
Poor AQI Cause Childhood Problem: आजकल दिल्ली और NCR में जिस तरह से AQI 300 से पार जा रहा है, उसका असर लोगों की सेहत पर लगातार नजर आ रहा है। आजकल हर घर में किसी न किसी को सर्दी, जुकाम या खांसी की समस्या देखने को मिल रही है। इसी वजह से हाल ही में दिल्ली में GRAP 4 लगा दिया गया है, जिसमें प्राइमरी स्कूल के बच्चों को ऑनलाइन क्लास का आदेश दिया है। सरकार के इन कदमों से ही पता चलता है कि छोटे बच्चों पर जहरीली हवा कितना ज्यादा प्रभाव डाल सकती है, इसलिए छोटे बच्चों को घर में रहने की सलाह दी जा रही है, लेकिन जो बच्चे 5 साल से कम है, उनके लिए यह AQI कई गुना खतरनाक है। छोटे बच्चों पर खराब AQI का कितना असर पड़ रहा है और पैरेंट्स कैसे इस प्रदूषण से बच्चों को बचा सकते हैं, जानने के लिए हमने क्लाउडनाइन हॉस्पिटल के पीडियाट्रिशियन डॉ. नेहा राघव और डॉ. गोपाल अग्रवाल से बात की।
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5 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए 300+ AQI क्यों खतरनाक है?
इस बारे में जानी मानी पीडियाट्रिशियन डॉ. नेहा राघव (Dr Neha Raghav, Senior Consultant Pediatrician and Pediatric Intensivist, Cloudnine Group of Hospitals, Indirapuram) ने कहा, “छोटे बच्चों के फेफड़े पूरी तरह विकसित नहीं होते, उनकी इम्युनिटी भी उतनी मजबूत नहीं होती। इसी वजह से जहरीली हवा में मौजूद PM2.5 और PM10 जैसे कण उनके शरीर पर तुरंत और गहरा असर डालते हैं।”

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फेफड़े पूरी तरह विकसित न होना
5 साल से कम उम्र में बच्चों के लंग्स डेवलपमेंट के स्टेज पर होते हैं। ऐसे में प्रदूषित हवा के छोटे-छोटे कण (PM2.5) सीधा फेफड़ों में जाकर जम जाते हैं। इससे उन्हें सांस लेने में तकलीफ, सीने में जकड़न, बार-बार खांसी होना और सांस फूलने लगती है। अगर ये समस्याएं लंबे समय तक रहे, तो बच्चों में अस्थमा और ब्रोंकाइटिस का खतरा भी बढ़ सकता है।
इम्युनिटी पर असर
बच्चों की इम्युनिटी उतनी मजबूत नहीं होती और खराब AQI के कारण बच्चों की इम्युनिटी को और कमजोर कर देती है। इससे उन्हें वायरल इंफेक्शन, बैक्टीरियल इंफेक्शन, बुखार और गले में खराश ज्यादा होने लगती है। इस वजह से बार-बार दवाइयां लेने से दवाइयों का रिएक्शन होना कम होने लगता है। इसका बच्चों पर लॉन्ग टर्म असर पड़ सकता है।
मेंटल ग्रोथ पर असर
PM2.5 का लंबे समय तक एक्सपोजर बच्चों के ब्रेन डेवलपमेंट पर असर डाल सकता है। कई रिसर्च बताती हैं कि इससे बच्चों का IQ, फोकस की समस्या, सीखने और याद रखने की क्षमता और बिहेवियर में असर देखा गया है। खराब AQI सिर्फ फेफड़ों को ही नहीं, बल्कि बच्चों के दिमाग पर भी असर डालता है।
एलर्जी और स्किन प्रॉब्लम बढ़ना
5 साल से कम उम्र के बच्चों में एलर्जी के मामले देखने को मिल रहे हैं। इसमें आंखों में पानी, चुभन या जलन, स्किन पर रैशेज और नाक बंद रहना हो सकता है। कई बच्चे इससे परेशान होकर सो नहीं पाते, और चिड़चिड़े हो जाते हैं।
हार्ट पर असर
खराब AQI के कारण कम उम्र में बच्चों में ऑक्सीजन की कमी, हार्टबीट तेज होना, थकान और कमजोरी जैसी दिक्कतें हो सकती है। इसलिए बच्चों को प्रदूषण से बचाकर रखना बहुत जरूरी है।
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पैरेंट्स बच्चों को खराब AQI से कैसे बचाएं?
