
भारत में संक्रामक बीमारियां कितनी तेजी से और कितने ज्यादा लोगों को प्रभावित कर रही हैं, इसका अंदाजा ICMR की नई रिपोर्ट से लगाया जा सकता है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की नई रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल से जून 2025 के बीच हर 9 में से 1 व्यक्ति में किसी न किसी तरह के इंफेक्शन की पुष्टि हुई।
यह अध्ययन ICMR के वायरस रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लेबोरेटरी नेटवर्क (VRDLN) के तहत किया गया था। रिपोर्ट बताती है कि जिन लोगों ने किसी भी तरह की बीमारी के लिए टेस्ट करवाया, उनमें करीब 11% सैंपल पॉजिटिव पाए गए। जनवरी-मार्च तिमाही में ये आंकड़ा 10.7% था, जबकि अप्रैल-जून तिमाही में ये बढ़कर 11.5% तक पहुंच गया। इसका सीधा मतलब यह है कि दूसरी तिमाही में संक्रमण की दर थोड़ी और बढ़ गई।
आपने भी ध्यान दिया होगा कि इन दिनों लोगों में मौसम-बेमौसम खांसी, जुकाम, बुखार, गले में खराश जैसी समस्याएं बहुत आम हो गई हैं। ये समस्याएं किसी न किसी वायरस का बैक्टीरिया के संपर्क में आने के कारण होती हैं। बहुत सारे लोग इनकी जांच नहीं कराते और घर पर ही कोई घरेलू उपचार कर लेते हैं या नजरअंदाज करते रहते हैं और कुछ दिनों में ठीक हो जाते हैं। मगर कई मामलों में ये खतरनाक भी हो सकता है।
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कौन-से संक्रमण सबसे ज्यादा मिले?
जनवरी 2025 से लेकर जून 2025 तक देशभर में करीब 4.5 लाख लोगों के सैंपल टेस्ट किए गए। इनमें सबसे ज्यादा मामले जिन इंफेक्शन्स के सामने आए, वो ये हैं-
- इन्फ्लूएंजा A (Influenza A): सर्दी-जुकाम और सांस की तकलीफ वाले केस
- डेंगू (Dengue): बरसात और गर्मी में तेजी से बढ़े मामले
- हेपेटाइटिस A: दूषित पानी से फैलने वाला संक्रमण
- नोरोवायरस (Norovirus): उल्टी-दस्त और पेट संक्रमण के मरीज
- हर्पीज सिंप्लेक्स वायरस: एन्सेफेलाइटिस (दिमाग में सूजन) जैसे मामलों में पाया गया
रिपोर्ट में कहा गया है कि ICMR नेटवर्क ने सिर्फ तीन महीनों में 191 इंफेक्शन क्लस्टर की पहचान की। इंफेक्शन क्लस्टर का मतलब है एक ही समय में कई जगहों पर एक जैसे संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ना।
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क्यों है ये चिंता की बात?
यह रिपोर्ट बताती है कि संक्रमण या इंफेक्शन अब सिर्फ अचानक फैलने वाली समस्या नहीं रही, बल्कि लगातार बनी रहने वाली स्वास्थ्य समस्याएं बन चुकी हैं। इसका कारण यह हो सकता है कि अब लोग ज्यादा ट्रैवेल करते हैं। मौसम जल्दी और बहुत ज्यादा बदलने और स्वच्छता की कमी के कारण भी वायरस और बैक्टीरिया अब पूरे साल सक्रिय रहते हैं। इसके अलावा खानपान में गड़बड़ और खराब लाइफस्टाइल के कारण लोगों की इम्यूनिटी भी कमजोर हुई है।
कुल मिलाकर ध्यान देने वाली बात यह है कि छोटे-मोटे संक्रमणों के बीच ही अचानक कोरोना वायरस जैसी बड़ी और गंभीर बीमारियां भी कई बार दस्तक दे देती हैं। इसलिए अगर लक्षण हल्के भी हों, तो भी अनदेखा करना ठीक नहीं। समय रहने जांच और इलाज कराना बेहद जरूरी है। खासकर छोटे बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं की सेहत पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
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Nov 03, 2025 18:52 IST
Published By : Anurag Gupta