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क्या बस सीधा बैठने से खत्म हो सकता है एसिडिटी और GERD का दर्द? डॉक्टर से जानें

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लंबे समय तक लैपटॉप या मोबाइल पर झुककर बैठना बहुत आम बात हो गई है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह गलत पॉश्चर न सिर्फ आपकी पीठ या गर्दन बल्कि आपके डाइजेस्टिव सिस्टम को भी नुकसान पहुंचा सकता है?
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क्या बस सीधा बैठने से खत्म हो सकता है एसिडिटी और GERD का दर्द? डॉक्टर से जानें


क्या आपने कभी गौर किया है कि जब आप देर तक झुककर बैठते हैं या खाना खाने के बाद तुरंत लेट जाते हैं, तो सीने में जलन या खट्टी डकारें महसूस होती हैं? अगर हां, तो यह सिर्फ पाचन का मामला नहीं, बल्कि आपके पॉश्चर का असर भी हो सकता है। आज की मॉडर्न लाइफस्टाइल में हममें से ज्यादातर लोग घंटों तक कंप्यूटर के सामने झुककर बैठते हैं, मोबाइल पर झुके रहते हैं या थकान के बाद सोफे पर लेट जाते हैं। धीरे-धीरे यह आदत शरीर के संतुलन को बिगाड़ देती है और कई बार GERD (Gastroesophageal Reflux Disease) जैसी गंभीर समस्या का कारण बनती है।

GERD यानी गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज, एक ऐसी स्थिति जिसमें पेट का एसिड ऊपर भोजन नली तक पहुंच जाता है। इसका नतीजा होता है जलन, डकार, खांसी और गले में जलन। आमतौर पर लोग इसे सिर्फ खाने-पीने की गलती या ज्यादा मसालेदार भोजन का नतीजा मानते हैं, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि इसका एक बड़ा कारण गलत पॉश्चर भी हो सकता है। इस लेख में पारस हेल्थ, गुरुग्राम के इंटरनल मेडिसिन विभाग के एचओडी, डॉ आरआर दत्ता (Dr. RR Dutta, HOD, Internal Medicine, Paras Health, Gurugram) से जानिए, क्या बस सीधा बैठने से खत्म हो सकता है एसिडिटी और GERD का दर्द?

क्या सीधा बैठने से एसिडिटी और GERD का दर्द खत्म हो सकता है? - Can Fixing Posture Cure GERD

डॉ आरआर दत्ता बताते हैं कि जब आप झुककर बैठते हैं या लेटने के तुरंत बाद काम करते हैं, तो पेट पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। यह दबाव पेट के एसिड को ऊपर की ओर धकेलता है, जिससे एसिड रिफ्लक्स होता है। लंबे समय तक इस स्थिति में रहने से एसिड इसोफेगस की परत को नुकसान पहुंचा सकता है, ऐसे में सही पॉश्चर अपनाने से पेट पर दबाव कम होता है, पाचन बेहतर होता है और एसिड का फ्लो कंट्रोल रहता है। सीधी पीठ और सही एंगल में बैठना पेट को पर्याप्त जगह देता है ताकि डाइजेस्टिव प्रोसेस आसानी से हो सके। डॉ आरआर दत्ता कहते हैं, ''GERD सिर्फ खानपान की वजह से नहीं, बल्कि शरीर के पॉश्चर से भी जुड़ा है। जब लोग लगातार झुके रहते हैं, तो पेट पर दबाव बढ़ जाता है, जिससे एसिड रिफ्लक्स की संभावना बढ़ती है। सही पॉश्चर अपनाने और हल्के योगासन करने से इस स्थिति में काफी राहत मिल सकती है।''

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  • ज्यादा तला-भुना और मसालेदार खाना कम करें।
  • एक बार में ज्यादा खाने के बजाय छोटे-छोटे मील्स लें।
  • कैफीन, चॉकलेट, सॉफ्ट ड्रिंक और सिट्रस फूड्स से परहेज करें।
  • देर रात खाना खाने से बचें और खाने के बाद तुरंत लेटें नहीं।
  • वज्रासन जैसे पाचन सुधारक आसन को रोज की दिनचर्या में शामिल करें।

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can fixing posture cure GERD

कौन-से पॉश्चर GERD के लिए हानिकारक हैं?

  • डेस्क पर झुककर काम करना पेट पर प्रेशर डालता है।
  • खाने के तुरंत बाद लेटने से एसिड आसानी से ऊपर आ सकता है।
  • कसकर बेल्ट या टाइट कपड़े पहने से पेट सिकुड़ता है और एसिड ऊपर की ओर बढ़ता है।
  • लंबे समय तक एक ही पोजिशन में बैठने से ब्लड सर्कुलेशन और पाचन दोनों प्रभावित होते हैं।

निष्कर्ष

सही पॉश्चर सिर्फ सुंदर दिखने के लिए नहीं, बल्कि सेहत के लिए भी बेहद जरूरी है। खासकर GERD या एसिड रिफ्लक्स जैसी समस्याओं में बैठने, खड़े होने और सोने का तरीका अहम भूमिका निभाता है। हालांकि, पॉश्चर सुधारने से GERD पूरी तरह ठीक नहीं होता, लेकिन यह इसके लक्षणों को काफी हद तक कम कर सकता है। इसलिए अगली बार जब आप कंप्यूटर पर झुककर काम करें या खाना खाकर तुरंत लेटने का मन करे, तो याद रखें, आपका पॉश्चर ही आपके पाचन का आधार है।

All Images Credit- Freepik

FAQ

  • क्या झुककर बैठने से एसिड रिफ्लक्स बढ़ जाता है?

    झुककर बैठने या आगे झुककर काम करने से पेट पर दबाव बढ़ता है, जिससे पेट का एसिड ऊपर इसोफेगस (भोजन नली) में जा सकता है।
  • बार-बार पेट में गैस बनने का कारण क्या है?

    ज्यादा तला-भुना, मसालेदार या देर से पचा खाना खाने से गैस बनती है। साथ ही जल्दी-जल्दी खाना खाने, कम पानी पीने और देर रात खाने की आदत भी गैस की समस्या बढ़ाती है।
  • क्या तनाव पेट की बीमारियों का कारण हो सकता है?

    बिलकुल, तनाव सीधे पाचन तंत्र को प्रभावित करता है। इससे गैस, एसिडिटी और इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) जैसी दिक्कतें बढ़ जाती हैं।

 

 

 

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  • Oct 19, 2025 17:35 IST

    Modified By : Akanksha Tiwari
  • Oct 19, 2025 17:35 IST

    Published By : Akanksha Tiwari

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