मछली के तेल में पाया जानेवाला ओमेगा-3एस सर्जरी के दौरान रक्तस्त्राव के जोखिम को कम करता है। वर्तमान में मान्यता यह है कि सर्जरी से पहले मछली का तेल खाना बंद कर देना चाहिए। शोधकर्ताओं ने यह जानकारी दी है। मछली का तेल हाइपरट्रिग्लीसेरीडेमिया या कार्डियोवैस्कुलर (हृदय संबंधी) बीमारी की रोकथाम के लिए सबसे आम प्राकृतिक पूरक है। हालांकि सर्जरी के दौरान रक्तस्त्राव के जोखिम को कम करने के लिए मरीजों को सर्जरी से पहले मछली का तेल लेने से मना करने की सिफारिश की जाती है या जो मरीज मछली का तेल रहे हैं, उनकी सर्जरी में देरी करने की सिफारिश की जाती है।
यह शोध सर्कुलेशन नाम के जर्नल में प्रकाशित किया गया है, जिसमें बताया गया है कि रक्त में ओमेगा-3 की उच्च मात्रा - ईपीए और डीएचए मिलकर रक्तस्त्राव के जोखिम को कम करता है। यह शोध कुल 1,516 मरीजों पर किया गया, जिनकी कार्डिएक सर्जरी होनी थी। आधे मरीजों को ओमेगा-3एस का डोज दिया गया, जबकि आधे मरीजों को प्लेसबो (शोध के लिए झूठी-मूठी दवाई देना) दिए गए। शोध के दौरान पाया गया कि जिन मरीजों को ओमेगा-3एस दिया गया था, उनमें सर्जरी के दौरान चढ़ाने के लिए कम यूनिट रक्त की जरूरत पड़ी।
ओमेगाक्वांट के संस्थापक बिल हैरिस ने कहा, "इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला है कि कार्डिएक सर्जरी से पहले मछली के तेल का सेवन रोकने या सर्जरी में देरी की जो सिफारिश की जाती है, उस पर पुर्नविचार करने की जरूरत है।" ओमेगा-3एस खासतौर से ईपीए और डीएचए हृदय, मस्तिष्क, आंखें और जोड़ों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन ज्यादातर लोग इस मूल्यवान फैटी एसिड का पर्याप्त सेवन नहीं करते हैं, जो स्वास्थ्य संबंधी गंभीर खतरों का जोखिम बढ़ाता है।
मछली के तेल के अन्य लाभ
- गर्भावस्था में महिलाओं द्वारा मछली के तेल के सेवन से गर्भस्थ शिशु के मस्तिष्क और आंखों के विकास में सुधार होता है। इस तेल में डी एच ए की उपस्थिति के कारण गर्भस्थ शिशु के शारीरिक विकास में भी सहायता मिलती है।
- मछली के तेल के सही उपयोग से होने वाले बच्चे का विकास सही तरह से होता है, इतना ही नहीं, इस तेल के सेवन से एक स्वस्थ और हेल्थी बच्चे, को जन्म देने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
- मछली के तेल में ओमेगा-3 और डीएचए पाए जाने के कारण बच्चे के दिमाग का उचित विकास करने में मदद मिलती है। ऐसे में बच्चा सामान्य बच्चों से अधिक तेज होता है।
- मछली के तेल से एक और जहां स्वस्थ शिशु को जन्म दिया जा सकता है वही, यह तेल गर्भवती महिलाओं को आहार का एक भाग भी प्रदान करता है। इतना ही नहीं इससे ऑक्सीजन और पोषक तत्वों के बीच रक्त परिसंचरण को भी सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है।
- शोधों में भी ये बात साबित हो चुकी है कि मछली के तेल के उपयोग से गर्भ में पल रहे बच्चे के मस्तिष्क विकास और हाथों और आंखों जैसे अंगों को काफी मजबूती मिलती है। इतना ही नहीं इन बच्चों के रक्त में ओमेगा-3 फैटी एसिड की मात्रा पर्याप्त होती है जो जिससे बच्चे में किसी भी विकार के होने की संभावनाएं खत्म हो जाती है।
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