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महिलाओं की सेहत को प्रभावित कर सकता है एंड्रोजन असंतुलन, एक्सपर्ट से जानें कारण और कैसे करें इसे बैलेंस

Androgen Imbalance: एंड्रोजन असंतुलन के बारे में महिलाओं को ज्यादा पता नहीं होता। ऐसे में आइए एक्सपर्ट से जानते हैं एंड्रोजन असंतुलन का कारण और इसके मैनेजमेंट टिप्स।
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महिलाओं की सेहत को प्रभावित कर सकता है एंड्रोजन असंतुलन, एक्सपर्ट से जानें कारण और कैसे करें इसे बैलेंस


Androgen Imbalance: महिलाओं सबसे ज्यादा हार्मोनल होर्मोनल बदलाव से परेशान रहती हैं। इसकी वजह से उनकी सेहत को कई प्रकार से नुकसान उठाने पड़ सकते हैं। इसलिए महिलाओं को अपने होर्मोनल हेल्थ के बारे में सबकुछ पता होना चाहिए। जैसे कि एंड्रोजन असंतुलन जिसे लेकर महिलाओं में जानकारी का अभाव होता है। जबकि, यह आपकी सेहत को काफी गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है। इसी बारे में विस्तार से जानने के लिए एंड्रोजन असंतुलन क्या है, इसका कारण और लक्षण। सब जानते हैं Dr Gandhali Deorukhkar Consultant-Obstetrics and Gynaecology, Wockhardt Hospitals Mumbai Central से। सबसे पहले जान लेते हैं एंड्रोजन क्या है।

एंड्रोजन क्या है-What is androgen?

एंड्रोजन हार्मोन का एक समूह है, जिसमें टेस्टोस्टेरोन भी शामिल है, जो आमतौर पर पुरुषों में अधिक होता है, लेकिन महिलाओं में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। महिलाओं में एंड्रोजन असंतुलन (Androgen Imbalance) तब होता है जब शरीर में इन हार्मोनों का स्तर अत्यधिक होता है, जिससे विभिन्न शारीरिक और हार्मोनल परिवर्तन होते हैं। इस दौरान शरीर में कभी टेस्टोस्टेरोन बढ़ जाता है तो कभी यह घट जाता है। इसका यह घटना बढ़ना आपको बीमार कर सकता है।

एंड्रोजन असंतुलन का कारण-Androgen Imbalance Causes in Hindu

महिलाओं में एंड्रोजन असंतुलन का सबसे आम कारण पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) है, जो प्रजनन आयु की महिलाओं को प्रभावित करने वाला एक हार्मोनल विकार है। अन्य कारणों में एड्रेनल ग्रंथि विकार जैसे जन्मजात एड्रेनल हाइपरप्लासिया, इंसुलिन सेंसिटिविटी, थायरॉयड डिसफंक्शन, कुछ दवाएं जैसे स्टेरॉयड और अंडाशय या एड्रेनल ग्रंथियों पर ट्यूमर शामिल हैं। इसके अलावा हमारी खराब लाइफस्टाइल और खाने-पीने से जुड़ी कमियां भी
एंड्रोजन असंतुलन का कारण बन सकती हैं।

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एंड्रोजन असंतुलन के लक्षण-Androgen Imbalance Symptoms in Hindi

एंड्रोजन की अधिकता के लक्षण अलग-अलग होते हैं, लेकिन कुछ आम लक्षण हैं जिनपर आपको ध्यान देने की जरूरत है। जैसे कि
-चेहरे या शरीर पर अत्यधिक बाल (हिर्सुटिज्म) का होना
-गंभीर मुंहासे या ऑयली स्किन की समस्या
-अनियमित या मासिक धर्म न आना
-सिर के बालों का पतला होना या पुरुषों जैसा गंजापन
-वजन बढ़ना, खास तौर पर पेट के आसपास
-आवाज का भारी होना
-स्तनों का आकार कम होना या कामेच्छा में बदलाव

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इन अंगों की सेहत को प्रभावित करता है एंड्रोजन असंतुलन

