Sarcopenia Muscle Loss: सार्कोपेनिया एक बीमारी है जो बढ़ती उम्र के कारण होती है। सार्कोपेनिया होने पर हाथ-पैरों में कमजोरी और दर्द महसूस होता है। आपको बता दें कि 30 की उम्र के बाद यह क्षति शुरू हो जाती है। मांसपेशियों की ताकत केवल उम्र से संबंधित नहीं है। एक अनुमान के मुताबिक दुनिया के 50 मिलियन लोगों को यह बीमारी है। इस बीमारी के कारण हड्डी के टूटने का जोखिम बढ़ जाता है। 70 वर्ष की आयु के बाद, इस समस्या की संभावना दोगुना हो जाती है। इस लेख में हम जानेंगे सार्कोपेनिया के लक्षण, कारण और इलाज। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
सार्कोपेनिया के लक्षण- Sarcopenia Symptoms
- हाथ की पकड़ कम होना।
- मांसपेशियों में कमी।
- कमजोरी और थकान हो सकती है।
- ऊर्जा की कमी हो सकती है।
- वजन कम होना।
- हड्डियाँ भी कमजोर हो सकती हैं। इससे व्यक्ति को अधिक चोट या फ्रैक्चर का खतरा हो सकता है।
सार्कोपेनिया के कारण- Sarcopenia Causes
- आहार में प्रोटीन की कमी।
- उम्र बढ़ने के साथ-साथ मांसपेशियों के कमजोर होने का प्राकृतिक स्थिति।
- नियमित व्यायाम न करना या कम करना।
- अस्वस्थ जीवनशैली।
- शराब या धूम्रपान का अधिक सेवन।
- बीमारियां होना जैसे कि कैंसर, डायबिटीज, और हृदय रोग आदि।
सार्कोपेनिया से बचने के उपाय- Sarcopenia Prevention Tips
- सार्कोपेनिया से बचना चाहते हैं, तो नाश्ता स्किप न करें। सुबह के हेल्दी नाश्ते से शरीर को पोषक तत्व मिलते हैं और मांसपेशियां मजबूत होती हैं।
- इस समस्या से बचने के लिए बॉडी को एक्टिव रखें और जॉगिंग, बैडमिंटन और क्रिकेट जैसे खेल खेलें।
- शरीर में पोषक तत्वों की कमी को दूर करने के लिए डॉक्टर की सलाह पर न्यूट्रीशन सप्लीमेंट्स ले सकते हैं।
सार्कोपेनिया का उपाय- Sarcopenia Treatment
- सार्कोपेनिया का इलाज और इससे बचने का उपाय है आप डाइट में प्रोटीन रिच फूड को शामिल करें। दाल, चीला, पनीर, टोफू और जिन जिन चीजों में प्रोटीन पाया जाता है, उसे डाइट में शामिल करें।
- सार्कोपेनिया से बचने के लिए अपनी डाइट में विटामिन-डी को शामिल करें। इससे हड्डियों को मजबूती मिलती है लेकिन जिन लोगों की उम्र ज्यादा होती है उन्हें विटामिन-डी के लिए सप्लीमेंट खाने की जरूरत पड़ सकती है।
- मांसपेशियों की हानि को रोकने के लिए आप स्ट्रेंथ एक्सरसाइज करें।
- हाथ और पैरों की स्ट्रेचिंग करके भी मसल्स को मजबूत बना सकते हैं, बुजुर्गों के लिए यह मसल्स लॉस से बचने का आसान तरीका है।
इसके अलावा हलासन, शीर्षासन और पद्मासन जैसे योग करके भी आप मांसपेशियों को मजबूत बना सकते हैं।