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Arogya with Ayurveda: गुणों से भरपूर होती है कच्ची हल्दी, जानें इसके फायदे-नुकसान और सेवन का तरीका

कच्ची हल्दी का सेवन सेहत के लिए बेहद लाभकारी होता है, यह इम्यूनिटी बढ़ाने से लेकर घाव भरने तक में कारगर साबित होती है। यहां जानिए, कच्ची हल्दी के फायदे और नुकसान।
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Arogya with Ayurveda: गुणों से भरपूर होती है कच्ची हल्दी, जानें इसके फायदे-नुकसान और सेवन का तरीका


सर्दियों का मौसम हमारे शरीर को हेल्दी और एनर्जेटिक बनाए रखने का सबसे उपयुक्त समय माना जाता है। इस मौसम में शरीर की पाचन शक्ति प्रबल होती है और ऐसे में सही खान-पान से कई बीमारियों से बचा जा सकता है। आयुर्वेद में कच्ची हल्दी को सर्दियों में विशेष रूप से लाभकारी माना गया है। कच्ची हल्दी अपने औषधीय गुणों और पोषण से भरपूर होने के कारण एक प्राकृतिक औषधि के रूप में काम करती है। कच्ची हल्दी का उपयोग भारतीय आयुर्वेद में प्राचीन काल से किया जाता रहा है। यह अपने औषधीय गुणों के कारण कई रोगों में फायदेमंद मानी जाती है। आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा के अनुसार, कच्ची हल्दी के सेवन से शरीर को कई प्रकार के लाभ मिल सकते हैं, लेकिन इसे सही तरीके से और सही मात्रा में सेवन करना जरूरी है।

आज ‘आरोग्य विद आयुर्वेद’ सीरीज के इस लेख में हम आपको रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल, सिरसा के आयुर्वेदिक डॉ. श्रेय शर्मा से कच्ची हल्दी क्या है? इसे खाने के फायदे क्या हैं? साथ ही, कच्ची हल्दी का सेवन कैसे करना चाहिए, इनके बारे में जानेंगे।

कच्ची हल्दी के औषधीय गुण - Medicinal Properties Of Raw Turmeric

आयुर्वेद के अनुसार, कच्ची हल्दी कटु (तीखा) और तिक्त (कड़वा) रस युक्त होती है। इसका वीर्य (तासीर) ऊष्ण (गर्म) होता है, जो इसे कफ और वात का नाशक बनाता है। यह जख्मों को भरने, शरीर के रंग को निखारने और रक्त को शुद्ध करने के लिए जानी जाती है। कच्ची हल्दी के अलावा, इसके ताजे पत्ते भी कई औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। पत्तों का उपयोग घाव भरने में भी किया जाता है। आयुर्वेद में हल्दी को दीपनीय (भूख बढ़ाने वाला) और ग्राही (पाचन में मददगार) माना गया है। यह शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करती है।

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कच्ची हल्दी खाने के फायदे - What Are The Benefits Of Eating Raw Turmeric

सर्दियों में कच्ची हल्दी का सेवन शरीर को गर्माहट प्रदान करता है, जिससे ठंड के कारण होने वाले सामान्य रोगों जैसे खांसी, जुकाम और गले की समस्याओं से बचाव होता है। इसके अलावा, यह शरीर के अंदर से टॉक्सिन्स को निकालकर रक्त को शुद्ध करने का काम करती है।

  • हल्दी का नियमित सेवन त्वचा को निखारने और उसे चमकदार बनाने में मदद करता है।
  • कच्ची हल्दी रक्त को शुद्ध करने का कार्य करती है और टॉक्सिन्स को बाहर निकालती है।
  • डायबिटीज के मरीजों के लिए कच्ची हल्दी बेहद फायदेमंद मानी जाती है, क्योंकि यह ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करती है।
  • हल्दी का उपयोग आंखों के रोग, एलर्जी और बुखार जैसी समस्याओं में भी लाभकारी है।
  • महिलाओं में होने वाले व्हाइट डिस्चार्ज जैसी समस्याओं के लिए हल्दी का सेवन उपयोगी है।

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कच्ची हल्दी का सेवन कैसे करें? - How To Consume Raw Turmeric

आयुर्वेद में कच्ची हल्दी का सेवन विभिन्न तरीकों से करने का उल्लेख है। इसके गुणों को बनाए रखने के लिए इसे सही तरीके से उपयोग करना जरूरी है।

1. हल्दी का पानी

डायबिटीज और रक्त शुद्धि के लिए कच्ची हल्दी का पानी बेहद लाभकारी है। इसे पानी में उबालकर लिया जा सकता है।

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2. हल्दी वाला दूध

खांसी और जुकाम की समस्या होने पर हल्दी को दूध में उबालकर उसमें गुड़ मिलाकर पीने से लाभ होता है।

3. हल्दी की स्टीम

खांसी और जुकाम में हल्दी की भाप लेना फायदेमंद होता है। यह सर्दी से राहत दिलाने के साथ-साथ श्वसन तंत्र को साफ करता है।

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4. भुनी हुई हल्दी

खांसी के लिए हल्दी को घी या शहद के साथ भूनकर खाने से राहत मिलती है।

5. हल्दी का अचार और सब्जी

कच्ची हल्दी से सब्जी और अचार बनाना भी एक लोकप्रिय तरीका है। इसे सरसों या नारियल के तेल में पकाया जा सकता है, जो क्षेत्रीय स्वाद के अनुसार बदलता है।

हल्दी के नुकसान और सावधानियां

कच्ची हल्दी के कई फायदे होने के बावजूद, इसका सेवन हर किसी के लिए उपयुक्त नहीं है। जो लोग बहुत दुबले-पतले हैं, उन्हें कच्ची हल्दी का सेवन सोच-समझकर करना चाहिए। हल्दी का ऊष्ण तासीर होने के कारण यह शरीर में गर्मी बढ़ा सकती है, जिससे कमजोरी हो सकती है। कच्ची हल्दी का अधिक सेवन पेट की समस्याएं, जैसे अपच और एसिडिटी का कारण बन सकता है।

निष्कर्ष

कच्ची हल्दी के औषधीय गुण और लाभ इसे आयुर्वेद में एक अहम स्थान देते हैं। यह विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं में उपयोगी है, लेकिन इसका सेवन व्यक्ति की शारीरिक स्थिति और जरूरत के अनुसार किया जाना चाहिए। जो लोग इसका उपयोग करते हैं, उन्हें इसके ऊष्ण तासीर का ध्यान रखना चाहिए और जरूरत से ज्यादा मात्रा में इसे खाने से बचना चाहिए। सही मात्रा और सही तरीके से हल्दी का सेवन करने से यह सेहत के लिए वरदान साबित हो सकती है।

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