Who Should not Consume Raw Turmeric According to Ayurveda : कच्ची हल्दी को आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण औषधि माना गया है। कच्ची हल्दी का इस्तेमाल आयुर्वेद के अनुसार कई परेशानियों में किया जाता है। कच्ची हल्दी में एंटी-इन्फ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो समग्र स्वास्थ्य (Health Benefits of Raw Turmeric) के लिए भी लाभकारी माने जाते हैं।
यूं तो कच्ची हल्दी (Raw Turmeric) में विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं, लेकिन इसका सेवन हर किसी के लिए फायदेमंद नहीं होता है। आयुर्वेदिक डॉक्टर और हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. चंचल शर्मा का कहना है कि कुछ विशेष स्वास्थ्य स्थितियों में कच्ची हल्दी का सेवन करने से बचना चाहिए।
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1. पित्त दोष से पीड़ित लोग
आयुर्वेदिक डॉक्टर का कहना है कि कच्ची हल्दी की तासीर गर्म होती है। जिन लोगों को पित्त दोष संबंधी बीमारियां होती हैं, उन्हें कच्ची हल्दी का सेवन करने से पेट में जलन, एसिडिटी और डायरिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए पित्त दोष से पीड़ित लोगों को कच्ची हल्दी का सेवन करने से बचना चाहिए।
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2. प्रेग्नेंट और ब्रेस्टफीडिंग मॉम्स को
प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं के लिए हल्दी का सेवन आमतौर पर सुरक्षित माना जाता है, लेकिन कच्ची हल्दी का नहीं। प्रेग्नेंसी के दौरान कच्ची हल्दी का सेवन करने से हार्मोन असंतुलित हो सकते हैं, जिसकी वजह से गर्भाशय में उत्तेजना पैदा हो सकती है। गर्भाशय की उत्तेजना गर्भस्थ शिशु के विकास में बाधा पैदा कर सकती है। वहीं, अगर ब्रेस्टफीडिंग मॉम्स कच्ची हल्दी का सेवन करें, तो यह नवजात शिशु को नुकसान पहुंचा सकती है।
3. किडनी के रोगियों को
कच्ची हल्दी में ऑक्सलेट पाया जाता है, जो किडनी स्टोन का कारण बन सकता है। जिन लोगों को पहले से ही किडनी से जुड़ी कोई बीमारी या किडनी स्टोन की समस्या है, तो उसे कच्ची हल्दी का सेवन करने से बचना चाहिए।
4. हार्मोन संबंधी परेशानी वालों को
आयुर्वेदिक डॉक्टर का कहना है कि कच्ची हल्दी में कुछ ऐसे तत्व भी होते हैं, जो महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन को प्रभावित कर सकते हैं। जिन महिलाओं को अनियमित पीरियड्स, पीरियड्स के दौरान कम ब्लीडिंग, मूड स्विंग्स और थकान जैसी परेशानियां अक्सर रहती हैं, उन्हें भी कच्ची हल्दी का सेवन करने से बचना चाहिए।
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5. सेंसेटिव स्किन वालों को
जिन लोगों की स्किन बहुत ज्यादा सेंसेटिव होती है, उन्हें भी कच्ची हल्दी का सेवन करने की सलाह नहीं दी जाती है। कच्ची हल्दी की गर्माहट सेंसिटिव स्किन वाले लोगों की त्वचा पर रैशेज, खुजली या लालिमा का कारण बन सकती है। इसलिए सेंसेटिव स्किन वालों को कच्ची हल्दी का सेवन करने से बचना चाहिए।
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निष्कर्ष
कच्ची हल्दी सेहत के लिए फायदेमंद जाती है, लेकिन कुछ परिस्थितियों में इसका सेवन हानिकारक हो सकता है। इसलिए ऊपर बताए गए लोग कच्ची हल्दी का सेवन बिल्कुल न करें। साथ ही, अगर आपके मन में कच्ची हल्दी को लेकर कोई सवाल है, तो इस बारे में डॉक्टर से बात करें।
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