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घर की बनी मिठाई या बाजार की, कौन सी है हेल्दी? जानें एक्सपर्ट की राय

हर त्योहार, शादी या खुशी के मौके पर मिठाई बांटने की परंपरा हमारे जीवन का हिस्सा है, लेकिन आज के समय में जब बाजार में सैकड़ों तरह की मिठाइयां उपलब्ध हैं, तो एक सवाल अक्सर उठता है कि क्या घर की बनी मिठाइयां वाकई में बाजार की मिठाइयों से ज्यादा हेल्दी होती हैं?
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घर की बनी मिठाई या बाजार की, कौन सी है हेल्दी? जानें एक्सपर्ट की राय


दिवाली का त्योहार खुशियों, रोशनी और मिठास से भरा होता है, इस पर्व पर घर-घर में मिठाइयां बनाना और बांटना परंपरा का अहम हिस्सा है। चाहे वह देसी घी के लड्डू हों, मिल्क केक, बर्फी, गुजिया या फिर चॉकलेट स्वीट्स, हर किसी के मन में यही उमंग रहती है कि त्योहार के स्वाद में मिठास की कोई कमी न रहे, लेकिन आज के समय में जब सेहत और फिटनेस को लेकर जागरूकता बढ़ी है, एक सवाल अक्सर लोगों के मन में आता है कि दिवाली पर घर की बनी मिठाई ज्यादा हेल्दी है या बाजार से खरीदी गई?

दरअसल, पहले के समय में ज्यादातर लोग घर पर ही मिठाइयां बनाते थे, क्योंकि न सिर्फ स्वाद बल्कि सेहत का भी ध्यान रखा जाता था। शुद्ध घी, देशी शक्कर, सूखे मेवे और घर की सफाई में बनी मिठाइयां शरीर को ताकत भी देती थीं। वहीं आजकल समय की कमी और बाजार में मिलने वाले नए-नए स्वादों के चलते ज्यादातर लोग तैयार मिठाइयां खरीदना पसंद करते हैं। इन मिठाइयों की पैकिंग तो आकर्षक होती है, लेकिन इनमें इस्तेमाल होने वाले रंग, प्रिजर्वेटिव्स और मिलावट सेहत के लिए खतरा बन सकते हैं। इस लेख में जयपुर स्थित Angelcare-A Nutrition and Wellness Center की निदेशक, डाइटिशियन एवं न्यूट्रिशनिस्ट अर्चना जैन (Archana Jain, Dietitian and Nutritionist, Director, Angelcare-A Nutrition and Wellness Center, Jaipur) से जानिए, घर की बनी मिठाई या बाजार की, कौन सी है हेल्दी?

घर की मिठाई या बाजार की - Are Homemade Sweets Better Than Store Bought

जयपुर की न्यूट्रिशन एक्सपर्ट डॉ. अर्चना जैन कहती हैं, ''अगर मिठाई घर पर बनाई जाए और सीमित मात्रा में खाई जाए, तो यह शरीर के लिए नुकसानदायक नहीं होती। असली समस्या तब होती है जब हम अत्यधिक चीनी या वनस्पति घी से बनी मिठाइयां खाते हैं। घर की मिठाइयों में आप सामग्री का संतुलन खुद तय कर सकते हैं।'' वो सलाह देती हैं कि घर की मिठाइयों में गुड़, ओट्स, रागी या नट्स जैसी चीजें मिलाकर उन्हें और पौष्टिक बनाया जा सकता है।

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घर की बनी मिठाइयां

घर की बनी मिठाइयों की सबसे बड़ी खासियत है कि इन्हें आपकी निगरानी में, आपके स्वाद और जरूरत के हिसाब से बनाया जाता है। इनमें इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री जैसे देसी घी, गुड़, नारियल, सूखे मेवे या कम चीनी पूरी तरह कंट्रोल रहती है। उदाहरण के लिए, अगर किसी को डायबिटीज है तो घर पर शुगर-फ्री या स्टेविया का उपयोग किया जा सकता है। वहीं बच्चों के लिए आप गुड़ या खजूर का इस्तेमाल करके मिठाई को हेल्दी बना सकते हैं। इसके अलावा, घर की मिठाइयां ताजी, बिना प्रिजर्वेटिव्स और केमिकल्स के होती हैं, जिससे वे पचने में आसान और पोषक होती हैं।

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बाजार की मिठाइयां

बाजार में मिलने वाली मिठाइयां देखने में आकर्षक और स्वाद में लाजवाब होती हैं, लेकिन इनकी सबसे बड़ी समस्या है ज्यादा चीनी, रंग और प्रिजर्वेटिव्स का इस्तेमाल। कई बार मिठाइयों में सिंथेटिक घी या वनस्पति तेल का प्रयोग किया जाता है, जो कोलेस्ट्रॉल बढ़ा सकता है और पाचन पर बुरा असर डाल सकता है। त्योहारों के समय जब मांग ज्यादा होती है, तब मिठाइयां पहले से बनाकर रखी जाती हैं। ऐसे में उनके खराब होने या बैक्टीरियल इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।

निष्कर्ष

कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि घर की बनी मिठाइयां सेहत के लिहाज से ज्यादा सुरक्षित और पौष्टिक होती हैं, क्योंकि आप खुद जानते हैं कि उसमें क्या डाला गया है। जबकि बाजार की मिठाइयां दिखने में आकर्षक जरूर होती हैं, लेकिन उनमें मिलावट, अधिक चीनी और खराब तेल का खतरा बना रहता है। इसलिए अगली बार जब मिठाई खाने या खिलाने का मन हो, तो घर की बनी पारंपरिक मिठाइयों, जैसे लड्डू, बेसन बर्फी या गुड़ की चिक्की को प्राथमिकता दें।

All Images Credit- Freepik

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  • Current Version

  • Oct 18, 2025 12:48 IST

    Published By : Akanksha Tiwari

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