कोविड-19 के बाद से लोग अपने स्वास्थ्य और डाइट को लेकर काफी अहमियत बरतने लगे हैं। अपने स्वास्थ्य को बेहतर रखने के लिए लोग पोषक तत्वों से भरपूर तरह-तरह के अपनी डाइट में शामिल करते हैं। लेकिन बीमारियों से बचाव के लिए जरूरी है कि आप किसी भी फूड का सेवन सही तरीका और सही मात्रा में करें। दरअसल, मार्केट में मिलने वाले फास्ट और जंक फूड्स फैट, चीनी और नमक से भरपूर होते हैं, जिसका सेवन सेहत के लिए हानिकारक होता है। फैट, चीनी और नमक से भरपूर फूड्स को HFSS डाइट के रूप में भी जाना जाता है। ये डाइट न सिर्फ आपके सेहत के लिए खराब है, बल्कि कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। दिल्ली स्थित एम्स की न्यूरोलॉजी विभाग की डीएम डॉ. प्रियंका सहरावत के अनुसार स्वस्थ रहने के लिए हेल्दी डाइट और पोषक तत्वों का सेवन करना जरूरी है, लेकिन इसके साथ ही HFSS यानी हाई फैट, चीनी या सोडियम से भरपूर डाइट से परहेज करना भी महत्वपूर्ण है। तो आइए डॉ. प्रियंका सहरावत से जानते हैं कि HFSS डाइट क्या है और इससे कौन-कौन सी बीमारियां हो सकती हैं?
HFSS फूड्स क्या है?
स्वस्थ रहने के लिए हर व्यक्ति को HFSS यानी हाई फैट, हाई शुगर या हाई सोडियम (नमक) से भरपूर फूड्स को अपनी डाइट में शामिल करने से बचें। HFSS फूड्स में फोक्स हाई पर होता है, किसी भी फूड का ज्यादा मात्रा में सेवन आपके सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। खासकर, चीनी, फैट और नमक का ज्यादा मात्रा में सेवन आपके सेहत पर बुरा असर डालते हैं। इसलिए, आप अपनी डाइट में प्रति दिन 5 ग्राम तक ही नमक शामिल करें, ज्यादा से ज्यादा 25 ग्राम चीनी एक दिन में खाएं और ज्यादा से ज्यादा 30 ग्राम फैट का सेवन करें। इस मात्रा में नमक, फैट और चीनी का सेवन आपको कई बीमारियों से बचा सकता है।
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HFSS फूड्स कौन-सी बीमारियों का कारण बन सकता है?
- HFSS डाइट लेने से डिमेंशिया की समस्या हो सकती है, क्योंकि ज्यादा चीनी का सेवन इंसुलिन प्रतिरोध और सूजन से जुड़ा हुआ है।
- ज्यादा नमक का सेवन शरीर में पानी को बनाए रखने के कारण ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकता है, जिससे हाइपरटेंशन की समस्या बढ़ सकती है।
- अधिक मात्रा में चीनी का सेवन इंसुलिन रेजिस्टेंस का कारण बन सकता है, जो हाइपरग्लाइसेमिया यानी डायबिटीज 2 का जोखिम बढ़ा सकता है।
- एक दिन में 30 ग्राम से ज्यादा फैट का सेवन या 10 ग्राम से ज्यादा ट्रांस फैट का सेवन एलडीएल (खराब) कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकता है, जिससे दिल से जुड़ी बीमारियों का जोखिम बढ़ सकता है।
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स्वस्थ रहने और बीमारियों से बचाव करने के लिए जरूरी है कि आप अपनी डाइट से HFSS डाइट को हटाने या कम करने की कोशिश करें और किसी भी तरह की स्वस्थ्य से जुड़ी समस्या होने पर डॉक्टर से सलाह लें।
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