
बॉलीवुड एक्टर धर्मेंद्र एक बार फिर सुर्खियों में हैं लेकिन इस बार वजह कोई नई फिल्म नहीं, बल्कि उनकी सेहत है। जानकारी के अनुसार, दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र को सांस लेने में दिक्कत के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया है। धर्मेंद्र भारतीय सिनेमा के उन सितारों में से हैं जिन्होंने न सिर्फ अपने दौर पर राज किया बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए अभिनय की मिसाल कायम की। उनका नाम आते ही आंखों के सामने 'शोले' के वीरू, 'चुपके-चुपके' के डॉ. परिमल जैसे किरदार जीवंत हो उठते हैं। एक्टर धर्मेंद्र मुंबई के Breach Candy Hospital में भर्ती हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उन्हें सांस लेने में थोड़ी परेशानी हुई थी और इसलिए उन्हें डॉक्टरों की निगरानी में कुछ देर रहने की सलाह दी गई है। इस लेख में पारस हेल्थ, गुरुग्राम के इंटरनल मेडिसिन विभाग के एचओडी, डॉ आरआर दत्ता (Dr. RR Dutta, HOD, Internal Medicine, Paras Health, Gurugram) से जानिए, बुजुर्गों में सांस की समस्या क्यों होती है?
बुजुर्गों में सांस की समस्या क्यों होती है? - What is the most common cause of shortness of breath in the elderly
डॉ आरआर दत्ता बताते हैं कि 60 की उम्र के बाद शरीर में कई नेचुरल बदलाव आने लगते हैं। इन बदलावों का असर न सिर्फ हड्डियों और मांसपेशियों पर, बल्कि फेफड़ों की क्षमता पर भी पड़ता है। इसके अलावा, श्वसन की मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं, जिससे सांस लेते समय सीने में जकड़न या थकावट महसूस होती है।
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कई बार यह समस्या केवल उम्र का असर नहीं होती, बल्कि लाइफस्टाइल, प्रदूषण, धूम्रपान, असंतुलित खानपान और पुरानी बीमारियों की वजह से भी होती है। हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, मोटापा और हार्ट डिजीज भी फेफड़ों पर अतिरिक्त दबाव डालते हैं, जिससे सांस फूलने की शिकायत आम हो जाती है।
- लंबे समय तक धूम्रपान करने वालों में क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) की समस्या उम्र बढ़ने के साथ हो सकती है।
- मौसम बदलने पर सांस फूलने की समस्या बढ़ जाती है, ऐसे में अस्थमा या एलर्जिक ब्रोंकाइटिस से पीड़ित लोगों को ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
- मोटापा भी सांस की समस्या का कारण बन सकता है, पेट पर अतिरिक्त चर्बी फेफड़ों पर दबाव डालती है।
- एनिमिया की शिकायत में भी शरीर में ऑक्सीजन की कमी से सांस फूलने लगती है।
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सांस की समस्या से बचाव के प्रभावी उपाय
- धूल, धुआं और प्रदूषण वाले इलाकों से दूर रहें।
- धूम्रपान या सेकेंड हैंड स्मोक से परहेज करें।
- तले-भुने और भारी भोजन से परहेज करें।
- पानी गुनगुना पिएं और ठंडी चीजों से बचें।
- रोजाना कम से कम 30 मिनट की हल्की वॉक करें।
- नियमित स्वास्थ्य जांच कराते रहें, खासकर यदि पहले से अस्थमा या हार्ट डिजीज हो।
निष्कर्ष
60 वर्ष के बाद सांस फूलना या घुटन महसूस होना एक सामान्य परंतु ध्यान देने योग्य लक्षण है। इसे उम्र का असर मानकर अनदेखा नहीं करना चाहिए। नियमित योग, बैलेंस डाइट, प्रदूषण से बचाव के माध्यम से फेफड़ों की सेहत लंबे समय तक बनाए रखी जा सकती है। सही देखभाल और नियमित जांच से बुजुर्ग भी स्वस्थ और एक्टिव जीवन जी सकते हैं।
All Images Credit- aapkadharam instagram
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Nov 10, 2025 16:56 IST
Modified By : Akanksha TiwariNov 10, 2025 16:56 IST
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Published By : Akanksha Tiwari