कई रोगों के इलाज में फायदेमंद होती है जड़ी-बूटी नागकेसर, आयुर्वेदाचार्य से जानें इस औषधि के फायदे, नुकसान

नागकेसर एक जड़ी-बूटी है। यह शरीर के कई रोगों को खत्म करने में मदद करती है। नागकेसर को अलग-अलग जगह अलग नामों से जाना जाता है। 
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कई रोगों के इलाज में फायदेमंद होती है जड़ी-बूटी नागकेसर, आयुर्वेदाचार्य से जानें इस औषधि के फायदे, नुकसान


आयुर्वेद में ऐसी तमाम जड़ी-बूटियां हैं जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हैं।  उन्हीं जड़ी-बूटियों में से एक है नागकेसर (Nagkesar)। नागकेसर की पत्तियां, जड़, फल, बीज आदि सभी मनुष्य की बीमारियों को ठीक करते हैं।   नागकेसर को खाने के क्या फायदे हैं, स्वास्थ्य के लिए इसके क्या फायदें हैं, इसका इस्तेमाल कैसे करना, आदि सवालों का जवाब दिया दिल्ली विधानसभा में आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी के  डॉक्टर सुनील कुमार कश्यप ने। उन्होंने बताया कि नागकेसर एक औषधीय जड़ी-बूटी है। इसके प्रयोग से मनुष्य को खांसी, जुकाम, बांझपन, माहवारी जैसे तमाम रोगों में आराम मिलता है। निगम डिस्पेंसरी के चिकित्सा अधिकारी प्रभारी  डॉक्टर कश्यप ने बताया कि नागकेसर को अलग-अलग भाषाओं में अलग नामों से जाना जाता है। इसे अंग्रेजी में कोबरस सैफरॉन, हिंदी में नागकेसर, नागचंपा, ऊर्दू में नरमिशका और नागकेसर कहा जाता है।

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नागकेसर की पहचान

नागकेसर की पहचान करना आसान है। डॉ. कश्यप ने बताया कि नागकेसर की पत्तियां लाल रंग की होती हैं। इसके फूल सफेद पीले रंग के होते हैं। इसे नागकेसर इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसके फूलों के अंदर पीले केसरी रंग के पुंकेसर आते हैं इन्हें ही नागकेसर कहा जाता है।  बसंत के बाद इस पौधे का उपयोग ज्यादा बढ़ता है। 

नागकेसर के फायदे (Benefits of nagkesar)

आयुर्वेद में तमाम बीमारियों का इलाज कड़वी दवाइयों से इतर औषधीयों में छुपा है। अंग्रेजी दवाओं के आगे इंसान अपने आयुर्वेद को भूल गया। लेकिन यहां हर बीमारी का इलाज है। डॉ. कश्यप ने नागकेसर के निम्न स्वास्थ्य लाभ बताए-

1. पेट के रोगों को करे दूर

पहले बच्चे खेलने के लिए मैदान में जाते थे अब स्मार्टफोन में मैदान आ गया है। अब वे घर में बैठकर ही सारे काम करते हैं। प्रतिस्पर्धा बढ़ी है तो काम के घंटे भी बढ़े हैं।  लंबे समय बैठकर काम करना और व्यायाम न कर पाने के समय के कारण तमाम पेट के रोग बढ़ रहे हैं। जिनमें अपच, एसिडिटी, गैस, अफरा आम हैं। लेकिन नियमित 0.5 से 1 ग्राम नागकेसर के चूर्ण का उपभोग करने से इस परेशानी में लाभ मिलता है। चूर्ण की यह मात्रा नियमित पानी के साथ खाने से लाभ मिलता है। 

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2. सांस के रोगों को भगाए

बदलती जीवनशैली के साथ नई बीमारियां बढ़ी हैं। तो वहीं, बढ़ते प्रदूषण के कारण सांस संबंधी बीमारियां बढ़ी हैं। दरअसल इंसान ने जितनी ऊंची दीवारें खड़ी की हैं, उतनी ही बड़ी बीमारियां कमाई है। लेकिन सादा जीवन हमेशा स्वास्थ्य के लिए लाभदायक रहा है। अगर आपको दमा, अस्थमा जैसे सांस संबंधी रोग हैं तो नागकेसर आपके लिए बहुत फायदेमंद है।  सांस के रोगों से निपटारा पाने के लिए नागकेसर के फूल और छाल का बनाएं और इसे रोजाना 10 से 20 मिली मात्रा में पिएं। नियमित इसका सेवन करने से इस परेशानी में लाभ मिलेगा। 

