
AQI in Delhi-NCR: दिल्ली एनसीआर में लगातार हवा का स्तर खराब होता जा रहा है और अब दिल्ली के कई इलाकों में AQI 400 के पार जा चुका है, ऐसे में लोगों के लिए सांस लेना तक दूभर हो गया है। जहरीली हवा के चलते दिल्ली एनसीआर में अब लोगों को खांसी, जुकाम से लेकर अस्थमा की समस्याएं लगातार देखने को मिल रही हैं। हाल ही में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए Batra Healthcare के होमियोपैथी जनरल फिजीशियन डॉ संजीव बत्रा ने भी इंस्टाग्राम के जरिए गुहार लगाई थी कि अगर आप दिल्ली एनसीआर में रहते हैं और आपके घर में छोटे बच्चे हैं या प्रेग्नेंट लेडी है, तो तुरंत बिना देरी किए आपको शहर से बाहर चले जाना चाहिए। अब तो जहरीली हवा का संकट इतना ज्यादा गहरा चुका है कि डॉक्टर्स इसे पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी मान रहे हैं। आइये जानते हैं कि हेल्थ इमरजेंसी क्या होती है और क्यों लगाई जा सकती है?
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DelhI-NCR में AQI गंभीर होने के नुकसान
हाल ही के दिनों में दिल्ली और आसपास के इलाके धुंध और स्मोग से घिरे हुए हैं। अगर हम आज की बात करें, तो दिल्ली में AQI कई इलाकों में Severe श्रेणी में है। इन इलाकों में एक सेहतमंद इंसान को सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।
CPCB की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली के इन इलाकों में दोपहर 12 बजे तक का AQI 400 पार था।
| इलाका | AQI |
चांदनी चौक |
411 |
| वजीरपुर | 473 |
| मुंडका | 446 |
| बवाना | 430 |
| द्वारका | 416 |
इस बारे में अकेडमी ऑफ फैमिली फिजिशियंस ऑफ इंडिया के चेयरमैन डॉ. रमन कुमार (Dr Raman Kumar, Chairman, Academy of Family Physicians of India) कहते हैं, “इस तरह का खराब AQI जानलेवा होता है और दिल्ली एनसीआर की हवा साल दर साल बद से बदतर ही होती जा रही है। फिलहाल प्रदूषण इतना ज्यादा है कि ओपीडी में खांसी, बलगम के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है और अब अस्थमा या फेफड़ों के मरीजों को ही परेशानी नहीं हो रही, बल्कि हार्ट, किडनी, स्किन और मेंटल हेल्थ पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है। इसलिए अब डॉक्टर्स दिल्ली एनसीआर में हेल्थ इमरजेंसी लगाने की बात कर रहे हैं।”

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पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी कब लगाई जा सकती है?
WHO के अनुसार, जब किसी देश में पब्लिक की हेल्थ को लेकर काफी ज्यादा परेशानियां होने लगती है और तुरंत मदद की जरूरत होती है, तो International Health Regulations (2005) (IHR) एक कानूनी ढांचा देता है, जिसमें पब्लिक स्वास्थ्य रिस्क, घटनाओं और आपात स्थितियों के रोकने और मैनेज करने के लिए देश के अधिकार बताता है। अगर हम भारत की बात करें, तो हेल्थ राज्य का मामला है, लेकिन अगर किसी राज्य में लोगों के स्वास्थ्य से जुड़े मामलों को रोकने के लिए भारत सरकार की जरूरत महसूस होती है, तो ऐसे में भारत सरकार किसी भी राज्य को पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी होने पर पूरा सपोर्ट देती है। कोविड के समय भारत में पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी के दौरान देशभर के राज्यों में लॉकडाउन से लेकर मास्क और अस्पतालों में सुविधाएं दी गई है।
डॉ. रमन कुमार कहते हैं, “अब दिल्ली एनसीआर में भी जिस तरह से AQI खराब चल रहा है और मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, उसे देखते हुए यहां भी पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी जैसे हालात हो रहे हैं।"
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क्या मास्क और एयर प्यूरीफायर काम कर रहे हैं?
इस बारे में LYF अस्पताल में जनरल फिजिशन डॉ. मोहम्मद आसिम (Dr Mohd Asim, General Physician, LYF Hospital, Noida) कहते हैं, “वैसे मास्क तभी काम करते हैं, जब हवा में PM2.5 का स्तर कंट्रोल में हो, लेकिन जब AQI 400 पार होगा, तो मास्क पूरी सुरक्षा नहीं दे सकते। घरों में एयर प्यूरीफायर भी सिर्फ कमरे या घर के भीतर कुछ राहत देते हैं। जैसे ही लोग घर से बाहर निकलते हैं, उन्हें जहरीली हवा का सामना करना ही पड़ता है। इसमें सबसे ज्यादा बच्चों, बुजुर्गों, प्रेग्नेंट महिलाओं और सांस की बीमारी वाले लोगों को सबसे ज्यादा रिस्क है। इसलिए हाल ही में दिल्ली के प्राइमरी स्कूलों को ऑनलाइन क्लास लेने की सलाह दी गई है।”
AQI को बेहतर करने की कोशिशें
इस समय दिल्ली में GRAP-3 लागू है, जिसमें निर्माण के काम पर रोक है, ट्रकों को आने की परमिशन पर सख्ती है, सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जा रहा है और धूल कम करने वाली मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। डॉ. मोहम्मद आसिम कहते हैं कि लोगों को भी थोड़ी सावधानी बरतने की जरूरत है।
- बिना जरूरत बाहर न निकलें।
- बच्चों और बुजुर्गों का ध्यान रखें।
- प्रेग्नेंट महिलाएं रेगुलर चेकअप कराएं।
- घर में प्यूरीफायर लगाने से हवा साफ रहेगी।
निष्कर्ष
हालांकि दिल्ली के खराब AQI को देखते हुए लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है, लेकिन इसके साथ सरकारों को भी जरूरी कदम उठाना महत्वपूर्ण है क्योंकि खराब हवा लगातार लोगों की सेहत को नुकसान पहुंचा रही है। अगर किसी को स्किन, सांस लेने में तकलीफ या फेफड़ों से जुड़ी परेशानी महसूस होती है, तो तुरंत डॉक्टर से जरूर सलाह लें।
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Nov 20, 2025 13:44 IST
Modified By : Aneesh RawatNov 20, 2025 13:42 IST
Published By : Aneesh Rawat