूर करता है, खाना खाने के बाद डकार और पेट में दर्द की समस्या से राहत दिलाता है।
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2. काली मिर्च
काली मिर्च का इस्तेमाल हम सभी अपने खाने या चाय बनाने में करते हैं। आयुर्वेद में भी काली मिर्च का एक अहम महत्व है, ये न सिर्फ एक मसाला है, बल्कि कई गुणों से भरपूर होता है। काली मिर्च का सेवन आपके शरीर की पाचन अग्नि को जगाती है, भूख बढ़ाने और जठराग्नि को संतुलित करने में मदद करती है। यह आपके शरीर से टॉक्सिक पदार्थों को बाहर निकालने में भी मदद करती है।
3. पिपली
पिपली, जिसे आमतौर पर लंबी मिर्च के रूप में भी जाना जाता है आयुर्वेद में एक बेहतरीन औषधि है। पिपली का सेवन आपके जठराग्नि को तेज करने, पाचन में मदद करने और शरीर से टॉक्सिक पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती है। पिपली आमतौर पर उन लोगों के लिए ज्यादा फायदेमंद मानी जाती है, जिनका पाचन तंत्र कमजोर है।
4. हरड़
हरड़ आयुर्वेद में एक बेहतरीन औषधि मानी जाती है, जिसका इस्तेमाल त्रिफला में भी काफी महत्वपूर्ण होता है। हरड़ का सेवन आपके पाचन तंत्र को साफ करने और इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद करता है। नियमित रूप से हरड़ का सेवन कब्ज की समस्या, अपच, पेट की सूजन और एसिडिटी की समस्या को खत्म करता है।
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5. बड़ी इलायची
बड़ी इलायची का सेवन भी आयुर्वेद में पाचन अग्नि को तेज करने के लिए एक बेहतरीन औषधि मानी जाती है। ये न सिर्फ आपके खाने में एक प्यारी सुगंध जोड़ती है, बल्कि पाचन के लिए भी काफी फायदेमंद होती है। बड़ी इलायची का सेवन आपके पाचन शक्ति को बढ़ाती है, गैस और एसिडिटी को कम करती है और भूख को बढ़ावा देती है, जिससे पाचन से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में मदद मिलती है।
निष्कर्ष
सौंठ, काली मिर्च, पिपली, हरड़ और बड़ी इलायची, न सिर्फ आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां हैं, बल्कि आपके पाचन क्रिया के लिए भी काफी फायदेमंद माने जाते हैं। इसलिए, अपनी पाचन अग्नि को बढ़ावा देने और पाचन क्रिया से जुड़ी समस्याओं में सुधार के लिए सीमित मात्रा में इन जड़ी-बूटियों को अपनी डाइट का हिस्सा बनाएं। ध्यान रहे आपको ज्यादा मात्रा में इन जड़ी-बूटियों का सेवन करने से बचना है, क्योंकि ये आपके सेहत के लिए हानिकारक भी हो सकता है।
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FAQ
पाचन अग्नि कमजोर होने के क्या लक्षण हैं?
पाचन अग्नि कमजोर होने पर शरीर में कफ दोष बिगड़ जाता है, जिससे मितली, उल्टी पेट में भारीपन, कमजोरी, खांसी, ज्यादा मात्रा में लार बनना आदि जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।पेट की अग्नि को कैसे ठीक करें?
पेट की अग्नि को ठीक करने के लिए अपने खान-पान और लाइफस्टाइल में हेल्दी बदलाव करना जरूरी है। इसलिए, आप अपने खाने में हल्दी, जीरा और अदरक जैसे मसालों को शामिल करें। इसके साथ ही, मसालेदार, तले हुए और प्रोसेस्ड फूड से परहेज करें।मल को नरम करने के लिए क्या खाना चाहिए?
मल को नरम करने के लिए जरूरी है कि आप भरपूर मात्रा में पानी पिएं। पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से फाइबर को बेहतर तरीके से काम करने में मदद करता है, जिससे मल त्याग में आसानी होती है।
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Oct 23, 2025 18:36 IST
Published By : Katyayani Tiwari