इस बारे में गुडगांव पीडियाट्रिशियन विभाग के क्लिनिकल डायरेक्टर डॉ. गोपाल अग्रवाल (Dr. Gopal Agrawal Clinical Director of the Department of Paediatrics and Neonatology, Cloudnine Hospitals, Gurgaon) कहते हैं, “बच्चे और बुजुर्ग दोनों एनवायरमेंटल चेंज से जल्दी प्रभावित होते हैं। यह सच है कि हम बच्चे को हर वक्त एयर-प्यूरीफायर वाले कमरे में नहीं रख सकते। बच्चे को खेलना और बाहर जाना भी जरूरी है। लेकिन कुछ आसान उपाय उनकी सेहत को काफी हद तक सुरक्षित कर सकते हैं।”
- घर की हवा साफ रखें - बच्चा जब रूम में सो रहा है और कमरा बंद है, तो वहां जो एयर सर्कुलेट हो रही है। उसे बार-बार प्योर करें और इसके लिए एयर प्यूरीफायर यूज कर सकते हैं।
- घर में एयर-प्यूरीफाइंग पौधे लगाएं - घर में स्नेक प्लांट, पीस लिली और एलोवेरा लगा सकते है। ये हवा को काफी स्तर तक साफ रखने में मदद करते हैं।
- बच्चों की नाक साफ रखें - छोटे बच्चों के नाक में सेलाइन नेजल ड्रॉप्स डाल सकते हैं। इसे दिन में 2–3 बार डालें क्योंकि इससे नाक में जमा डस्ट बाहर निकलती है। इससे बच्चे को सांस लेने में आसानी होती है।
- गुनगुना पानी और शहद दें - छोटे बच्चों को हल्का गर्म पानी दें और अगर एक साल से ऊपर के बच्चों को थोड़ी मात्रा में शहद दें। इससे गले की सूजन और खांसी कम करने में मदद होती है।
- 200 से कम AQI में बाहर निकालें - यदि AQI 300+ है, तो बच्चों को पार्क में खेलने से बचाएं। जब भी बाहर जाए, तो N95 मास्क पहनाएं।
- बच्चे की नींद पूरी करें - बच्चों की कम से कम 7 से10 घंटे की नींद पूरी करने दें। बच्चों को इम्युनिटी बढ़ाने वाले फल और सब्जियां खिलाएं। इसमें मौसमी, बादाम, अंडा, दही, हल्दी दूध शामिल है। खाने में विटामिन C और प्रोटीन पर्याप्त मात्रा में होना जरूरी है।
- डॉक्टर से सलाह लें - अगर बच्चा लगातार खांस रहा हो, सांस फूल रहा हो, बार-बार बीमार पड़ रहा हो, तो डॉक्टर से जरूर सलाह लें।
निष्कर्ष
AQI 300+ छोटे बच्चों के लिए बेहद खतरनाक है, क्योंकि उनके फेफड़े, इम्युनिटी और शरीर प्रदूषण को झेलने के लिए तैयार नहीं होते। इससे बच्चों के फेफड़े, मेंटल हेल्थ और इम्युनिटी पर काफी असर पड़ता है, लेकिन अच्छी बात यह है कि पैरेंट्स के बीच जागरूकता होने पर बच्चों को काफी हद तक सेफ रखा जा सकता है।
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Nov 27, 2025 19:03 IST
Published By : Aneesh Rawat