मूली का सेवन भारतीय घरों में कई तरीकों से किया जाता है। औषधीय गुणों के कारण आयुर्वेद में मूली को स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी माना गया है, यह स्वाद में हल्की तीखी होती है। आयुर्वेद के अनुसार, मूली का नियमित सेवन शरीर में पित्त दोष को संतुलित करने में मदद करता है, जिससे पाचन तंत्र की समस्याएं, एसिडिटी और सूजन जैसी समस्याओं से राहत मिलती है। मूली शरीर को शीतलता प्रदान करती है और गर्मी से उत्पन्न समस्याओं को दूर करती है। इसके सेवन से लिवर को डिटॉक्सिफाई किया जा सकता है और पेशाब की समस्याएं भी मूली से दूर होती हैं। मूली में एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में होते है, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने और पेट के संक्रमणों से लड़ने में सहायक होते हैं। इस लेख में रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से जानिए, आयुर्वेद के अनुसार मूली के क्या-क्या फायदे होते हैं?
रोजाना मूली खाने के फायदे
आयुर्वेद के अनुसार, मूली का स्वाद तीखा (कटु) और कड़वा (तिक्त) होता है, जो शरीर में गर्मी को कं करने और पित्त दोष को संतुलित करने में सहायक होते हैं। इसका सेवन करने से शरीर को शीतलता मिलती है।
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1. पित्त दोष के असंतुलन में मूली की भूमिका
पित्त दोष के असंतुलन से आमतौर पर एसिडिटी, पेट की जलन, गर्मी बढ़ना और चिड़चिड़ापन जैसी समस्याएं होती हैं। मूली के सेवन से इन समस्याओं में राहत मिलती है। ऐसा इसलिए, क्योंकि यह पित्त को संतुलित करती है और शरीर की गर्मी को कम करती है। मूली के शीतल प्रभाव के कारण यह शरीर के अंदर की जलन को शांत करती है, खासकर उन लोगों के लिए जो अक्सर एसिडिटी और पेट की जलन से परेशान रहते हैं।
2. शरीर को डिटॉक्सिफाई करे
मूली में फाइबर की उच्च मात्रा होने के कारण यह पाचन को बेहतर बनाती है, कब्ज को दूर करती है और पेट के संक्रमणों को रोकने में सहायक होती है। इसके अलावा, मूली का सेवन लिवर की सफाई में भी मदद करता है और शरीर को डिटॉक्सिफाई करने में सहायक होता है।
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3. मूत्र की समस्याओं में लाभकारी
डॉक्टर श्रेय ने बताया कि आयुर्वेद में मूली को यूरिन को साफ करने वाला माना जाता है। जिन लोगों को यूरिन में जलन या बदबू की समस्या रहती है उनके लिए मूली का सेवन बेहद लाभकारी साबित हो सकता है। मूली पेशाब को साफ करने के साथ-साथ पेशाब को बढ़ाती भी है। इसका सेवन शरीर को ऊर्जावान बनाए रखने में मदद करता है और विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर निकालता है।
मूली से जुड़े सावधानियां
मूली के कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं, लेकिन इसका अत्यधिक सेवन नुकसानदायक हो सकता है। मूली को अधिक मात्रा में खाने से पेट में गैस और अपच की समस्या हो सकती है। इसलिए इसका सेवन संतुलित मात्रा में ही करना चाहिए।
निष्कर्ष
मूली एक साधारण लेकिन अत्यधिक फायदेमंद सब्जी है, जो पित्त दोष को संतुलित करने में सहायक हो सकती है। इसके नियमित सेवन से शरीर में उत्पन्न गर्मी को कम किया जा सकता है और पाचन तंत्र को सुधारने में मदद मिलती है। इसके अलावा, मूली लिवर और पेट की सफाई, रक्त शुद्धि और इम्यूनिटी बढ़ाने में भी सहायक होती है। मूली को अपने आहार में शामिल करके आप न केवल पित्त दोष को नियंत्रित कर सकते हैं, बल्कि अपने संपूर्ण स्वास्थ्य को भी बेहतर बना सकते हैं।
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