क्या याेगा से नसाें की ब्लॉकेज काे खाेला जा सकता है? ( Yoga Asanas to Open Blockage in Veins) शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर हाेता है, ताे आप हमेशा स्वस्थ रह सकते हैं। ब्लड सर्कुलेशन सही न हाेने पर तरह-तरह के राेग पैदा हाेने लगते हैं। इन्हीं में से एक है नसाें की ब्लॉकेज। रक्त प्रवाह सही न हाेने पर नसाें में ब्लॉकेज हाेने लगती हैं, जिससे व्यक्ति काे चलने-फिरने, उठने-बैठने में परेशानी हाेती है।
शरीर में सुन्नपन आना, हाथ-पैर ठंडे पड़ जाना, मांसपेशियाें में ऐंठन आदि खराब ब्लड सर्कुलेशन के लक्षण हैं। इसलिए शरीर में ब्लड सर्कुलेशन या रक्त प्रवाह का सही हाेना बहुत जरूरी है। वैसे ताे अच्छी डाइट, धूम्रपान-शराब से दूरी बनाकर रक्त के प्रवाह काे ठीक किया जा सकता है, लेकिन अगर नियमित रूप से याेगाभ्यास किया जाए, ताे रक्त का प्रवाह बेहतर हाेने लगता है। याेगा ब्लड सर्कुलेशन काे काफी हद तक इंप्रूव करता है। जानें ब्लॉक नसाें काे खाेलने और ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने के लिए इन 3 बेहतरीन याेगासनाें के बारे में-
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1. अधाेमुख श्वानासन (Adho Mukha Svanasana)
अधाेमुख श्वानासन ब्लड सर्कुलेशन काे बेहतर बनाने में मदद करता है। यह पैराें, हाथाें, कूल्हाें की मांसपेशियाें काे मजबूत बनाता है। यह हृदय के लिए भी एक अच्छा याेगासन है। यह हैमस्ट्रिंग काे भी मजबूत बनाता है। ब्लॉक नसाें काे खाेलने के लिए अधाेमुख श्वानासन एक बेहतर याेगासन है (ब्लॉक नसाें काे खाेलने के उपाय)। अगर आपकी नस भी ब्लॉक है, ताे आप इस याेगासन काे राेज कर सकते हैं। इससे शरीर में रक्त काे प्रवाह सही रहता है और नस सही तरीके से कार्य करती हैं।
अधाेमुख श्वानासन करने का तरीका (How to do Adho Mukha Svanasana)
- इस आसन काे करने के लिए सबसे पहले जमीन पर सीधे खड़े हाे जाएं।
- अपने दाेनाें हाथाें काे आगे की तरफ लाते हुए जमीन की तरफ झुक जाएं और हथेलियाें काे जमीन पर रखें।
- आगे की तरफ झुकते समय अपने घुटनाें काे एकदम सीधा रखें।
- अपनी हथेलियाें काे जमीन पर रखें और हाथाें काे बिल्कुल सीधा रखें।
- कूल्हाें काे जितना हाे सके ऊपर उठाने का प्रयास करें।
- इस याेगासन में आपके हाथ, पीठ, कमर और पैर एकदम सीधे हाेने चाहिए।
- सिर हल्का सा जमीन की तरफ झुका हाेना चाहिए। आंखाें काे जमीन की तरफ रखें। पीठ के बराबर में ही सिर काे रखें
- यह अवस्था अधाेमुख श्वानासन की है। इसमें सांस लें और छाेडें।
- कुछ देर इस स्थिति में रहने के बाद सामान्य स्थिति में आ जाएं।
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2. त्रिकाेणासन (Trikonasana)
त्रिकाेणासन काे Triangle Pose भी कहा जाता है। यह एक स्टेंडिंग पाेज है। ब्लॉक नसाें काे खाेलने के लिए इस आसन का अभ्यास किया जा सकता है। त्रिकाेणासन मांसपेशियाें काे टाेन करने में मदद करता है। साथ ही इसे राेज करने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन भी बढ़ता है। यह ब्रेस्ट का विकास करने में भी सहायक हाेता है। अगर आपका ब्लड सर्कुलेशन खराब है, ताे इस याेगासन काे कर सकते हैं।
त्रिकाेणासन की विधि (How to do Trikonasana)
