आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी, गलत खानपान और प्रदूषण के कारण त्वचा से जुड़ी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। त्वचा पर एक्ने, दाग-धब्बे, खुजली, जलन और रूखापन जैसी परेशानियां आम हो चुकी हैं, जिनसे निजात पाने के लिए लोग तरह-तरह के केमिकल के भरे प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन कई बार इनसे त्वचा को अस्थायी राहत ही मिलती है और कभी-कभी केमिकल्स के कारण अन्य समस्याएं भी होने लगती हैं। ऐसे में आयुर्वेदिक उपायों को आजमाने से लाभ मिल सकता है। आयुर्वेद के अनुसार, त्वचा की समस्याओं का मुख्य कारण शरीर में बढ़े हुए दोष (वात, पित्त, और कफ) होते हैं। हर व्यक्ति की त्वचा की प्रकृति और समस्याओं के अनुसार, आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों और घरेलू उपायों से समाधान सुझाए गए हैं। इस लेख में आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा त्वचा के लिए अनंतमूल के लाभ और इस्तेमाल का तरीका बता रहे हैं।
अनंतमूल क्या है?
आयुर्वेद में अनंतमूल, जिसे सारिवा के नाम से भी जाना जाता है, को औषधीय गुणों के चलते अलग-अलग स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। त्वचा रोगों, पित्त विकार और यहां तक कि डायबिटीज जैसी बीमारियों के लिए भी अनंतमूल लाभकारी मानी जाती है। इसके गुण और शरीर को शुद्ध करने की क्षमता इसे त्वचा रोगों में विशेष लाभकारी बनाते हैं। अनंतमूल का इस्तेमाल चूर्ण, क्वाथ और पीने वाली दवाओं के रूप में किया जा सकता है और यह सभी के लिए सुरक्षित है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो त्वचा को हेल्दी और ग्लोइंग बनाने में मदद करते हैं।
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त्वचा रोगों में अनंतमूल के फायदे
- अनंतमूल का मुख्य रूप से त्वचा को साफ और स्वस्थ बनाने के लिए उपयोग किया जाता है। यह शरीर से विषैले तत्वों को निकालता है, जिससे त्वचा के रोग दूर होते हैं।
- अनंतमूल के नियमित उपयोग से त्वचा में निखार आता है और दाग-धब्बों में कमी आती है।
- अनंतमूल में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो मुंहासों के संक्रमण को दूर करते हैं और त्वचा को साफ रखते हैं।
- जिन लोगों की त्वचा पर पित्त दोष का प्रभाव होता है, उन्हें अनंतमूल का सेवन करना चाहिए। इससे पित्त की समस्याएं दूर होती हैं।
- अनंतमूल का लेप खुजली और जलन जैसी समस्याओं में राहत दिलाता है।
- अनंतमूल के सेवन से दाग-धब्बों में कमी आती है और त्वचा की रंगत में सुधार होता है।
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अनंतमूल का उपयोग कैसे करें?
डॉ. श्रेय शर्मा के अनुसार, अनंतमूल के चूर्ण का सेवन नियमित रूप से करने से त्वचा रोगों से राहत मिलती है। अनंतमूल के चूर्ण को त्रिफला के साथ मिलाकर एक औषधि के रूप में लिया जा सकता है। 1-2 ग्राम अनंतमूल और इससे दोगुनी मात्रा में त्रिफला मिलाकर सेवन करने से त्वचा की समस्याओं में सुधार होता है।
अनंतमूल का काढ़ा बनाकर इसका सेवन करने से भी त्वचा को लाभ मिलता है। यह काढ़ा शरीर को शुद्ध करने और पाचन को सुधारने में मदद करता है। ध्यान रखें कि गर्भवती महिलाओं को अनंतमूल का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। अनंतमूल का सेवन सीमित मात्रा में ही करें, अत्यधिक सेवन से शरीर पर विपरीत प्रभाव हो सकता है।
निष्कर्ष
अनंतमूल एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जो त्वचा के रोगों से लेकर पाचन तंत्र, डायबिटीज और पित्त विकारों तक के इलाज में लाभकारी है। इसका नियमित और सही मात्रा में सेवन शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
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