आज के दौर में बाजार में मिलने वाली ज्यादातर मिठाइयां देखने में जितनी रंग-बिरंगी और खूबसूरत होती हैं, उतनी ही शंका भी पैदा करती हैं। खासकर त्योहारों, शादियों या प्रसाद में मिलने वाले बूंदी के लड्डू, रंग-बिरंगी बर्फियां और कैंडी जैसी मिठाइयां बच्चों से लेकर बड़ों तक को खूब पसंद आती हैं। लेकिन इन मिठाइयों में इस्तेमाल होने वाले रंग (Food Colors) को लेकर लोगों के मन में एक सवाल लगातार बना रहता है कि क्या ये रंग स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित हैं? दरअसल, कई मिठाइयों में प्राकृतिक रंगों की बजाय कृत्रिम (Synthetic) रंगों का इस्तेमाल किया जाता है, ताकि वे ज्यादा आकर्षक दिखें और खरीददारों को लुभाएं। लेकिन यही रंग, खासकर अगर वे मानक के अनुसार न हों या अधिक मात्रा में डाले गए हों, तो स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं। ये रंग एलर्जी, पेट दर्द, चक्कर, या बच्चों में चिड़चिड़ापन जैसी समस्याएं पैदा कर सकते हैं।
ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि कौन से रंग सुरक्षित हैं, किन मिठाइयों से दूरी बनानी चाहिए और बाजार से मिठाई खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। इस लेख में हम जयपुर में स्थित Angelcare-A Nutrition and Wellness Center की निदेशक, डाइटिशियन एवं न्यूट्रिशनिस्ट अर्चना जैन (Archana Jain, Dietitian and Nutritionist, Director, Angelcare-A Nutrition and Wellness Center, Jaipur) से जानेंगे कि कलर मिली मिठाइयां कितनी सुरक्षित हैं, कौन-से रंग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं और बच्चों व बुजुर्गों के लिए क्या सावधानियां जरूरी हैं।
क्या रंग वाली मिठाई खाना सही है? - Is eating sweets with food coloring safe
डाइटिशियन एवं न्यूट्रिशनिस्ट अर्चना जैन बताती हैं कि सभी खाने वाले कलर समान नहीं होते। उनके प्रकार और क्वालिटी के हिसाब से उनका असर शरीर पर अलग-अलग (Is food coloring harmful to health) होता है।
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नेचुरल रंग: ये हल्दी, केसर, चुकंदर, पालक जैसे नेचुरल सोर्स से बनाए जाते हैं। ये आमतौर पर सुरक्षित माने जाते हैं और सेहत को नुकसान नहीं पहुंचाते।
कृत्रिम रंग: ये रासायनिक होते हैं और अगर नियंत्रित मात्रा से ज्यादा उपयोग किए जाएं तो सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं। इनमें कुछ ऐसे रंग भी हैं जिन्हें कुछ देशों में प्रतिबंधित किया गया है।
मिठाइयों में मिलने वाले कृत्रिम रंग शरीर में धीरे-धीरे इकट्ठा होते हैं और लिवर पर असर डाल सकते हैं। त्योहार के सीजन में लोग रंग-बिरंगी मिठाइयों की ओर आकर्षित होते हैं, लेकिन इनका अधिक सेवन पेट की समस्या और एलर्जी को बढ़ा सकता है। कोशिश करें कि घर में बनी मिठाई खाएं या बिना रंग वाली मिठाइयों को प्राथमिकता दें।
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खाने वाले कलर के नुकसान - What are the harmful effects of food coloring
- कुछ लोगों को खासकर बच्चों को रंगीन खाने से एलर्जी, स्किन पर खुजली या सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।
- कृत्रिम रंगों से बच्चों में हाइपरएक्टिविटी (अत्यधिक चंचलता) बढ़ सकती है।
- ज्यादा मात्रा में रंगीन मिठाइयां खाने से पेट खराब, एसिडिटी या गैस जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।
- कुछ रंगों से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बताया गया है। हालांकि आजकल इस्तेमाल होने वाले अधिकांश रंग फूड सेफ्टी के नियमों के अनुसार सुरक्षित माने जाते हैं।
कलर वाले स्वीट्स खाने से पहले ध्यान देने वाली बातें
- सुनिश्चित करें कि मिठाई में इस्तेमाल हुआ रंग एफडीए (FDA) या एफएसएसएआई (FSSAI) द्वारा अनुमोदित हो।
- अधिक मात्रा में सेवन से बचें।
- अगर आपको या आपके बच्चे को किसी रंग से एलर्जी होती है तो उसे खाने से बचाएं।
- नेचुरल रंग वाली मिठाइयों को प्राथमिकता दें।
- बच्चों को बहुत ज्यादा रंगीन कैंडीज या लड्डू न दें।
निष्कर्ष
कलर वाले स्वीट्स बच्चों और बड़े सभी के लिए आकर्षक होते हैं, लेकिन उनकी सुरक्षा और स्वास्थ्य पर असर को समझना जरूरी है। हमेशा कोशिश करें कि प्रमाणित और नेचुरल रंगों वाले प्रोडक्ट्स ही खाएं। कम मात्रा में सेवन करें और यदि आप या आपके बच्चे को किसी भी प्रकार की एलर्जी या स्वास्थ्य समस्या हो तो ऐसे प्रोडक्ट्स से बचें। सेहतमंद जीवन के लिए मिठाइयों में सेफ्टी का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।
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FAQ
कैसे पहचानें कि मिठाई में मिलाया गया रंग सुरक्षित है या नहीं?
पैक्ड मिठाइयों पर इंग्रेडिएंट्स की लिस्ट पढ़ें। लोकल हलवाई की मिठाइयों में रंग की तीव्रता (बहुत चमकीला या असामान्य रंग) देखकर भी अंदाजा लगाया जा सकता है कि उसमें केमिकल रंग मिलाया गया है। जरूरत हो तो FSSAI का लोगो या लाइसेंस नंबर जांचें।बच्चों को रंग वाली मिठाइयां खिलाना सुरक्षित है या नहीं?
छोटे बच्चों को रंगीन मिठाइयां सीमित मात्रा में ही दी जानी चाहिए। यदि मिठाइयों में केमिकल रंग मिले हों, तो वे बच्चों में एलर्जी, पेट दर्द, स्किन पर खुजली या चिड़चिड़ापन जैसी समस्याएं पैदा कर सकती हैं। बच्चों को नेचुरल रंग वाली मिठाइयां देना बेहतर है।क्या घर पर बनी मिठाइयों में नेचुरल फूड कलर का इस्तेमाल किया जा सकता है?
हां, घर पर मिठाई बनाते समय आप हल्दी (पीला), चुकंदर का रस (गुलाबी/लाल), पालक का रस (हरा), गाजर (नारंगी) जैसे नेचुरल फूड कलर का उपयोग कर सकते हैं। ये रंग न केवल सुरक्षित हैं, बल्कि उनमें एंटीऑक्सीडेंट और पोषक तत्व भी मौजूद रहते हैं।