
ब्रोंकाइटिस, एक ऐसी बीमारी है जो कि फेफड़ों की छोटी-छोटी नलियों में सूजन की वजह बनती है। ब्रोंकाइटिस के मरीज लंबे समय तक रहने वाली खांसी से प्रभावित रहते हैं। इसमें फेफड़ों की सूजन जल्दी कम नहीं होती है और रह-रहकर लौट आती है। ऐसी स्थिति में कुछ आयुर्वेदिक इलाज आपके लिए बेहद कारगर तरीके से काम कर सकते हैं जैसे कि वसाका, वसा या फिर अडूसा जड़ीबूटी। खास बात ये है कि ये जड़ीबूटी एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों के साथ कफ को तोड़ने वाली भी है जो कि फेफड़ों को साफ करने में कारगर तरीके से मदद कर सकती है। इसके अलावा भी इसके कई फायदे हैं जिसके बारे में हमने रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से बात की।
ब्रोंकाइटिस में वसा या अडूसा जड़ी बूटी के फायदे-Adusa vasaka benefits in bronchitis
आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि वसा या वासा, एक ऐसी जड़ीबूटी है जिसका इस्तेमाल आयुर्वेद और एलोपैथिक दवाओं, दोनों में किया जाता है। इस जड़ीबूटी के सेवन से फेफड़ों की सूजन कम होती है और आमतौर पर इसे कफ सिरप के रूप में ही दिया जाता है। इसे मालाबार नट के नाम से भी जाना जाता है जो कि फेफड़ों को साफ करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। बात अब ब्रोंकाइटिस में इसके फायदे की करें तो इसमें कई ऐसे गुण हैं जो कि ब्रोंकाइटिस में कारगर तरीके से मददगार साबित हो सकते हैं। जैसे कि
कंजेशन कम करने में मददगार
वसाका जड़ीबूटी फेफड़ों की कंजेशन को कम करने में मददगार है। ये फेफड़ों में बार-बार बनते बलगम को तोड़ने और इसे आसानी से बाहर निकालने में मददगार है। इसके अलावा से श्वांस नलियों को साफ करने और सांस से जुड़ी समस्याओं में कमी लाने वाला है जिससे व्यक्ति बेहतर महसूस करता है और फेफड़े भी खुद को जल्दी-जल्दी हील कर पाते हैं।
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फेफड़ों की सूजन और घरघराहट में कारगर
लंबे समय तक खांसी, सीने में जकड़न और गले में लगातार जलन ब्रोंकाइटिस के आम लक्षण हैं। इन स्थितियों में सामान्य सांस लेना भी मुश्किल हो सकता है। ऐसे में वसाला एक प्राकृतिक ब्रोन्कोडायलेटर है और वायुमार्गों को खोलने की अपनी क्षमता के लिए जाना जाता है। ये बलगम को साफ करने, उत्तेजित वायुमार्गों को शांत करने और सांस लेने में आसानी में मदद करता है, जिससे फेफड़ों की सूजन और घरघराहट में कमी आती है और व्यक्ति बेहतर महसूस करता है।

ब्रोंकाइटिस में कैसे करें इस वसाका जड़ीबूटी का सेवन
वसाका का काढ़ा पिएं
वसाका के पत्तों को अदरक और काली मिर्च के साथ उबालकर और इसमें शहद मिलाकर आप इसका सेवन कर सकते हैं। यह बलगम को साफ करने में मदद करता है। आप इसे दिनभर में 2 बार ले सकते हैं।
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वासाका के पत्तों का रस शहज में मिलाकर लें
वासाका के पत्तों का रस शहद के साथ मिलाएं और इसे दिन में एक-एक चम्मच 3 बार लें। ये हर्बल टॉनिक की तरह काम करता है और लगातार होने वाली खांसी, जुकाम और यहां तक कि अस्थमा के लिए भी बहुत अच्छा है। इसके अलावा आप इसका सिरप भी ले सकते हैं जो कि ब्रोंकाइटिस के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। बड़ों के लिए दिन में दो बार 10 मिलीलीटर यानी 1 बड़ा चम्मच और बच्चों के लिए दिन में दो बार 5 मिलीलीटर 1 छोटा चम्मच लें।
ध्यान रखें कि इसे खाली पेट लेने से बचें। भोजन के बाद या किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक के निर्देशानुसार इसे लें तो ये जल्दी काम करेगा और आपको ब्रोंकाइटिस के लक्षणों से राहत मिलेगी।
FAQ
फेफड़ों में घरघराहट कैसे रोकें?
फेफड़ों में घरघराहट तब होती है जो आपकी सांस नलियां सकड़ी हो जाती हैं और आपको सांस लेने में दिक्कत होती है। ऐसे में आप फेफड़ों को साफ करने के लिए काढ़ा लें या फिर गर्म पानी का भाप लें जो कि इसकी सफाई में बेहद कारगर तरीके से मददगार है।कमजोर फेफड़ों के क्या लक्षण हैं?
कमजोर फेफड़ों के कई लक्षण हैं जैसे कि अगर आपके फेफड़े कमजोर होते हैं जो आप आसानी से बार-बार फेफड़ों के इंफेक्शन के शिकार हो सकते हैं। इसके अलावा आपकी सांस फूल सकती है, लगातार खांसी, सीने में दर्द और कंजेशन की समस्या लंबे समय तक रह सकती है।निमोनिया कैसे होता है?
निमोनिया फेफड़ों का एक संक्रमण है जो बैक्टीरियल, वायरल और फंगल इंफेक्शन की वजह से हो सकता है। इसमें फेफड़ों में तरल पदार्थ या मवाद भर जाता है और व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत होने लगती है।
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Current Version
Oct 26, 2025 16:47 IST
Published By : Pallavi Kumari