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भारत में अधिकतर घरों में एक समय दाल जरूर बनती है। दाल न सिर्फ खाने में स्वादिष्ट, बल्कि प्रोटीन से भरपूर होती है, जो हमारी सेहत के लिए काफी फायदेमंद मानी जाती है। आयुर्वेद के नजरिए से भी दाल का सेवन त्रिदोषों को संतुलित करने और पाचन में सुधार करने में मदद मिलती है। लेकिन भारत में कई तरह की दालों का इस्तेमाल अलग-अलग स्थानों पर किया जाता है। ऐसे में दाल का प्रभाव आपके पाचन पर कैसे पड़ रहा है यह पूरी तरह इस बात पर निर्भर करती है कि आप कौन-सी दाल खा रहे हैं और उस दाल में कौन-से गुण हैं।
मूंग दाल और मसूर की दाल दोनों ही हमारी किचन का अहम हिस्सा हैं, लेकिन फिर भी लोगों के मन में इन दोनों दालों को खाने को लेकर कंफ्यूजन बनी रहती है। दोनों ही दाल हमारी सेहत के लिए फायदेमंद होती है, फिर भी पाचन के लिए कौन-सी दाल हल्की होती है इस बारे में लोगों को कम जानकारी होती है। इसलिए, आज के इस लेख में हम हरियाणा के सिरसा में स्थित रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉ. श्रेय शर्मा से जानने की कोशिश करते हैं कि मूंग या मसूर, आयुर्वेद के अनुसार कौन सी दाल आसानी से पचती है?
मूंग दाल या मसूर की दाल, कौन सी दाल पचने में सबसे आसान है?
आयुर्वेदिक डॉ. श्रेय शर्मा के अनुसार, मूंग दाल हल्की, त्रिदोषहर और पाचनीय होती है। इन गुणों के कारण ये दाल बिना शरीर पर बिना ज्यादा भार डाले पच जाती है। इतना ही नहीं यह पाचन अग्नि को संतुलित करती है और शरीर में किसी भी तरह के टॉक्सिन्स को बढ़ने नहीं देती है। जबकि मसूर की दाल स्वाद में अच्छी और पोषक तत्वों से भरपूर होती है, लेकिन मूंग दाल की तुलना में भारी होती है। इसलिए, मसूर की दाल खाने से कुछ लोगों के लिए इसे पचाना मुश्किल हो सकता है। खासकर, जिनका पाचन तंत्र कमजोर होता है। इसलिए, पाचन में सबसे आसान मूंग दाल होती है। इसलिए, बच्चों, बुजुर्गों और बीमारी लोगों को मूंग दाल ही दी जाती है, क्योंकि ये आसानी से बच जाती है।
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आसानी से क्यों पच जाती है मूंग दाली
आयुर्वेदिक डॉ. श्रेय शर्मा के अनुसार मूंग दाल लघुपाक यानी पाचन के लिए हल्की होती है। इसलिए, पाचन क्रिया कमजोर होने या बीमारी होने पर मरीजों को ये दाल देने की सलाह दी जाती है।
- मूंग दाल में एसिड फार्मिंग कंपाउंडर बहुत कम होता है।
- मूंग दाल में फाइबर संतुलित मात्रा में पाया जाता है, जिससे ये पेट पर कम दबाव डालता है।
- मूंग दाल शरीर की अग्नि को मंद नहीं करती है, जिससे पाचन क्रिया बेहतर तरीके से काम करती है। मूंग दाल का रस और गुण शरीर के समान वायु को संतुलित करना है, जो पाचन क्रिया के लिए अच्छा होता है।
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निष्कर्ष
आयुर्वेद के अनुसार मूंग दाल पाचन में सबसे हल्की होती है। यह आपके पाचन अग्नि को संतुलित रखती है, शरीर को पोषण देती है और शरीर में किसी भी तरह का अम नहीं बनने देती है। इसलिए, अगर आप पाचन में हल्के दाल का सेवन करना चाहते हैं तो मसूर दाल के स्थान पर मूंग दाल का सेवन कर सकते हैं।
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FAQ
पेट के लिए सबसे अच्छी दाल कौन सी है?
पेट के लिए मूंग दाल को सबसे अच्छी और हल्की मानी जाती है क्योंकि यह पचने में आसान, हल्की और पेट से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में फायदेमंद मानी जाती है।सबसे ज्यादा प्रोटीन वाली दाल कौन सी है?
सबसे ज्यादा प्रोटीन कुल्थी दाल में पाया जाता है, जिसमें प्रति 100 ग्राम दाल में लगभग 30 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है। इस दाल के अलावा, सोयाबीन, मसूर और उड़द की दाल में भी प्रोटीन की मात्रा ज्यादा पाई जाती है।रोज दाल खाने से क्या फायदा होता है?
अगर आप रोजाना अच्छी मात्रा में दाल का सेवन करते हैं तो आपके शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ जाती है और बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होती है। इतना ही नहीं, दाल में फाइबर की मात्रा भी ज्यादा होती है, जो आपके पाचन को बेहतर बनाने और हेल्दी हट बैक्टीरिया के विकास को बढ़ावा देने में मदद करता है।
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Oct 23, 2025 15:35 IST
Published By : Katyayani Tiwari