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3. दस्त में दे आराम

गर्मी का मौसम आ गया है। ऐसे में बच्चों से लेकर गर्मी के कारण दस्त जैसी परेशानियां बढ़ेंगी। बहुत से लोगों को दस्त के साथ खून आने की परेशानी हो जाती है। इस परेशानी से निजात दिलाने में भी नागकेसर बहुत फायदेमंद है। डॉ. कशअयम का कहना है कि जिन लोगों को दस्त के साथ खून आने की समस्या होती है उन्हें 200 से 400 मिग्रा नागकेसर का चूर्ण और मक्खन के साथ शहद लेकर खाएं। इसे खाने से परेशानी जल्दी दूर होने लगती है। 

4. मौसमी बीमारियों से दिलाए निजात

सर्दी, जुकाम जैसी परेशानियां मौसमी बीामारियां हैं।  सर्दी से गर्मी या गर्मी से सर्दी मौसम कोई भी हो, ये परेशानियां उपहार में मिलती हैं। नागकेसर का इस मौसम में उपयोग इन परेशानियां से निजात दिलाएगा। डॉ. कश्यप ने बताया कि जिस व्यक्ति को जुकाम या सर्दी हो गई है वे नागकेसर के पत्तों को पीसकर अपने सिर पर लगाएं। इससे परेशानी में आराम मिलेगा। आयुर्वेद में किसी औषधि का नुकसान तभी होता है जब हम उसका सही इस्तेमाल न जानते हों या जरूरत से ज्यादा कर लें। इसलिए जरूरी है कि सही उपयोग जानें। 

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5. सफेद पानी की परेशानी को करे दूर

दिल्ली विधानसभा में चिकित्सा अधिकारी प्रभारी सुनील कुमार कश्यप का कहना है कि आयुर्वेद में हर मर्ज का इलाज है। महिलाओँ को सफेद पानी (Leucorrhoea) की समस्या ज्यादातर होती है। इस परेशानी की वजह से कई बार उन्हें कई तरह के इंफेक्शन से गुजरना पड़ता है। बच्चेदानी तक को नुकसान होता है। अगर किसी को सफेद पानी की समस्या ज्यादा है तो वे नागकेशर का उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए नागकेसर का 500 मिग्रा चूर्ण छाछ के साथ मिलाकर पीने से इस परेशानी में लाभ मिलता है। यही नहीं नागकेसर के चूर्ण को चावल के साथ उपयोग करने से भी ल्यूकोरिया में फायदा में मिलता है। 

6. अर्थराइटिस के दर्द को भगाए

जोड़ों में दर्द की परेशानी को अर्थराइटिस कहा जाता है। बुजुर्गों में यह परेशानी अधिक देखने को मिलती है। इस दर्द से निजात पाने के लिए नागकेसर के बीजों का तेल दर्द वाली जगह पर लगाएं। इससे दर्द में आराम मिलता है। नागकेसर का पौधा तो आपको दिल्ली जैसे महानगरों में ढूंढ़ना मुश्किल होगाा, इसलिए पास किसी आयुर्वेदिक दुकान से इसे खरीद सकते हैं। इसको नियमित लगाने से दर्द में आराम मिलता है। 

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7. पीरियड्स की परेशानी को करे दूर

कई बार महिलाओं को पीरियड्स को के दौरान ज्यादा खून आता है। जितना ब्लड आपको हर बार उससे ज्यादा अगर आ रहा है तो आपको सावधान हो जाना चाहिए। यह किसी बीमारी का संकेत हो सकते हैं। माहवारी में ज्यादा खून आने पर नागकेसर का 250 से 500 ग्राम चूर्ण मट्ठे के साथ तीन दिन तक सेवन करें। इससे परेशानी में आराम मिलता है। 

8. चोट के घाव को भरे

आपने देखा होगा कि गांव में जब किसी को चोट लग जाती है तब वह सरसों का तेल लगा लेते हैं। ऐसे ही नागकेसर का तेल भी घाव भरने में मदद करता है। बच्चों को खेलते समय अक्सर चोट लग जाती है। उस चोट के दर्द और घाव को भरने में नागकेसर का तेल ज्यादा फायदेमंद होता है। 

नागकेसर के नुकसान (Side effects of nagkesar)

  • जिन लोगों को ब्लड प्रेशर की परेशानी है वे भी इसका सेवन न करें। इससे ब्लड प्रेशर की परेशानी बढ़ सकती है।
  • नागकेसर की तासीर गर्म होती है, इसलिए इसका ज्यादा सेवन करने से दिक्कत हो सकती है। इसका ज्यादा सेवन करने से उल्टी की शिकायत हो सकती है।

नागकेसर एक औषधिय जड़ी बूटी है, जिसके सेवन से शरीर के कई रोग खत्म होते हैं। लेकिन इसका सेवन ध्यानपूर्वक और संतुलित मात्रा में करना चाहिए। ताकि कोई साइड इफैक्ट न हो।

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