एंड्रोजन असंतुलन महिलाओं के कई अंगों को प्रभावित कर सकता है। जैसे कि पहले तो प्रजनन प्रणाली से जुड़े अंगों को प्रभावित कर सकता है। दूसरा, यह हृदय के काम काज को प्रभावित करने के साथ हड्डियां और मांसपेशियां को प्रभावित कर सकता है।

महिलाओं में एंड्रोजन असंतुलन का उपाय-Androgen Imbalance Management Tips

एण्ड्रोजन असंतुलन को प्रबंधित करने में अंतर्निहित कारण को संबोधित करना शामिल है। PCOS से संबंधित एण्ड्रोजन की अधिकता के लिए, जीवनशैली में बदलाव जैसे कि वजन कम करना, कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फूड्स का सेवन और नियमित व्यायाम हार्मोन को नियंत्रित करने और इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करने में मदद कर सकते हैं। हार्मोनल गर्भनिरोधक आमतौर पर एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के स्तर को संतुलित करने के लिए निर्धारित किए जाते हैं, जो एण्ड्रोजन उत्पादन को कम करने में मदद करते हैं। स्पिरोनोलैक्टोन जैसी एंटी-एण्ड्रोजन दवाओं का उपयोग मुंहासे और हिर्सुटिज़्म के इलाज के लिए किया जा सकता है। अगर एड्रेनल या डिम्बग्रंथि ट्यूमर इसका कारण है, तो सर्जिकल मदद लेनी पड़ सकती है।

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कौन से खाद्य पदार्थ एण्ड्रोजन को कम करते हैं-Which foods reduce androgens?

सबसे पहले तो अपनी डाइट में सीड साइकिलिंग शुरू करें और इसमें अलसी, कद्दू, चिया सीड्स और तमाम प्रकार के बीजों को शामिल करें जो कि एण्ड्रोजन कम करने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा आप अपनी डाइट में ओमेगा-3 से भरपूर फूड्स को शामिल कर सकते हैं जो कि एण्ड्रोजन को कम करने में मददगार है। इसके अलावा अगर आपको अपने हार्मोनल हेल्थ को सही रखना है तो ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियों और मौसमी सब्जियों को डाइट में शामिल करें। प्रोसेस्ड फूड्स के सेवन से बचें जो कि एण्ड्रोजन असंतुलन का कारण बन सकते हैं।

नियमित निगरानी और स्त्री रोग विशेषज्ञों, एंडोक्रिनोलॉजिस्ट और त्वचा विशेषज्ञों को शामिल करने वाला एक बहु-विषयक दृष्टिकोण प्रभावी प्रबंधन सुनिश्चित कर सकता है। इसके अलावा प्रारंभिक इलाज और कुछ उपचार हार्मोनल संतुलन को बहाल करने और बांझपन या चयापचय संबंधी विकारों जैसी दीर्घकालिक जटिलताओं को रोकने में मदद कर सकते हैं। तो जैसे ही आपको लक्षण महसूस हो, डॉक्टर के पास जाएं और फिर चेकअप करवाएं और अपनी जीवनशैली में सुधार के साथ सही ट्रीटमेंट लें।

FAQ

  • रेगुलर पीरियड लाने के लिए क्या करना चाहिए?

    रेगुलर पीरियड लाने के लिए पहले तो अपनी डाइट को सही रखें और दूसरा तनाव से दूर रहें। इसके अलावा आप अपनी डाइट में गुड़, चना और खजूर जैसी चीजों को शामिल कर सकते हैं।
  • कौन से बीज गर्भधारण करने में मदद करते हैं?

    अलसी के बीज गर्भधारण में मदद करते हैं और इसके लिए महिलाओं के हार्मोनल हेल्थ को बढ़ावा देते हैं।
  • क्या महिलाओं में ही एंड्रोजन असंतुलन होता है?

    हां, महिलाओं में यह स्थिति ज्यादा होती है क्योंकि उनमें ही हार्मोन्स असंतुलन का खतरा ज्यादा होता है।

 

 

 

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  • Current Version

  • Oct 27, 2025 12:30 IST

    Published By : Pallavi Kumari