सेहतमंद रहने के लिए जरूरी है कि हम अपनी लाइफस्टाइल को सुधारें और मौसम के अनुसार अपने रहन-सहन और खानपान में जरूरी बदलाव करें। ऋतुओं के अनुसार हमारी दिनचर्या कैसी होनी चाहिए, इस बारे में आयुर्वेद में विस्तार से बताया गया है। आयुर्वेद में कई जड़ी-बूटियां हैं जो विभिन्न रोगों के इलाज में सहायक मानी जाती हैं, और माचिका उनमें से एक महत्वपूर्ण हर्ब है। यह जड़ी-बूटी भावप्रकाश नामक आयुर्वेदिक ग्रंथ में वर्णित है। माचिका हर्ब को आयुर्वेद में रक्तस्राव रोकने वाली जड़ी-बूटी के रूप में विशेष रूप से जाना जाता है, साथ ही यह विभिन्न त्वचा रोगों और अन्य शारीरिक समस्याओं के उपचार में भी उपयोगी है। इस लेख में रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा से जानिए, माचिका जड़ी-बूटी के क्या-क्या फायदे होते हैं।
माचिका जड़ी-बूटी के फायदे
1. रक्तपित्त - Bleeding Disorders
माचिका का उपयोग रक्तपित्त जैसे कि नासिका से रक्तस्राव, अल्सरेटिव कोलाइटिस आदि में किया जाता है। इसके सूक्ष्म तत्व शरीर में रक्त की प्रवाह को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। यह हर्ब रक्तस्राव को रोकने में सहायक होती है और इसका उपयोग महिलाओं में अत्यधिक रक्तस्राव के उपचार में भी किया जाता है।
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2. अतिसार - Diarrhea
माचिका का उपयोग अतिसार के उपचार में किया जा सकता है। इसके सेवन से पेट को ठंडक मिलती है और आंतों की सक्रियता संतुलित होती है।
3. कफ विकार
माचिका कफ विकारों के उपचार में भी लाभदायक है। यह कफ को कम करने और श्वसन तंत्र की समस्याओं को ठीक करने में मदद करती है। इसके उपयोग से खांसी और सर्दी जैसी समस्याओं में राहत मिलती है।
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4. गले और आवाज से संबंधित रोग
यह हर्ब गले और आवाज से संबंधित रोगों में भी लाभदायक है। इसके सेवन से गले में सूजन कम होती है और आवाज की क्वालिटी में सुधार होता है। यह गले की खुश्की और सूजन को कम करने में भी मदद करती है।
5. घाव भरने में मदद
माचिका के छाल का पेस्ट एक्जिमा जैसी त्वचा समस्याओं के उपचार में प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा, इसका उपयोग घावों को भरने में भी लाभदायक होता है। यह घावों को साफ करती है और जल्दी भरने में सहायता करती है।
माचिका का सेवन कैसे करें?
माचिका का सेवन एक सुरक्षित मात्रा में किया जाना चाहिए। आमतौर पर, 1-2 ग्राम माचिका का सेवन दिन में किया जा सकता है, जिसे पानी या शहद के साथ लिया जा सकता है। इसके अलावा, माचिका का काढ़ा 5-10 मिलीलीटर की मात्रा में लिया जा सकता है, जो इसके लाभकारी गुणों को और बढ़ाता है।
निष्कर्ष
माचिका हर्ब का उपयोग आयुर्वेद में अनेक स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार के लिए किया जाता है। इसके लाभकारी गुण इसे एक अद्भुत जड़ी-बूटी बनाते हैं, जो न केवल बीमारियों का उपचार करती है बल्कि स्वास्थ्य को भी सुधारने में मदद करती है। हालांकि, किसी भी हर्ब का सेवन करने से पहले हमेशा डॉक्टर से सलाह लें, ताकि किसी भी संभावित दुष्प्रभाव से बचा जा सके।
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