
"अगर आप दिल्ली NCR में रहते हो और आपके घर में छोटे बच्चे हैं या प्रेग्नेंट लेडी है, तो तुरंत... एक दिन की देरी किए बिना आपको ये दिल्ली NCR छोड़ देना चाहिए। ये मेरी सलाह है आपके लिए" ये गुहार है एक डॉक्टर की, जो दिल्ली में बढ़े हुए प्रदूषण और खराब AQI के कारण लोगों को चेतावनी दे रहे हैं। Batra Healthcare के होमियोपैथी जनरल फिजीशियन डॉ संजीव बत्रा, जिनके इंस्टाग्राम पर 788K फॉलोअर हैं, ये वीडियो अपने पोस्ट किया है।
वो आगे कहते हैं, "आप समझो कि कितनी खतरनाक है ये चीज (प्रदूषण) आपके बच्चे के लिए। आने वाले समय में हर बच्चे को कैंसर कंफर्म होगा। मैं डरा नहीं रहा हूं। रियलिटी बता रहा हूं आपको। कोई बात नहीं कर रहा... कोई नहीं समझ रहा पॉल्यूशन की गंभीरता को... जबरदस्त हेल्थ इमरजेंसी है ये।" डॉ संजीव यह भी कहते हैं कि बढ़ते हुए बच्चों में ये प्रदूषण कई तरह की समस्याएं पैदा कर सकता है, खासकर उनके फेफड़े कुछ हद तक परमानेंट डैमेज हो सकते हैं।
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मशहूर हेल्थ इंफ्लुएंसर ल्यूक कौटिन्हो ने फाइल किया PIL
मशहूर इंफ्लुएंअसर और लाइफस्टाइल गुरु ल्यूक कौटिन्हो ने भी सोशल मीडिया पर जानकारी दी कि उन्होंने खराब हवा और प्रदूषण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक PIL फाइल किया है। उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में लिखा, "दिल्ली के 22 लाख बच्चों को पहले ही इररिवर्सिबल लंग डैमेज है। उनके फेफड़े कभी भी पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाएंगे। वयस्क लोगों को क्रॉनिक सांस की समस्या और इंफ्लेमेशन हो रहा है। ये हवा हर उम्र के लाखों लोगों के फेफड़ों, हार्ट, मस्तिष्क, इम्यूनिटी, हार्मोन्स और कॉग्निटिव हेल्थ... सभी को प्रभावित कर रही है। एक चिंतित भारतीय नागरिक के तौर पर मैंने सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की है, जिसमें साफ हवा को जीवन के मौलिक अधिकार के रूप में मान्यता देने की अपील की गई है।"
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हर उम्र के इंसान पर प्रदूषण का असर
ल्यूक कौटिन्हो एक दूसरे पोस्ट में बताते हैं, "दिल्ली में प्रदूषण के कारण बच्चों को अस्थमा, निमोनिया और क्रॉनिक रेस्पिरेटरी इंफेक्शन्स हो रहे हैं। वयस्कों में COPD और लंग कैंसर का खतरा बढ़ रहा है, यहां तक कि उन लोगों में भी जो स्मोकिंग नहीं करते हैं। बुजुर्गों में प्रदूषण के कारण स्ट्रोक, हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट की बीमारियां ट्रिगर हो रही हैं। यही नहीं, वायु प्रदूषण के कारण कॉग्निटिव हेल्थ पर असर पड़ रहा है और कम उम्र में डिमेंशिया होने का भी खतरा बढ़ रहा है। इससे इम्यूनिटी कमजोर हो रही है और इंफेक्शन्स की चपेट में आने का खतरा बढ़ रहा है। गर्भवती महिलाओं और उनके शिशु पर भी इसका असर पड़ रहा है।" कुल मिलाकर हर उम्र और हर वर्ग पर प्रदूषण का बुरा असर पड़ रहा है और लोग मजबूर हैं ऐसी हवा में सांस लेने के लिए। यही कारण है कि ल्यूक ने साफ हवा को लेकर जनहित याचिका दायर की है।
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कितना है दिल्ली NCR का AQI?
Central Pollution Cotrol Board के National Air Quality Index के अनुसार सोमवार 10 नवंबर को शाम 5 बजे दिल्ली NCR के ज्यादातर इलाकों में AQI 350 के आसपास था, जो WHO की गाइडलाइन्स के अनुसार "बेहद खराब" श्रेणी में आता है। वहीं AQI.in के अनुसार इसी समय दिल्ली NCR के इलाकों में AQI का औसत 400 के पार था। सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने अलग-अलग वेबसाइट पर दिखाए जा रहे इन आंकड़ों को गलत बताया है। कई लोगों ने अपने घरों में मौजूद एयर प्यूरिफायर की रीडिंग पोस्ट कर दिखाया है कि असल में AQI 600 से भी ज्यादा है।
कुल मिलाकर अगले कुछ समय तक वायु प्रदूषण की समस्या का कोई समाधान नजर नहीं आता है। इसलिए बेहतर यही होगा कि आप अपने घर में मौजूद बच्चों और बुजर्गों को इसके खराब प्रभाव से बचाने के लिए जरूरी इंतजाम करें। बच्चों को खुले में खेलने से रोकें और वयस्कों को भी जरूरी न हो, तो घर पर रहने के लिए कहें। इसके अलावा जिन लोगों को किसी भी कारण से बाहर जाना ही पड़ रहा है, तो उन्हें N95 या N99 मास्क लगाकर जाना चाहिए।
Image Credit- batrahealthcare27
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Nov 10, 2025 18:36 IST
Modified By : Anurag GuptaNov 10, 2025 18:36 IST
Modified By : Anurag GuptaNov 10, 2025 18:36 IST
Published By : Anurag Gupta