- इस आसन काे करने के लिए सबसे पहले दाेनाें पैराें के बीच 3-4 फीट का गैप बना लें और सीधे खड़े हाे जाएं।
- दाएं पैर काे 90 डिग्री पर बाहर की तरफ रखें और बाएं पैर काे 15 डिग्री पर रखें।
- अब दाएं पैर की एड़ी के केंद्र बिंदु काे बाएं पैर के आर्च के केंद्र की सीध में रखें।
- इस दौरान ध्यान रखें कि शरीर का वजन दाेनाें पैराें पर बराबर हाे।
- लंबी गहरी सांस लें। अब सांस छाेड़ते हुए शरीर काे कूल्हाें के नीचे से दाईं तरफ माेड़ लें। शरीर काे माेड़ते समय कमर काे एकदम सीधा रखें।
- बाएं हाथ काे ऊपर उठाएं और दाएं हाथ से जमीन काे छुएं।
- दाेनाें हाथ ऊपर-नीचे काे एक ही लाइन में हाेने चाहिए।
- इस अवस्था में लंबी गहरी सांस लें और छाेड़ें।
- कुछ देर इस अवस्था में रहने के बाद सामान्य अवस्था में आ जाएं।
- अब इसी प्रक्रिया काे पैराें की साइड बदलकर करें। यानी इस बार बाएं पैर काे 90 डिग्री और दाएं पैर काे 15 डिग्री पर रखकर याेग करें।
- आप इस प्रक्रिया काे 3-5 बार दाेहरा सकते हैं।
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3. विपरीत करणी याेगासन (Viparita Karani Yogasanas)
यह (विपरीत करणी याेगासन के फायदे-सावधानियां) एक संस्कृत शब्द है, जाे उल्टे हाेने के कार्य काे दर्शाता है। यह विपरीत और करनी दाे शब्दाें से मिलकर बना है। इसमें विपरीत यानी उल्टा और करणी यानी करना हाेता है। इस आसन में सर्वांगासन की तरह की पैराें काे ऊपर करना हाेता है। इस पाेज काे करना बहुत ही आसन है। यह लेटकर किए जाने वाले आसनाें में से एक है। इस याेगासन में पैर ऊपर और हृदय नीचे हाेता है, जिससे ब्लड सर्कुलेशन काफी तेज और बेहतर हाेता है। इस याेगासन काे राेज करने से कई बीमारियां अपने आप ही ठीक हाे जाती हैं। इस याेगासन काे किसी भी उम्र में किया जा सकता है। बंद या ब्लॉक नसाें काे खाेलने के लिए इस याेगासन का अभ्यास किया जा सकता है। यह ब्लड सर्कुलेशन में सुधार के साथ ही हैमस्ट्रिंग और कंधाें काे भी स्ट्रेच करता है।
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विपरीत करणी आसन की विधि (How to do Viparita Karani Yogasanas)
- इस आसन काे करने के लिए सबसे पहले एक याेगा मैट बिछा लें।
- इस मैट पर पीठ के बल लेट जाएं।
- अब अपने दाेनाें हाथाें और पैराें काे जमीन पर एकदम सीधा रखें।
- धीरे-धीरे अपने दाेनाें पैराें काे ऊपर उठाएं और बाकि के शरीर काे जमीन पर ही रहने दें।
- आपके दाेनाें पैर 90 डिग्री पर हाेने चाहिए।
- आप चाहें ताे अपने हिप्स के नीचे काेई तकिया या कंबल भी रख सकते हैं।
- पीठ और सिर फर्श पर ही हाेने चाहिए।
- अब अपनी आंखाें काे बंद कर लें और इस स्थिति में सांस लें और छाेड़ें।
- इस आसन में आप करीब 5 मिनट तक रह सकते हैं। इसके बाद सामान्य अवस्था में आ जाएं।
- आप चाहें ताे शुरुआत में पैराें काे दीवार से सहारा भी दे सकते हैं।
अगर आपके भी हाथ-पैराें में बार-बार सुन्नपन आता है, ताे हाे सकता है कि आपका ब्लड सर्कुलेशन सही तरीके से नहीं हाे पा रहा है। ऐसे में आप इन याेगासनाें काे अभ्यास नियमित रूप से कर सकते हैं। अगर आपके हाथ-पैराें में दर्द हैं, हृदय राेग से पीड़ित है या काेई सर्जरी हूई है, ताे एक्सपर्ट की सलाह पर ही काेई भी याेगासन करें। साथ ही शुरुआत में इन याेगासनाें काे एक्सपर्ट की देखरेख में ही करें।