सर्दियो में बैक्टीरियल और वायरल इंफेक्शन होने की संभावना बढ़ जाती है। इस मौसम में वयस्कों और बच्चों को फेफड़ों और रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट से जुड़ी समस्याएं हो सकती है। इसकी वजह से बच्चों को बार-बार खांसी हो सकती है। यह बच्चों में ब्रोंकाइटिस का लक्षण हो सकता है। दरअसल, ब्रोंकाइटिस रेस्पिरेटरी से जुड़ी से समस्या है। इसमें ब्रोंकियल नलियों में सूजन हो जाती है। यह नलियां ऑक्सीजन को फेफड़ों तक ले जाने का कार्य करती हैं। यह समस्या लंबे समय तक चल सकती है। इसमें बच्चों में खांसी, बलगम, सीने में तकलीफ और सांस लेने में परेशानी जैसे कुछ लक्षण दिखाई दे सकते हैं। वायरल संक्रमण इसकी एक मुख्य वजह मानी जाती है। बच्चों के डॉक्टर पीडियाट्रिशियन आरती गुप्ता से जानते हैं कि बच्चों में ब्रोंकाइटिस के क्या कारण होते हैं और इसका इलाज कैसे किया जाता है।
बच्चों में ब्रोंकाइटिस के कारण - Causes Of Bronchitis In Children in Hindi
वायरल इंफेक्शन
बच्चों में ब्रोंकाइटिस के अधिकांश मामले वायरल इंफेक्शन के कारण होते हैं। रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस (आरएसवी), इन्फ्लूएंजा और एडेनोवायरस इसकी मुख्य वजह माने जाते हैं। ये वायरस रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट को प्रभावित करते हैं, जिससे ब्रोन्कियल नलियों में सूजन हो जाती है। जिन बच्चों का इम्यून सिस्टम डेवलप हो रहा होता है, उनके लिए यह समस्या गंभीर हो सकती है।
बैक्टीरियल इंफेक्शन
वायरल ब्रोंकाइटिस के अलावा बैक्टीरियल इंफेक्शन भी बच्चों में ब्रोंकाइटिस की समस्या का कारण बन सकता है। लेकिन, बैक्टीरियल इंफेक्शन के मामले कम देखने को मिलते हैं। स्ट्रेप्टोकोकस न्यूमोनिया और हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा बैक्टीरिया अक्सर ब्रोंकाइटिस से जुड़े होते हैं। बैक्टीरियल ब्रोंकाइटिस तेजी से फैलता है। साथ ही, यह वायरल संक्रमण के बाद हो सकता है।
मौसम में बदलाव
मौसम में बदलाव के कारण बच्चों में ब्रोंकाइटिस हो सकता है। इसके अलावा, यदि कोई बच्चों के पास धूम्रपान करता है, वायु प्रदूषण व पालतू जानवरों की रूसी भी बच्चों में एलर्जी हो सकती है। ऐसे में रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट में जलन और सूजन हो सकती है। जिन बच्चों को अस्थमा होता है, उनके लिए यह समस्या जोखिम भरी हो सकती है।
इम्यून सिस्टम कमजोर होना
जिन बच्चों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है। उनको ब्रोंकाइटिस के साथ अन्य रेस्पिरेटरी इंफेक्शन होने का खतरा अधिक होता है। बच्चों में लंबे समय से चली आ रही बीमारियां उनके इम्यून सिस्टम को कमजोर कर सकती है। इससे बच्चे के रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट में इंफेक्शन होने की संभावना बढ़ जाती है।
बच्चों में ब्रोंकाइटिस का इलाज कैसे करें - Treatment Of Bronchitis In Children in Hindi
- वायरल ब्रोंकाइटिस में बुखार और खांसी जैसे लक्षणों को कम करने के लिए आराम, पर्याप्त पानी पीने और ओवर-द-काउंटर दवाएं लेने की सलाह दी जाती है। गंभीर मामलों में, अस्पताल में भर्ती करना आवश्यक हो सकता है।
- बैक्टीरियल ब्रोंकाइटिस के लिए एंटीबायोटिक्स दवाएं दी जा सकती हैं। एंटीबायोटिक बच्चों के लक्षणों में सुधार करने के लिए दी जा सकती है। इस दौरान बच्चे को आराम करने की सलाह दी जाती है।
- बच्चे को ब्रोंकाइटिस को ट्रिगर करने वाले कारक को पहचान उसे दूर करने के लिए कहा जा सकता है। इसके अलावा, जिन बच्चों को पहले से ही अस्थमा है उनको कॉर्टिकोस्टेस्टेरॉइड्स या इनहेल्ड ब्रोंकोडायलेटर्स दिए जा सकते हैं। ऐसे में घर को साफ रखने से बच्चे के लक्षणों को कम किया जा सकता है।
- जिन बच्चों का इम्यून सिस्टम कमजोर है उनको बाहर से आने के बाद हाथों को साफ से धोने और उसके बाद ही खाने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा, कुछ मामलों में इम्युनोग्लोबुलिन थेरेपी या अन्य इम्यूनोमॉड्यूलेटरी इलाज दिए जा सकते हैं।
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बच्चे को श्वसन तंत्र से जुड़े रोगों से बचाने के लिए उन्हें मास्क पहनाएं। साथ ही, यदि किसी व्यक्ति को इंफेक्शन है तो बच्चे को उससे दूर रखें। इसके अलावा बच्चे को बाहर से आने के बाद हाथ-पैर धोने की आदत डालें। अगर, बच्चे को खांसी या अन्य समस्या है तो उसे तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं।