
दिल्ली-एनसीआर की हवा मंगलवार को फिर से चिंताजनक स्तर पर पहुंच गई। Central Pollution Control Board (CPCB) के शाम 4 बजे के डेटा के मुताबिक राजधानी के 39 एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशनों में से 14 में AQI का स्तर ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया। दिल्ली, नोएडा, गुड़गांव के ज्यादातर इलाकों में इस समय AQI 350+ बना हुआ है। इस प्रदूषण का कारण जो भी हो, लेकिन इसका असर लोगों की सेहत पर बहुत बुरा पड़ रहा है। राजधानी में लगातार खांसी, सिरदर्द, नाक से पानी निकलने और आंखों में जलन जैसी समस्याओं के मामले बढ़ रहे हैं।
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किस इलाके की हवा कितनी प्रदूषित?
CPCB के National Air Quality Index के अनुसार मंगलवार 4 नवंबर को शाम 4 बजे दिल्ली के अलग-अलग स्थानों पर AQI इस प्रकार रहा-
| इलाका | AQI |
| अलीपुर | 391 |
| आनंद विहार | 373 |
| चांदनी चौक | 318 |
| द्वारका सेक्टर 8 | 289 |
| आईटीओ | 315 |
| नरेला | 363 |
| मुंडका | 342 |
| ओखला फेज 2 | 292 |
| वजीरपुर | 342 |
पूर्व IAS ऑफिसर ने कही ये बात
एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक पूर्व आईएएस ऑफिसर LV Nilesh ने प्रदूषण पर एक पोस्ट शेयर करते हुए बताया कि कैसे उनका भारत छोड़ने का फैसला सही था। उन्होंने लिखा, “अगर मैं भारत नहीं छोड़ता, तो मुझे इस धुंध और अव्यवस्था में सांस लेनी पड़ती, जिसे नॉर्थ ब्लॉक सचिवालय कहा जाता है…… जरा इस साफ फर्क को देखिए।” पोस्ट के साथ उन्होंने दो तस्वीरें शेयर की हैं, जिनमें से एक सेंट्रल दिल्ली की है और प्रदूषण के कारण उसमें कुछ नजर नहीं आ रहा, वहीं दूसरी तस्वीर यूएस की है, जिसमें नीला आसमान और खूबसूरत वादियां साफ दिख रही हैं।
If I hadn't left India, I would have had to live and breathe in this mess otherwise known as the North Block Secretariat.
— LV Nilesh (@LVNilesh) November 2, 2025
Note the stark contrast. 🤯 https://t.co/vBKuC0Te7p pic.twitter.com/GHUUtJfQNQ
सबसे ज्यादा परेशानी किन्हें?
दिल्ली के प्रदूषण का वैसे तो सभी पर असर पड़ रहा है लेकिन जिन लोगों को पहले से कोई गंभीर बीमारी है, खासकर हार्ट और फेफड़े से जुड़ी, उन्हें इसका खतरा ज्यादा है। इसके अलावा अस्थमा के मरीजों, छोटे बच्चों, प्रेग्नेंट महिलाओं और बुजुर्गों के लिए ये प्रदूषण बेहद खतरनाक हो सकता है।
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प्रदूषण से बचने के लिए क्या कर सकते हैं?
- बाहर निकलते समय N95 / N99 मास्क पहनें
- सुबह-शाम की वॉक या पार्क में खेल-कूद को फिलहाल सीमित करें।
- घर में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें या हवा साफ रखने वाले पौधे लगाएं।
- गले में खराश, खांसी या सांस-फूलने की शिकायत हो रही है, तो डॉक्टर को जरूर दिखाएं।
- घर में बच्चे, बुजुर्ग या पहले से अस्थमा/ब्रोंकाइटिस के मरीज हैं, तो उनका विशेष ध्यान रखें।
कुल मिलाकर प्रदूषण जब तक सामान्य स्तर पर नहीं आ जाता, तब तक सभी को सतर्क रहने की जरूरत है। अगर बहुत जरूरी न हो, तो घर से बाहर न निकलें और निकल रहे हैं, तो पूरी एहतियात बरतें। किसी भी तरह की परेशानी होने पर डॉक्टर से मिलें।
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Nov 04, 2025 17:17 IST
Published By : Anurag Gupta