हम अखबारों में करंट लगने की कई खबरें पड़ते हैं पर क्या आपको पता है कि आपके घर या आसपास में किसी को करंट लग जाए तो आपको उसकी मदद के लिए क्या करना चाहिए? आज हम आपको बताएंगे कि किसी व्यक्ति को अगर करंट लग जाए तो उसकी जान बचाने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। सबसे पहले तो आपको ये देखना है कि करंट का माध्यम क्या है। अगर वो कोई डिवाइस है तो उसे बंद कर दें। आसपास रखी लोहे या पानी को हटा दें। इससे करंट पास हो सकता है। इसी तरह कई जरूरी बातें हैं जिनका आपको ध्यान रखना है। इस विषय पर ज्यादा जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
करंट लगने से शरीर पर क्या असर पड़ता है? (Adverse effects of current on body)
इलेक्ट्रिक शॉक या करंट लगने से त्वचा जल सकती है या छाले पड़ सकते हैं। शरीर का कोई अंग पैरालाइज भी हो सकता है। इससे दिमाग पर गहरा असर पड़ता है। इंसान शॉक में जा सकता है। दिल के दौरे का भी खतरा रहता है। तेज करंट से दिल की धड़कन रुक सकती है। उस कंडीशन में व्यक्ति की मौत भी हो सकती है।
1. करंट लगने के बाद क्या करें? (How to treat electric shock)
किसी को आपके आसपास करंट लगा है तो करंट तुरंत एंबुलेंस बुलाएं। इसके बाद दाईं या बाईं ओर पीड़ित को करवट देकर लिटा दें। व्यक्ति का एक हाथ आगे की तरफ और दूसरा हाथ सिर के नीचे कर दें। आपको ये भी चेक करना है कि व्यक्ति सांस ले रहा है या नहीं। उसके एक पैर को सीधा कर दें और दूसरे को मोड़ कर लिटाएं। इस पूरी प्रक्रिया को मेडिकल भाषा में रिकवरी पोजिशन के नाम से जाना जाता है।
2. किसी व्यक्ति को करंट से बचाने के लिए क्या करें? (Treatment of electric current)
अगर आपके सामने किसी को करंट लगा है तो उसे बचाने के लिए आपको पहले खुद को सेफ रखना है। इसके लिए उस व्यक्ति से दूर रहें जिसे करंट लग रहा है। पास जाने से आपको भी करंट लग सकता है। इसके बाद सबसे देखें कि करंट का फ्लो कहां से आ रहा है। अगर कोई इलेक्ट्रिक डिवाइस है तो उसका स्विच बंद कर दें। जिसे करंट लग रहा है उसे सूखी लकड़ी की छड़ या डंडी की मदद से करंट से अलग करने की कोशिश करें। प्लग या इलेक्ट्रिक डिवाइस को भी लकड़ी की मदद से ही बंद करें।
3. करंट लगने पर सांस लेने में तकलीफ हो तो क्या करें? (Respiratory problem due to shock)
करंट लगने के वजह से शरीर का अंग सुन्न हो जाता है या वहां लकवा मार जाता है। अगर पीड़ित व्यक्ति खांस रहा है या उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही है तो आपको सीपीआर तकनीक शुरू कर देनी चाहिए। सीपीआर का मतलब है कार्डियो पल्मोनरी रेसूसिटेशन Cardio pulmonary resuscitation, बेहोश इंसान को होश में लाने के लिए ये तकनीक की जाती है। अगर नॉर्मल सांस चल रही है तो इसकी जरूरत नहीं पड़ती। इसमें व्यक्ति के दिल को हर मिनट कम से कम 100 बार दबाया जाता है।
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4. होश में आते ही क्या करना चाहिए? (Healing a person from electric shock)
अगर करंत लगने से पीड़ित बेहोश हो गया हो तो उसे डॉक्टर के पास लेकर जाएं। अगर उसे होश आ जाए तो कुछ खाने-पीने के लिए दें। जिस जगह करंट लगा है या करंट लगने से अगर शरीर का हिस्सा जल गया है तो उसे करवट दिलाएं और वहां मरहम लगा दें।
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5. करंट लगने से शरीर जल जाए तो क्या करें? (Treatment of burns by current)
करंट या शॉक लगने से इंसान जल भी जाता है। ऐसा होने पर घाव को पानी से धो लें। जले हुए घाव को कभी भी कंबल से नहीं लपेटना चाहिए। अगर घाव में ब्लीडिंग हो रही है तो जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचे और तब तक खून रोकने के लिए घाव वाली जगह को साफ और सूखे कपड़े से बांध दें।
6. करंट लगने पर कौनसे टेस्ट करवाएं? (Medical tests after electric current)
आपको इस बात का ध्यान रखना है कि जिसे करंट लगा है उसे तुरंत अस्तताल लेकर जाएं।कभी-कभी व्यक्ति दिखने में नॉर्मल लगता है पर जब तक डॉक्टर जांच न कर ले तब तक संतुष्टि नहीं हो सकती। करंट लगने पर डॉक्टर ईसीजी, ब्लड टेस्ट, एमआरआई, सीटी स्कैन करवाने के लिए कह सकते हैं।
करंट लगने पर व्यक्ति को तुरंत अस्तताल ले जाएं, व्यक्ति नॉर्मल हो फिर भी चेकअप जरूर करवाएं क्योंकि कई बार बाद में परेशानी का पता चलता है।
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